भारत-नेपाल सीमा पर मेची नदी पर पुल | 24 Aug 2017
चर्चा में क्यों ?
भारत और नेपाल के बीच मेची नदी पर एक नए पुल के निर्माण के लिये दोनों देशों के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर को कबिनेट की मंज़ूरी मिल गई है। इस पुल के निर्माण की लागत 158.65 करोड़ रुपए है। इसे एशियाई विकास बैंक से प्राप्त ऋण को भारत सरकार की ओर से उपलब्ध कराया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- यह पुल नेपाल से भारत तक राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 327बी की 1500 मीटर लंबाई के उन्नयन कार्य का हिस्सा है, जिसमें 825 मीटर लंबा छह लेन वाला संपर्क मार्ग भी सम्मिलित है।
- यह पुल भारत से नेपाल जाने वाली एशियन हाइवे संख्या 02 का अंतिम बिंदु है। यह सड़क नेपाल के साथ संपर्क स्थापित करने के लिये महत्त्वपूर्ण है।
लाभ
- इस पुल के बन जाने से दोनों देशों के बीच संपर्क में सुधार होगा और दोनों देशों के आर-पार कारोबार में विस्तार के साथ-साथ सामाजिक और सांस्कृतिक संबंध भी बेहतर होंगे। उल्लेखनीय है कि बिहार और उत्तर प्रदेश का नेपाल से रोटी-बेटी का संबंध माना जाता है।
कार्यान्वयन एजेंसी
- सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी विकास निगम को इस परियोजना के लिये एक कार्यान्वयन एजेंसी बनाया गया है।
- इस परियोजना से संबंधित विस्तृत रिपोर्ट तैयार की गई है और नेपाल सरकार के सामंजस्य को अंतिम रूप दिया गया है ।
मेची नदी
- यह नदी नेपाल में हिमालय पर्वत से निकलकर भारत और नेपाल के बीच सीमा बनाती हुई बिहार के किशनगंज ज़िले में महानंदा नदी से मिलती है।
- इसकी लम्बाई 80 किलोमीटर है।
एशियाई विकास बैंक
यह एक बहुपक्षीय वित्तीय संस्था है। इसकी स्थापना एशिया और प्रशांत क्षेत्र में गरीबी से लड़ने तथा आर्थिक विकास को प्रोत्साहन देने के लिये की गई है।
Takehiko Nakao अध्यक्ष, एशियाई विकास बैंक
मुख्यालय : मनिला ( फिलिपींस )
स्थापना : 19 दिसंबर 1966
प्रकार : क्षेत्रीय संगठन
स्थापना के समय सदस्य संख्या : 31
वर्तमान सदस्य संख्या : 67 ( जिसमें 48 एशिया के देश तथा 19 देश अन्य महादेशों से हैं )
विशेषता : इसके अध्यक्ष का पद किसी न किसी जापानी नागरिक को ही दिया जाता है जबकि इसके अन्य तीन उपाध्यक्षों में से एक अमेरिका, एक यूरोप तथा एक एशिया से होता है।
कार्य: सदस्य देशों को ऋण या तकनीकी सहायता प्रदान करना।