भारत और यूनान के बीच हवाई सेवा समझौते को मंज़ूरी | 23 Feb 2017

समाचारों में क्यों ?

सरकार ने यूनान द्विपक्षीय वायु सेवा करार (एएसए) पर दस्तखत को मंज़ूरी दे दी। इससे दोनों देशों की एयरलाइनों को एक-दूसरे के क्षेत्र में उड़ान की अनुमति मिल जाएगी। विदित हो कि भारत ने यूनान के साथ सितंबर, 2016 में ‘मुक्त आकाश’ करार पर दस्तखत किये थे। उससे पहले गत जून में भारत ने नई नागर विमानन नीति पेश की थी। फिलहाल भारत और दक्षिणपूर्व यूरोपीय देश यूनान के बीच किसी तरह का वायु संपर्क नहीं है।

एएसए की प्रमुख विशेषताएँ

  • भारत और यूनान दोनों एक या एक से अधिक विमानन कंपनी को नामित करने के हकदार होंगे। दोनों देशों की नामित विमानन कंपनीयों को एक-दूसरे देश के परिक्षेत्र में अपना कार्यालय खोलने का अधिकार होगा ताकि वह अपनी हवाई सेवाओं की बिक्री को बढ़ावा दे सके।
  • दोनों देशों की नामित विमानन कंपनियों को विनिर्दिष्‍ट मार्गों पर सहमति के साथ सेवाओं के संचालन के लिये उचित एवं समान अवसर उपलब्ध होंगे। प्रत्‍येक पक्ष की नामित विमानन कंपनी को समान पक्ष, अन्‍य पक्ष एवं तीसरे देश की नामित विमानन कंपनियों के साथ सहायक विपणन व्‍यवस्‍था करने का अधिकार होगा।
  • इस हवाई सेवा के शुरू होने से अनुकूल माहौल उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी और दोनों देशों के बीच बाधारहित संपर्क बढ़ेगा। इससे दोनों देशों की विमानन कंपनियों को वाणिज्यिक अवसर उपलब्ध होंगे तथा बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी।

निष्कर्ष

  • वर्तमान में भारत और यूनान के बीच कोई भी वायु संपर्क समझौता नहीं है। यह समझौता अंतर्राष्ट्रीय नागर विमानन संगठन (International Civil Aviation Organization- ICAO) के नए दिशानिर्देशों के अनुरूप है और इसे दोनों देशों के बीच हवाई संपर्क में सुधार लाने के उद्देश्‍य से तैयार किया गया है।
  • गौरतलब है कि नागर विमानन नीति के अनुसार भारत सरकार दक्षेस देशों और नई दिल्ली से 5,000 किलोमीटर दूर स्थित क्षेत्र वाले देशों के साथ परस्पर हित के आधार पर मुक्त आकाश करार पर दस्तखत कर सकती है।