कमज़ोर पीएसयू की स्थिति में सुधार हेतु एक और प्रयास | 08 Jun 2018
चर्चा में क्यों?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कमज़ोर/घाटे में चल रहे केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों (Central Public Sector Enterprises-CPSEs) को समयबद्ध तरीके से बंद करने तथा उनकी चल एवं अंचल संपत्तियों के निपटारे के लिये सार्वजनिक उपक्रम विभाग (Department of Public Enterprises-DPE) के संशोधित दिशा-निर्देशों को मंज़ूरी दी है।
- संशोधित दिशा-निर्देशों से कमज़ोर/घाटे में चल रहे केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों को बंद करने की योजनाओं को लागू करने में हो रही देरी से निपटने में मदद मिलेगी। ये दिशा-निर्देश डीपीई द्वारा सितंबर 2016 में जारी दिशा-निर्देश की जगह लेंगे।
मुख्य बिंदु
- इन दिशा-निर्देशों से सीपीएसई को बंद करने के लिये तथा विभिन्न प्रक्रियाओं को तेज़ी से पूरा करने के लिये एक व्यापक ढाँचा उपलब्ध होगा।
- इसके तहत सीपीएसई को चरणबद्ध तरीके से बंद करने के लिये इस प्रक्रिया से संबंधित मंत्रालयों/विभागों/सीपीएसई आदि की जिम्मेदारियाँ तय की जाएंगी।
- प्रशासनिक मंत्रालयों/विभागों एवं सीपीएसई द्वारा कार्ययोजना पहले से ही तैयार करने, सीपीएसई को बंद करने का प्रस्ताव तैयार करने, वैधानिक मुद्दों एवं अन्य दायित्व तय करने तथा इन सीपीएसई की चल एवं अचल संपत्तियों को समयबद्ध तरीके से निपटाने में मदद मिलेगी।
- इन दिशा-निर्देशों के तहत बंद होने वाले केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों की भू-संपत्तियों का इस्तेमाल आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय (Ministry of Housing and Urban Affairs-MoHUA) के संबद्ध दिशा-निर्देशों के तहत किफायती आवासीय परियोजनाओं में किया जाएगा।
- चूँकि इन केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों में अभी भी कर्मचारी कार्यरत हैं, इसलिये सरकार ने निर्णय लिया है कि इन दिशा-निर्देशों का अनुपालन इस ढंग से होना चाहिये कि इन कर्मचारियों को किसी प्रकार की कठिनाई न हो।
- यही कारण है कि सभी कार्यरत कर्मचारियों को 2007 के राष्ट्रीय वेतन भत्ते पर वीआरएस देने के लिये एक समान नीति तैयार की जा रही है।
उक्त दिशा-निर्देश किस पर लागू होंगे?
- प्रशासनिक मंत्रालय/विभाग को बंद करने संबंधी प्रस्ताव के लिये सीसीईए/मंत्रिमंडल से मंज़ूरी/सैद्धांतिक मंज़ूरी हासिल हों। अथवा
- सीपीएसई को बंद करने के लिये प्रशासनिक मंत्रालय/विभाग के निर्णय के बाद प्राधिकृत अधिकारी से मंज़ूरी लेने की प्रक्रिया में हों।
बंद होने वाले कमज़ोर/घाटे में चल रहे सार्वजनिक उपक्रमों के भूखंड के किफायती आवासों को प्राथमिकता देते हुए आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा संचालित सरकार के प्रमुख किफायती आवास कार्यक्रम के लिये उपलब्ध कराया जाएगा।