ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण | 23 May 2018
चर्चा में क्यों?
भारत ने सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया है, जिसका उद्देश्य मिसाइल के जीवनकाल में 10-15 साल की वृद्धि करना है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु
- इसका निर्माण भारत तथा रूस के साझा उपक्रम के द्वारा हुआ है।
- DRDO ने यह परीक्षण ओडिशा तट पर स्थित चांदीपुर के एकीकृत टेस्ट रेंज (ITR) से मोबाइल लॉन्चर द्वारा किया गया।
- ब्रह्मोस मिसाइल की कार्यावधि को बढ़ाने की प्रौद्योगिकियाँ भारत में पहली बार विकसित की गई हैं।
- ब्रह्मोस के तीन रेजीमेंट भारतीय सेना में पहले से ही शामिल हैं।
- इस परीक्षण की सफलता से भारतीय सशस्त्र बलों के बेड़े में शामिल मिसाइलों की प्रतिस्थापन लागत में कमी आएगी।
- भारतीय सेना सतह से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइल का प्रयोग वर्ष 2007 से ही कर रही है।
- यह पहली मिसाइल है जिसका कार्यकाल स्वदेशी तकनीक की सहायता से 10-15 साल बढ़ाया गया है।
क्रूज मिसाइल
- क्रूज़ मिसाइल बहुत छोटे होते हैं और उन पर ले जाने वाले बम का वज़न भी ज़्यादा नहीं होता। लेकिन अपने आकार के कारण उन्हें छोड़े जाने से पहले बहुत आसानी से छुपाया जा सकता है।
- क्रूज़ मिसाइल पृथ्वी की सतह के समांनांतर चलते हैं और उनका निशाना बिल्कुल सटीक होता है।
- क्रूज़ मिसाइल पारंपरिक और परमाणु बम दोनों के लिये ही कारगर माने जाते हैं। लेकिन अपने आकार एवं कम लागत के कारण उनका प्रयोग पारंपरिक हथियारों के साथ ज़्यादा होता रहा है।