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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

सी-कॉर्पोरेशन के गठन को मंज़ूरी

  • 27 Mar 2018
  • 6 min read

चर्चा में क्यों?
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अमेरिका में टेलिकम्‍यूनिकेशन्‍स कंसलटेंट्स इंडिया लिमिटेड (Telecommunications Consultants India Ltd.-TCIL) के शत-प्रतिशत मालिकाना हक वाले सी-कॉर्पोरेशन (C Corporation) के गठन को मंज़ूरी दी गई है।

प्रमुख बिंदु

  • अमेरिका के टेक्सास राज्य में टेलिकम्‍यूनिकेशन्‍स कंसलटेंट्स इंडिया लिमिटेड (टीसीआईएल) के सी-कॉर्पोरेशन का गठन किया जाएगा, जिसे अमेरिका के अन्य राज्यों में व्यापार करने के लिये पंजीकरण करने का अधिकार प्राप्त होगा।
  • सी-कॉर्पोरेशन में टीसीआईएल का 100 प्रतिशत प्रतिभूति निवेश पाँच मिलियन अमेरिकी डॉलर के बराबर होगा। यह धनराशि भारतीय मुद्रा में विदेशी मुद्रा विनिमय दर 67.68 रुपए के आधार पर कुल 33.84 करोड़ रुपए होगी। इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।
  • टीसीआईएल की काउंटर गारंटी पाँच मिलियन अमेरिकी डॉलर के बराबर होगी जो ऋण/सुविधा/विक्रेता सहित बोली संबंधी बॉण्ड/अग्रिम/कामकाजी गारंटी इत्यादि के संबंध में है। अमेरिका में परियोजनाओं के संचालन के लिये यह प्रक्रिया आवश्यक होती है।
  • सी-कॉर्पोरेशन देश के लिये बहुमूल्य विदेशी मुद्रा का अर्जन करेगा और सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम टीसीआईएल के लाभ में बढ़ोतरी करेगा।
  • अमेरिका में परियोजनाओं के संचालन के संबंध में सी-कॉर्पोरेशन का गठन अमेरिका के टेक्सास राज्य में किया गया है।
  • नव-स्थापित सी-कॉर्पोरेशन एक आकलन के अनुसार, आरंभिक वर्षों में लगभग 10 प्रतिशत लाभ कमाएगा और उसका कारोबार 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर होगा। काम के परिमाण के अनुसार उसका कारोबार बढ़ने की संभावना है।
  • अमेरिका में सी-कॉर्पोरेशन के गठन से टीसीआईएल को अपना व्यापार/कारोबार/लाभ का विस्तार करने में सहायता होगी तथा सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम होने के नाते सरकार को अधिक लाभांश प्राप्त होगा।
  • टीसीआईएल अपने अंदरूनी संसाधनों से प्रतिभूति के रूप में कुल पाँच मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश करेगा।
  • इसके अलावा, अमेरिका में व्यापार का विस्तार करने तथा बोली बॉण्ड/अग्रिम भुगतान गारंटी/सरकारी प्राधिकार को कारोबार बैंक गारंटी सुनिश्चित करने के लिये लगभग पाँच मिलियन अमेरिकी डॉलर की काउंटर गारंटी सी-कॉर्पोरेशन की तरफ से देनी होगी। इस समय सरकार के ऊपर कोई वित्तीय उत्तरदायित्व नहीं है।

टीसीआईएल क्या है?

  • टीसीआईएल एक अग्रणी आईएसओ- 9001: 2008 और आईएसओ 14001: 2004 प्रमाणित, अनुसूची- ए, मिनी रत्न वर्ग-1, 100 प्रतिशत स्वामित्व वाला सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है।
  • वर्तमान में यह कंपनी दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में 70 से अधिक देशों में परियोजनाओं को संचालित कर रही है।
  • यह कंपनी दूरसंचार, सूचना प्रौद्योगिकी और असैन्य संरचना के क्षेत्र में परामर्श प्रदान करती है तथा अवधारणा से पूरा होने तक परियोजना सेवाएँ मुहैया कराती है।
  • कंपनी की समेकित पूंजी 31-03-2017 को 2433.66 करोड़ रुपए थी। कंपनी की अपनी पूंजी 588.92 करोड़ रुपए थी। कंपनी ने 31-03-2017 तक सरकार को कुल 192.99 करोड़ रुपए का लाभांश प्रदान/घोषित किया है।

अन्य महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • अमेरिका में उच्च क्षमता के ब्रॉडबैंड इंटरनेट और हर शहर में केबल टेलीविज़न उपलब्ध कराने के लिये ‘गूगल फाइबर’ कार्यरत है, जो गूगल की ‘फाइबर-टू-दी-प्रेमाइसेस प्रोजेक्ट’ (fiber-to-the-Premises Project) का हिस्सा है।
  • मेसर्स गूगल ने अपने तकनीकी साझेदार के तौर पर कुछ अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों को चुना है। इनमें मेसर्स एरिक्सन, मेसर्स मास्टेक, मेसर्स एटीएंडटी, मेसर्स जोया इत्यादि शामिल हैं। इन कंपनियों ने विभिन्न गतिविधियों के लिये कई अन्य कंपनियों को आगे ठेके दे दिये हैं।
  • मेसर्स टेलीटेक ऐसी ही एक कंपनी है जिसने ऑस्टिन (टेक्सास) और सैन होसे (कैलिफोर्निया) में नेटवर्क लगाने के लिये मेसर्स मास्टेक ओर मेसर्स एरिक्सन के साथ सेवा समझौता किया है।
  • मेसर्स टेलीटेक ने तीन परियोजनाओं के तकनीकी-वाणिज्यिक तथा साजो-सामान मुहैया कराने के लिये टीसीआईएल से संपर्क किया है।
  • विदेशी कंपनी होने के नाते टीसीआईएल को सी-कॉर्पोरेशन का गठन करना आवश्यक है, जिसे एक अलग करदाता कंपनी के रूप में मान्य किया जा सके।
  • इस कदम से श्रम-शक्ति संसाधन उपलब्ध कराने के लिये टीसीआईएल को एल-1 वीज़ा प्राप्त करने में सहायता होगी।
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