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रोज़गार सृजन के लिये सरकार का एक नया पैकेज

  • 18 Dec 2017
  • 13 min read

चर्चा में क्यों?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्‍यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने चमड़ा एवं फुटवियर क्षेत्र में रोज़गार सृजन को बढ़ावा देने के लिये एक विशेष पैकेज को मंजू़री दी है। इस पैकेज में वर्ष 2017-18 से लेकर वर्ष 2019-20 तक के तीन वित्त वर्षों के दौरान कुल 2600 करोड़ रुपए के स्‍वीकृत व्‍यय के साथ ‘भारतीय फुटवियर, चमड़ा एवं सहायक सामान विकास कार्यक्रम’ के कार्यान्‍वयन को शामिल किया गया है।  

  • केंद्रीय क्षेत्र की इस योजना से चमड़ा क्षेत्र में क्या बदलाव आएंगे?
    ⇒  इससे बुनियादी ढाँचे के विकास का मार्ग प्रशस्‍त होगा।
    ⇒  चमड़ा क्षेत्र से जुड़ी विशिष्‍ट पर्यावरणीय चिंताएँ दूर होंगी।
    ⇒  अतिरिक्‍त निवेश में सहूलियत होगी।
    ⇒  रोज़गार सृजन होगा।
    ⇒  साथ ही उत्‍पादन में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
  • इसका प्रभाव यह होगा इस क्षेत्र को अधिक से अधिक कर प्रोत्‍साहन होगा, जिससे इस क्षेत्र में व्‍यापक निवेश के अवसर उत्पन्न होंगे।
  • हालाँकि, इस क्षेत्र के मौसमी स्‍वरूप को ध्‍यान में रखते हुए श्रम कानून में सुधार से उत्‍पादन स्‍तर में वृद्धि संभव हो पाएगी।
  • तीन वर्षों के लिये प्रदत्त इस विशेष पैकेज से तकरीबन 3.24 लाख नए रोज़गारों को सृजित करने की क्षमता विकसित होगी।
  • इसके अतिरिक्त इससे फुटवियर, चमड़ा एवं सहायक सामान क्षेत्र पर संचयी प्रभाव के रूप में दो लाख रोज़गारों को औपचारिक स्‍वरूप प्रदान करने में भी मदद मिलेगी।

 भारतीय फुटवियर, चमड़ा एवं सहायक सामान विकास कार्यक्रम 

1. मानव संसाधन विकास (एचआरडी) उप-योजना (Human Resource Development (HRD) sub-scheme) :

  • एचआरडी उप-योजना में 15,000 रुपए प्रति व्‍यक्ति की दर से बेरोज़गार व्‍यक्तियों को प्‍लेसमेंट से संबद्ध कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान करना।
  • 5000 रुपए प्रति कर्मचारी की दर से कार्यरत कामगारों को कौशल उन्‍नयन प्रशिक्षण प्रदान करना।
  • प्रति व्‍यक्ति 2 लाख रुपए की दर से प्र‍शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिये सहायता देना। 
  • कौशल विकास प्रशिक्षण घटक से संबंधित सहायता प्राप्‍त करने के लिये 75 प्रतिशत प्रशिक्षित व्‍यक्तियों का प्‍लेसमेंट करना। 
  • 696 करोड़ रुपए के प्रस्‍तावित परिव्‍यय के साथ तीन वर्षों के दौरान 4.32 लाख बेरोज़गार व्‍यक्तियों को प्रशिक्षित करने/कौशल प्रदान करना।
  • 75000 मौजूदा कर्मचारियों का कौशल उन्‍नयन करना।
  • 150 मुख्‍य प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित करना प्रस्‍तावित किया गया है।

2. चमड़ा क्षेत्र के एकीकृत विकास (आईडीएलएस) की उप-योजना (Integrated Development of Leather Sector (IDLS) sub-scheme) :

  • आईडीएलएस उप-योजना के तहत मौजूदा इकाइयों के आधुनिकीकरण/तकनीकी उन्‍नयन के साथ-साथ नई इकाइयों की स्‍थापना के लिये सूक्ष्‍म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को नए संयंत्र एवं मशीनरी की लागत के 30 प्रतिशत की दर से और अन्‍य इकाइयों को संयंत्र एवं मशीनरी की लागत के 20 प्रतिशत की दर से निवेश अनुदान/सब्सिडी प्रदान करके रोज़गार सृजन सहित विनिर्माण एवं निवेश को प्रोत्‍साहन देने का प्रस्‍ताव है।
  • इस उप-योजना के तहत 425 करोड़ रुपए के प्रस्‍तावित परिव्‍यय के साथ 3 वर्षों के दौरान चमड़ा, फुटवियर एवं सहायक सामान और कलपुर्जा क्षेत्र की 1000 इकाइयों को प्रोत्‍साहन देने का प्रस्‍ताव है।

3. संस्‍थागत सुविधाओं की स्‍थापना की उप-योजना (Establishment of Institutional Facilities sub-scheme): 

  • इस उप-योजना के तहत तीन वर्षों के दौरान 147 करोड़ रुपए के प्रस्‍तावित परिव्‍यय के साथ फुटवियर डिज़ाइन एवं विकास संस्‍थान (एफडीडीआई) के कुछ मौजूदा परिसरों का उन्‍नयन करके उन्‍हें ‘उत्‍कृष्‍टता केंद्रों’ में तब्‍दील करना।
  • प्रस्‍तावित मेगा चमड़ा कलस्‍टरों, जो परियोजना संबंधी प्रस्‍तावों पर आधारित होंगे, के आसपास पूर्ण सुविधाओं से युक्‍त तीन नए कौशल केंद्रों की स्‍थापना के लिये एफडीडीआई को सहायता प्रदान करने का प्रस्‍ताव है।

4. मेगा चमड़ा, फुटवियर एवं सहायक सामान क्‍लस्‍टर (एमएलएफएसी) उप-योजना (Mega Leather, Footwear and Accessories Cluster (MLFAC) sub-scheme) : 

  • एमएलएफएसी उप-योजना का उद्देश्‍य मेगा चमड़ा, फुटवियर एवं सहायक सामान क्‍लस्‍टर की स्‍थापना करके चमड़ा, फुटवियर एवं सहायक सामान क्षेत्र को बुनियादी ढाँचागत सहायता प्रदान करना है।
  • उपयुक्‍त परियोजना लागत में 50 प्रतिशत तक श्रेणीबद्ध सहायता देने का प्रस्‍ताव है, जिसमें भूमि की लागत शामिल नहीं होगी और इसके तहत अधिकतम सरकारी सहायता 125 करोड़ रुपए तक सीमित होगी।
  • तीन वर्षों के दौरान 3-4 नए एमएलएफएसी को आवश्‍यक सहायता प्रदान करने के लिये 360 करोड़ रुपए का परिव्‍यय प्रस्‍तावित किया गया है।

5. चमड़ा प्रौद्योगिकी, नवाचार एवं पर्यावरणीय मुद्दों से जुड़ी उप-योजना (Leather Technology, Innovation and Environmental Issues sub-scheme) :

  • इस उप-योजना के तहत परियोजना लागत के 70 प्रतिशत की दर से साझा अपशिष्‍ट शोधन संयंत्रों (सीईटीपी) के उन्‍नयन/स्‍थापना के लिये सहायता देने का प्रस्‍ताव है।
  • इस उप-योजना के तहत राष्‍ट्रीय स्‍तर की क्षेत्रवार उद्योग परिषद/संघ को सहायता देने के साथ-साथ चमड़ा, फुटवियर एवं सहायक सामान क्षेत्र के लिये विज़न दस्‍तावेज़ तैयार करने हेतु भी मदद दी जाएगी।
  • इस उप-योजना हेतु तीन वर्षों के लिये प्रस्‍तावित परिव्‍यय 782 करोड़ रुपए है।

6. चमड़ा, फुटवियर एवं सहायक सामान क्षेत्र में भारतीय ब्रांडों को प्रोत्‍साहन देने की उप-योजना (Promotion of Indian Brands in Leather, Footwear and Accessories Sector sub-scheme) :

  • इस उप-योजना के तहत ब्रांड के संवर्द्धन के लिये स्‍वीकृत पात्र इकाइयों को सहायता देने का प्रस्‍ताव है।
  • इसके तहत तीन वर्षों के दौरान प्रत्‍येक साल सरकारी सहायता कुल परियोजना लागत का 50 प्रतिशत तय करना प्रस्‍तावित है, जो प्रत्‍येक ब्रांड के लिये अधिकतम 3 करोड़ रुपए होगी।
  • इस उप-योजना के तहत 90 करोड़ रुपए के प्रस्‍तावित परिव्‍यय के साथ 3 वर्षों के दौरान अंतर्राष्‍ट्रीय बाज़ार में 10 भारतीय ब्रांडों का संवर्द्धन करने का प्रस्‍ताव है।

7. चमड़ा, फुटवियर एवं सहायक सामान क्षेत्र के लिये अतिरिक्‍त रोज़गार प्रोत्‍साहन की उप-योजना (Additional Employment Incentive for Leather, Footwear and Accessories Sector sub-scheme) : 

  • इस उप-योजना के तहत ईपीएफओ में नामांकन कराने वाले चमड़ा, फुटवियर एवं सहायक सामान क्षेत्र के सभी नए कर्मचारियों के लिये उनके नियोजन के प्रथम तीन वर्षों के दौरान कर्मचारी भविष्‍य निधि में 3.67 प्रतिशत का नियोक्‍ता योगदान करने का प्रस्‍ताव है।
  • यह उप-योजना 15000 रुपए तक का वेतन पाने वाले कर्मचारियों के लिये मान्‍य होगी। 
  • 100 करोड़ रुपए के प्रस्‍तावित परिव्‍यय से संबंधित क्षेत्रों में लगभग 2,00,000 रोज़गारों के सृजन करने में मदद मिलेगी।

श्रम कानूनों के सरलीकरण हेतु उपाय
विशेष पैकेज में श्रम कानूनों के सरलीकरण के लिये उपाय और रोज़गार सृजन के लिये प्रोत्‍साहन भी शामिल है, जिनका उल्‍लेख नीचे किया गया है –
1. आयकर अधिनियम की धारा 80 जेजेएए का दायरा बढ़ाना Enhancing Scope of Section 80JJAA of Income Tax Act) :

  • किसी कारखाने में वस्‍तुओं के उत्‍पादन में संलग्‍न भारतीय कंपनी द्वारा नए कर्मचारी को तीन वर्षों तक अदा किये गए अतिरिक्‍त पारिश्रमिक पर उसे टैक्‍स कटौती का लाभ देने हेतु आयकर अधिनियम की धारा 80 जेजेएए के तहत किसी कर्मचारी के लिये एक वर्ष में न्‍यूनतम 240 दिनों के रोज़गार के प्रावधानों में और ज्‍़यादा ढील देकर फुटवियर, चमड़ा एवं सहायक सामान क्षेत्र के लिये इसे न्‍यूनतम 150 दिन कर दिया जाएगा। 
  • यह कदम इस क्षेत्र के सीजनल स्‍वरूप को ध्‍यान में रखते हुए उठाया जा रहा है।

2. निश्चित अवधि के रोज़गार की शुरुआत (Introduction of fixed term employment) :

  • विश्‍व भर से व्‍यापक निवेश आकर्षित करने के लिये औद्योगिक रोज़गार (स्‍थायी आदेश) अधिनियम, 1946 की धारा 15 की उप धारा (1) के तहत निश्चित अवधि वाले रोज़गार की शुरुआत करके श्रम संबंधी मुद्दों के नियामकीय ढाँचे को दुरुस्‍त करने का प्रस्‍ताव है।
  • चमड़ा, फुटवियर एवं सहायक सामान उद्योग के मौसमी (सीजनल) स्वरूप को ध्‍यान में रखते हुए यह कदम उठाया जा रहा है।
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