सरकार द्वारा IDBI बैंक को पूंजी प्रदान करने को मंज़ूरी | 04 Sep 2019
चर्चा में क्यों?
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सरकार द्वारा IDBI बैंक में 4,557 करोड़ रुपए की पूंजी प्रदान करने को मंज़ूरी दे दी है।
प्रमुख बिंदु
- सरकार द्वारा IDBI बैंक को पूंजी प्रदान किये जाने से बैंक के कारोबार की प्रक्रिया पूरी करने में मदद मिलेगी और यह मुनाफा कमाने तथा सामान्य रूप से ऋण देने में समर्थ हो जाएगा साथी ही सरकार के पास सही समय पर अपने निवेश की वसूली करने का विकल्प उपलब्ध होगा।
- IDBI बैंक को अपने बही-खाते से निपटने की प्रक्रिया पूरी करने के लिये एकबारगी पूंजी निवेश की आवश्यकता है।
- बैंक ने जून 2018 के 18.8 प्रतिशत गैर-निष्पादित संपत्ति (NPA) को जून 2019 में 8 प्रतिशत तक कम करने में महत्त्वपूर्ण सफलता हासिल की है।
- इस निवेश के बाद संभवतः IDBI बैंक अपने दम पर और अधिक पूंजी जुटाने में काफी हद तक सक्षम हो जाएगा और आने वाले वर्ष में भारतीय रिज़र्व बैंक के त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (Prompt Corrective Action-PCA) कार्यक्रम से भी मुक्त हो सकेगा।
- यह कैश न्यूट्रल पूंजी प्रवाह रिकैप बॉण्डों यानी सरकार द्वारा बैंक में पूंजी प्रवाह और उसी दिन सरकार से बैंक द्वारा रिकैप बॉण्ड की खरीद के माध्यम से किया जाएगा। इससे तरलता अथवा मौजूदा वर्ष के बजट पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।
पृष्ठभूमि:
- अगस्त 2018 में मंत्रिमंडल की मंज़ूरी मिलने के बाद LIC ने IDBI बैंक में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी प्राप्त की थी। सरकार इसकी प्रवर्तक/प्रमोटर है और सरकार के पास 46.46 प्रतिशत की हिस्सेदारी है।
- पिछले एक वर्ष के दौरान IDBI बैंक की वित्तीय स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।