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कैबिनेट ने अप्रचलित और अनावश्यक कानूनों के निरसन को मंजूरी दी

  • 19 Jan 2017
  • 3 min read

प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने निरसन और संशोधन विधेयक, 2017 (Repealing and Amending Bill, 2017 ) द्वारा पुराने और निरर्थक हो चुके 105 अधिनियमों को निरस्त करने के लिये अपनी मंज़ूरी दे दी है। 

प्रमुख बिंदु 

सरकार ने पुराने और निरर्थक हो चुके 105 कानूनों को निरस्त करने का निर्णय लिया है और इसके लिये निरस्तीकरण और संशोधन विधेयक, 2017 संसद में पेश किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस निर्णय को मंजूरी दी गई । 

प्रधानमंत्री कार्यालय, भारतीय विधि आयोग और विधि विभाग द्वारा गठित दो सदस्यीय समिति ने निरस्त करने के लिये पुराने और निरर्थक पड़ चुके 1824 कानूनों की पहचान की थी ।  

इस समिति की सिफारिश तथा विभिन्न मंत्रालयों द्वारा की गई जाँच के आधार पर सरकार ने अब तक (मई 2014 से अगस्त 2016 के दौरान) 1175 कानूनों को निरस्त किया है जो इस प्रकार हैं: 

  1. निरसन तथा संशोधन अधिनियम ( 2015 का 17वाँ ) द्वारा 35 अधिनियमों को निरसित किया गया {The Repealing and Amending Act, 2015 (17 of 2015) repealing 35 Acts};
    निरसन तथा संशोधन (द्वितीय) अधिनियम, 2015  (2015 का 19 वाँ) द्वारा 90 अधिनियमों को निरसित किया गया {The Repealing and Amending (Second) Act, 2015 (19 of 2015) repealing 90 Acts};
  2.  विनियोग अधिनियम (निरसन) विधेयक, 2016 (2016 का 22) द्वारा 756 अधिनियमों  को निरसित किया गया  {The Appropriation Acts (Repeal) Act, 2016 (22 of 2016) repealing 756};
  3. रेलवे विनियोग अधिनियम सहित विनियोग अधिनियमों को समाप्त किया गया { Appropriation Acts including Appropriation (Railways) Acts };
  4. निरसन और संशोधन अधिनियम, 2016 (2016 का 23) द्वारा 294 अधिनियमों को निरस्त किया गया {The Repealing and Amending Act, 2016 (23 of 2016) repealing 294 Acts}

चिन्हित किये गए 1824 कानूनों में 227 (राष्ट्रपति शासन के तहत राज्यों के लिये संसद द्वारा अधिनियमित विनियोग अधिनियमों सहित) राज्य सरकारों को निरस्त करने हैं और इसके लिये राज्यों से अनुरोध किया गया है। केन्द्र सरकार ने बाकी बचे 422 केन्द्रीय कानूनों को जाँच के लिये विभिन्न मंत्रालयों तथा विभागों के पास भेजा था, जिनमें से 105 को निरस्त करने के लिये सभी संबंधित मंत्रालयों ने अपनी मंज़ूरी दे दी है।

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