अंतर्राष्ट्रीय समाधान समझौतों पर संयुक्त राष्ट्र संधि | 01 Aug 2019
चर्चा में क्यों?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अंतर्राष्ट्रीय समाधान समझौतों पर संयुक्त राष्ट्र संधि (United Nations Convention on International Settlement Agreements-UNISA) पर हस्ताक्षर को मंजूरी दे दी है।
क्या है UNISA?
- संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 20 दिसंबर, 2018 को अंतर्राष्ट्रीय समाधान समझौतों पर संयुक्त राष्ट्र संधि को अपनाया था।
- महासभा ने यह अधिकृत किया था कि यह कन्वेंशन 7 अगस्त, 2019 को सिंगापुर में होने वाले एक समारोह तक हस्ताक्षर के लिये खुला रहेगा और इसे ‘सिंगापुर कन्वेंशन ऑन मिडिएशन’ (Singapore Convention on Mediation) के रूप में जाना जाएगा।
- यह संधि मध्यस्थता के परिणामस्वरूप होने वाले अंतर्राष्ट्रीय समाधान समझौतों को लागू करने के लिये एक समान और कुशल तंत्र उपलब्ध कराती है।
संधि पर हस्ताक्षर करने के लाभ
इस संधि पर हस्ताक्षर से निवेशकों का आत्मविश्वास बढ़ेगा और विदेशी निवेशकों में वैकल्पिक विवाद समाधान (Alternative Dispute Resolution-ADR) पर अंतर्राष्ट्रीय प्रक्रिया के पालन में भारत की प्रतिबद्धता को लेकर विश्वास पैदा होगा।
भारत में ADR तंत्र को मजबूत करने के लिये उठाए जा रहे कदम
- अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्यिक मध्यस्थता (International Commercial Arbitration) को प्रोत्साहन देने और मध्यस्थता के लिये एक व्यापक तंत्र विकसित करने के उद्देश्य से सरकार एक वैधानिक संस्था के रूप में नई दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (New Delhi International Arbitration Centre-NDIAC) स्थापित करने जा रही है।
- इसके अतिरिक्त वाणिज्यिक न्यायालय अधिनियम, 2015 में संशोधन कर दिया गया है और मध्यस्थता व सुलह अधिनियम, 1996 में संशोधन के लिये वैधानिक प्रक्रिया फिलहाल जारी है।
- कुछ चुनिंदा श्रेणी के मामलों में पूर्व-संस्थान स्तर पर मध्यस्थता को अनिवार्य बनाने के उद्देश्य से वाणिज्यिक न्यायालय अधिनियम, 2015 में एक नया अध्याय (3A) भी शामिल किया गया है।
- उपरोक्त सभी पहलों का उद्देश्य भारत में मध्यस्थता के ADR तंत्र के माध्यम से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्यिक विवादों के समाधान को प्रोत्साहन देना है।
क्या होता है वैकल्पिक विवाद समाधान या ADR?
वैकल्पिक विवाद समाधान से अभिप्राय ऐसे तंत्र से है जिसमें सुलह या मध्यस्थता के माध्यम से विवाद का निपटारा किया जा सकता है।