सुरक्षा
खराब मौसमी दशाओं के बीच ब्रह्मोस का सफल परीक्षण
- 17 Jul 2018
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चर्चा में क्यों?
सेना के लिये सेवा जीवन विस्तार कार्यक्रम (service life extension programme) के हिस्से के रूप में अत्यधिक खराब मौसमी दशाओं के बावजूद सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया।
प्रमुख बिंदु:
- ओडिशा के एकीकृत परीक्षण क्षेत्र (आईटीआर) से सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का सफल परीक्षण किया गया।
- यह परीक्षण मोबाइल ऑटोनोमस लॉन्चर से किया गया, ताकि कठिन मौसमी हालात में इसकी उपयोगिता की जाँच हो सके।
- इस मिसाइल ने अपनी निर्धारित दिशा पर उड़ान भरी और इसके समस्त महत्त्वपूर्ण घटकों ने सटीक काम किया है, इस प्रकार ब्रह्मोस ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वह सभी मौसमों में कारगर है।
- यह परीक्षण समुद्र के समीप किया गया जहाँ 9 मीटर ऊँची लहरें थीं।
- रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने रूस के एनपीओएम के सहयोग से इसका निर्माण किया है।
- भारतीय थलसेना और नौसेना ने पहले ही मिसाइल को अपने बेड़े में शामिल कर लिया है, जबकि वायुसेना के लिये यह वायु लॉन्च संस्करण (air launched variant) के परीक्षण से गुजर रहा है।
- ब्रह्मोस मिसाइल ने अपने आप को आधुनिक समय के जटिल युद्ध क्षेत्रों में एक प्रमुख बल गुणक (a major force multiplier) के रूप में स्थापित किया है, जिसमें बहुमूल्य लैंड-अटैक, मल्टी रोल और मल्टी-प्लेटफॉर्म क्षमताओं के साथ एंटी-शिप क्षमता हैं।