मिजोरम में ब्रू समुदाय को मतदान का अधिकार मिलेगा | 05 Jul 2018

चर्चा में क्यों?

गृह मंत्रालय के अनुसार, ब्रू समुदाय से संबंधित 30,000 से अधिक लोग, जो अंतर-समुदाय हिंसा (Inter-community Violence) के चलते 1997 में मिज़ोरम से त्रिपुरा चले गए थे, उन्हें जल्द ही वापस भेज दिया जाएगा साथ ही  उन्हें मतदान का अधिकार दिया जाएगा। वर्तमान में त्रिपुरा के अस्थायी शिविरों में रहने वाले 5,407 परिवारों के विस्थापित लोगों को इस साल 30 सितंबर से पहले मिज़ोरम वापस भेज दिया जाएगा।

प्रमुख बिंदु 

  • मिज़ोरम में इस साल चुनाव होने वाले हैं और चुनाव आयोग ने राज्य से मतदाता-सूची को संशोधित करने और उसमें विस्थापित समुदाय के सदस्यों को शामिल करने के लिये कहा है।
  • रींग (reang) जनजाति (मिज़ोरम में ब्रू के रूप में जानी जाती है), के 32,876 लोगों को केंद्र, त्रिपुरा और मिज़ोरम के बीच त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किये जाने के बाद मिज़ोरम वापस भेज दिया जाएगा।
  • 2014 में मिज़ोरम सरकार द्वारा मतदाता सूची के आधार पर इन प्रवासियों की पहचान की गई थी। इससे पहले, छह प्रत्यावर्तन (repatriation) योजनाओं को अंतिम रूप दिया गया था और 8,573 लोगों को मिज़ोरम वापस भेजा गया था।
  • ब्रू की सुरक्षा संबंधी चिंताओं को देखते हुए वर्तमान योजना पर काफी काम किया गया है| परिवारों को विभाजित होने से बचाने तथा उस स्थान पर पुनर्वास सुनिश्चित करने के लिये आवश्यक कदम उठाए गए हैं जहाँ से उन्हें विस्थापित होने पर मजबूर होना पड़ा था| 
  • इस पूरी प्रक्रिया पर दो साल की अवधि में केंद्र सरकार के 435 करोड़ रुपए खर्च होंगे|
  • त्रिपुरा सरकार के एक बयान के मुताबिक, प्रत्येक विस्थापित परिवार को सावधि जमा के रूप में 4 लाख रुपए की वित्तीय सहायता दी जाएगी।

पृष्ठभूमि 

  • ब्रू समुदाय, जो मिज़ोरम के ममित और कोलासिब ज़िलों में फैला हुआ था, को जनजातियों और मिज़ो के बीच शत्रुता के कारण 1997 में अपने मूल स्थान से भागने के लिये मज़बूर होना पड़ा।
  • इन समुदायों के बीच संघर्ष 1995 में तब शुरू हुआ जब राज्य में मिज़ो बहुसंख्यक समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठनों ने मांग की कि ब्रू समुदाय को उनके मतदान अधिकारों से वंचित कर दिया जाए क्योंकि वे मिज़ोरम के लिये स्वदेशी नहीं थे।
  • इससे ब्रू समुदाय के बीच आतंकवादी संगठनों का उदय हुआ, जिसने 1997 में एक मिज़ो वन गार्ड को गोली मार दी। 
  • मिज़ो की ओर से हुई इस घटना की हिंसक प्रतिक्रिया ने ब्रू को त्रिपुरा भागने के लिये मजबूर कर दिया जहाँ वे दो दशकों से दयनीय स्थिति में शरणार्थी शिविरों में रह रहे थे।