अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की वार्षिक समीक्षा | 13 Jan 2018
चर्चा में क्यों?
वर्ष 2017 में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय द्वारा आरंभ की गई पहलों एवं उपलब्धियों के संबंध में एक वार्षिक ब्यौरा प्रस्तुत किया गया है। इस ब्यौरे में मंत्रालय द्वारा उठाए गए कदमों की समीक्षा करते हुए आँकड़ाबद्ध सूचनाएँ प्रदान की गई हैं।
महत्त्वपूर्ण बिंदु
- वर्ष 2017 के दौरान अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय (Ministry of Minority Affairs) की प्रमुख प्राथमिकता रोज़गार सृजन संबंधी मुद्दे रहे। यही कारण है कि अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय का बजट भी वर्ष 2017-18 में बढ़ाकर 4195.48 करोड़ रुपए कर दिया गया। यह 2016-17 के 3827.25 करोड़ रुपए के बजट से 368.23 करोड़ रुपए अधिक है अर्थात् लगभग 9.6 प्रतिशत वृद्धि।
- इसके अतिरिक्त केंद्र सरकार द्वारा भी अल्पसंख्यकों के शिक्षण तथा कौशल विकास के संबंध में विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
- पिछले कुछ समय में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय को पूर्णत: ऑनलाइन/डिजिटलीकृत कर दिया गया है।
हज 2018
- अल्पसंख्यक मामलों द्वारा हज से संबंधित पूरी प्रक्रिया को पूर्ण पारदर्शिता बनाने के उद्देश्य से हज 2018 के लिये निजी पर्यटन संचालकों (Private Tour Operators - PTO) हेतु एक पोर्टल की भी शुरुआत की गई है।
- अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय द्वारा 2013-17 के लिये सरकार की मौजूदा हज नीति की समीक्षा करने तथा 2018-22 की नई हज नीति बनाने के लिये सुझाव देने हेतु एक समिति गठित की गई थी।
- इस समिति ने अक्तूबर में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। सरकार ने बिना ‘मेहरम’ (पुरुष साथी) के महिलाओं को हज पर जाने पर रोक हटा दी है।
- हज कोटे में वृद्धि से सभी राज्यों को लाभ हुआ है। वर्ष 2017 में 1,70,025 लोग हज यात्रा पर गए थे। हज कोटा 9 मार्च, 2017 को जारी किया गया था तथा हज यात्रियों के चयन की प्रक्रिया 14 मार्च से पर्ची निकालकर शुरू की गई थी।
- सऊदी अरब ने भारत के लिये वार्षिकहज कोटे में 34,005 की बढ़ोतरी की है।
- अल्पसंख्यक मामलों द्वारा जनवरी में मुंबई के हज हाउस में भारतीय हज समिति मोबाइल एप की शुरुआत की गई।
- भारतीय हज समिति मोबाइल एप की मुख्य विशेषताएँ इस प्रकार हैं – हज के लिये आवेदन करना, पूछताछ तथा सूचना, समाचार तथा अद्यतन स्थिति एवं ई-भुगतान करना।
हुनर हाट (Hunar Haat)
- 14-27 नवंबर, 2017 से भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय द्वारा ‘हुनर हाट’ का आयोजन किया गया।
- देश के सभी स्थानों से आए एंग्लो-इंडियन समुदाय के लोगों के साथ नई दिल्ली में एक बैठक आयोजित की गई, जिसका उद्देश्य था समुदाय का सामाजिक-आर्थिक-शैक्षणिक सशक्तीकरण।
केंद्रीय वक्फ परिषद की 75वीं बैठक
- अल्पसंख्यक समुदायों विशेषत: मुसलमानों के सामाजिक-आर्थिक-शैक्षणिक सशक्तीकरण के लिये वक्फ बोर्ड की संपत्तियों के उपयोग हेतु अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय, राष्ट्रीय वक्फ विकास निगम (National Waqf Development Corporation -NAWADCO) तथा केंद्रीय वक्फ परिषद (Central Waqf Council) द्वारा जनवरी में एक संयुक्त अभियान शुरू किया गया।
- अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय द्वारा मुस्लिम समुदाय के कल्याण, जिसमें वक्फ समितियों की सुरक्षा तथा विकास भी शामिल है, के लिये विभिन्न कूट-योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है।
- केंद्रीय वक्फ परिषद की 75वीं बैठक नई दिल्ली में आयोजित की गई। वर्तमान में देश भर में लगभग 4,49,314 पंजीकृत तथा गैर-पंजीकृत वक्फ संपत्तियाँ मौजूद हैं।
छात्रवृत्तियों से संबंधित पहलें
- अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय को विभिन्न छात्रवृत्तियों हेतु 1.5 करोड़ से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं।
- अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की बहु-क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम (Multi-Sectoral Development Programme), छात्रवृत्तियों तथा अन्य योजनाओं के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा के लिये राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में अल्पसंख्यक कल्याण के प्रभारी प्रधान सचिवों/सचिवों का एक सम्मेलन लखनऊ में आयोजित किया गया।
- इस सम्मेलन का उद्देश्य 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान कार्यान्वित मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं के प्रभाव की समीक्षा करना तथा राज्यों से 14वें वित्त आयोग की शेष अवधि (2017-18 से 2019-20) तक इन योजनाओं के कार्यान्वयन के लिये सुझाव मांगना था।
जियो पारसी योजना
- भारत में पारसी समुदाय की घटती जनसंख्या को रोकने के लिये केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ‘जियो पारसी’ योजना चला रहा है, जिसके पब्लिसिटी फेज़-2 की शुरुआत हाल ही में मुंबई में की गई। ‘जियो पारसी’ पब्लिसिटी फेज़-1 की शुरुआत 2013 में की गई थी।
- यह शत्-प्रतिशत केंद्रीय योजना है।
- भारत में पारसी समुदाय भले ही जनसंख्या के लिहाज़ से छोटा अल्पसंख्यक समुदाय है, लेकिन इसमें उदारवाद और शिक्षा के प्रति जागरूकता का प्रभुत्व है।
- ‘जियो पारसी’ योजना का मुख्य उद्देश्य वैज्ञानिक नवाचार तथा संरचनात्मक नवीनताओं को अपनाकर पारसी जनसंख्या की घटती हुई प्रवृत्ति को उलटना, उनकी जनसंख्या को सुदृढ़ बनाना तथा भारत में पारसियों की जनसंख्या में वृद्धि करना है।
स्वच्छ भारत के संदर्भ में आरंभ की गई पहलें
- अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय द्वारा हैदराबाद में एक ‘जीएसटी फेसिलिटेटर’ के लिये एक प्रमाण-पत्र पाठ्यक्रम शुरू किया गया।
- देश भर में स्थापित किये जा रहे लगभग 100 गरीब नवाज कौशल विकास केंद्रों में ‘सफाई पर्यवेक्षक’ के लिये पाठ्यक्रम भी शुरू किया जाएगा।
- इसके अतिरिक्त ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान के तहत अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय/मौलाना आज़ाद शिक्षा संस्थान के परिसर में ‘श्रमदान’ (स्वैच्छिक कार्य) भी शुरू किया गया।