भारत-विश्व
सामाजिक और श्रम क्षेत्र में सहयोग हेतु ब्रिक्स देशों के बीच समझौता
- 29 Oct 2018
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चर्चा में क्यों?
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने ब्रिक्स देशों (ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) के बीच सामाजिक और श्रम क्षेत्र में सहयोग के करार को पूर्व प्रभाव से मंज़ूरी दे दी है। 3 अगस्त, 2018 को ब्रिक्स देशों के श्रम और रोज़गार मंत्रियों की बैठक के दौरान इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए थे।
प्रमुख बिंदु
- इस समझौता ज्ञापन के ज़रिये भारत सहित सभी प्रतिभागी देशों ने श्रम कानून बनाने, उसे लागू करने तथा असुरक्षित श्रमिक वर्ग का खास ध्यान रखते हुए श्रमिकों के अधिकारों को संरक्षण प्रदान करने, रोज़गार और श्रम बाज़ार नीतियों, रोज़गारपरक शिक्षा, कौशल विकास और प्रशिक्षण तथा सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में आपसी सहयोग किये जाने पर सहमति जताई है।
- सदस्य देश सामाजिक सुरक्षा और श्रमिकों से जुड़े अन्य मुद्दों पर सहयोग के लिये ब्रिक्स देशों के श्रम अनुसंधान संस्थानों और सामाजिक सुरक्षा सहयोग फ्रेमवर्क का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- यह समझौता ज्ञापन अंतर्राष्ट्रीय संधि नहीं है, इसलिये इससे जुड़े पक्षों पर अंतर्राष्ट्रीय कानूनों को मानने की बाध्यता नहीं है।
इस समझौते के क्या प्रभाव होंगे?
- नई औद्योगिक क्रांति के दौर में यह समझौता ब्रिक्स के सदस्य देशों को समग्र विकास तथा साझा समृद्धि के समान उद्देश्यों की प्राप्ति के लिये सहयोग, साझेदारी और बेहतर तालमेल के लिये सक्षम कार्य प्रणाली उपलब्ध कराएगा।
- यह सदस्य देशों को श्रम और रोज़गार तथा सामाजिक सुरक्षा और सामाजिक सरोकारों से संबंधित कार्यक्रमों को लागू करने और इनसे जुड़ी जानकारियों को साझा करने में भी मददगार होगा।
- इसके माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण केंद्र ब्रिक्स देशों के श्रम संस्थानों के नेटवर्क से जुड़ सकेंगे। इनमें भारत का वी.वी. गिरि राष्ट्रीय श्रम संस्थान भी शामिल है।
- इस नेटवर्क के ज़रिये युवाओं को रोज़गार उपलब्ध कराने और रोज़गार के नए अवसरों का पता लगाने के लिये अनुसंधान कार्यों पर विशेष ज़ोर दिया जाएगा।
- इसके माध्यम से क्षमता विकास, सूचनाओं के आदान-प्रदान, वर्चुअल नेटवर्क और सीखने की नई तकनीकों का पता लगाने हेतु सहयोग को और मज़बूत किया जा सकेगा।
- ब्रिक्स का सामाजिक सुरक्षा सहयोग फ्रेमवर्क सदस्य देशों के बीच सामाजिक सुरक्षा सहयोग को बढ़ाएगा और सामाजिक सुरक्षा प्रणालियों तथा सामाजिक सुरक्षा से जुड़े करारों को और बेहतर बनाने में सहयोग करेगा।
पृष्ठभूमि
- ब्रिक्स देशों के एम्प्लॉयमेंट वर्किंग ग्रुप की दूसरी बैठक 30 जुलाई से 1 अगस्त, 2018 तक और ब्रिक्स के श्रम और रोजगार मंत्रियों की बैठक 2 से 3 अगस्त, 2018 को दक्षिण अफ्रीका के डरबन में आयोजित की गई थी।
- इन बैठकों में ब्रिक्स देशों के बीच सामाजिक और श्रम क्षेत्र में सहयोग से जुड़े मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया और समझौता ज्ञापन के मसौदे पर चर्चा की गई।
- समझौता ज्ञापन की व्यवस्थाओं में सामाजिक और श्रम क्षेत्र से जुड़ी नीतियों, कार्यक्रमों और आपसी विचार-विमर्श के साथ ही इस क्षेत्र से जुड़े मुद्दों पर विशेषज्ञों की बैठकों और सम्मेलनों के आयोजनों में सहयोग के उद्देश्यों की स्पष्ट व्याख्या की गई है।