अंतर्राष्ट्रीय संबंध
ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी
- 16 Aug 2017
- 4 min read
चर्चा में क्यों ?
ब्लॉकचेन को भविष्य का तकनीक माना जा रहा है। कई अन्य कंपनियों की तरह मास्टरकार्ड भी इसके निहितार्थ और अवसरों के मद्देनज़र इसे अपने कार्यों में शामिल करने पर विचार कर रहा है। परंतु वह ब्लॉकचेन के इस्तेमाल को नियमित करने के लिये भारत में एक स्पष्ट विनियामक ढाँचा भी चाहता है।
ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी क्या है ?
- ब्लॉकचेन एक ऐसी प्रौद्योगिकी है जो एक सुरक्षित एवं आसानी से सुलभ नेटवर्क पर लेन -देनों का एक विकेंद्रीकृत डाटाबेस तैयार करती है। लेन-देन के इस साझा रिकॉर्ड को नेटवर्क पर स्थित कोई भी व्यक्ति देख सकता है।
- वास्तव में ब्लॉकचेन डाटा ब्लॉकों की एक श्रृंखला होती है तथा प्रत्येक ब्लॉक में लेन-देन का एक समूह समाविष्ट होता है। ये ब्लॉक एक-दूसरे से इलेक्ट्रॉनिक रूप से जुड़े होते हैं तथा इन्हें कूट-लेखन के माध्यम से सुरक्षा प्रदान की जाती है।
- इस तकनीक की एक प्रमुख विशेषता इसका विकेंद्रीकृत होना है जिसका अर्थ यह है कि लेन-देनों को पूरा करने के लिये इसमें किसी विश्वसनीय मध्यस्थ (जैसे- बैंक) की आवश्यकता नहीं होती।
- ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी का सर्वोत्तम एवं सबसे बड़ा उदाहरण बिटकॉइन नेटवर्क है।
- यह तकनीक सुरक्षित है। इसे हैक करना मुश्किल है। साइबर अपराध और हैकिंग को रोकने के लिये यह तकनीक सुरक्षित मानी जा रही है।
- भारत में तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में पायलट परियोजना के तौर पर इसकी शुरुआत की गई है। इसका इस्तेमाल आँकड़ों के सुरक्षित भंडार के रूप में किया जा सकता है।
- मास्टरकार्ड इसी तरह के एक नेटवर्क पर काम कर रहा है, जो वैश्विक स्तर पर वितरित वित्तीय नेटवर्क की आवश्यकताओं को पूरा करते हुए ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी के लाभों को शामिल कर सकता है।
इसे कौन विनियमित करेगा ?
- भारत में एक अंतर-मंत्रिस्तरीय समिति इसे विनियमित करने के लिये विभिन्न पहलुओं पर विचार कर रही है।
- इसे बाज़ार नियामक सिक्योरिटीज़ एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) के भुगतान विनियामक बोर्ड के तहत लाने पर विचार किया जा रहा है। इस बोर्ड में केंद्रीय बैंक और केंद्र से प्रत्येक के तीन सदस्य होंगे।
- बिटकॉइन जैसे ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी को रैनसमवेयर हमलों का सामना करना पड़ सकता है। अत: इसका विनियमन बड़ी सावधानी से करने की आवश्यकता है।
बिटकॉइन
- बिटकॉइन एक विशुद्ध इलेक्ट्रॉनिक मुद्रा है, जिसका प्रयोग विनिमय में किया जाता है। बिटकॉइन को वैश्विक मान्यता नहीं है।
- हाल के वर्षों में विश्व स्तर पर और साथ ही भारत में बिटकॉइन की मांग बढ़ी है। वर्तमान में एक बिटकॉइन का मूल्य 1.75 लाख हो गया है, जो 2010 में मात्र 5 रुपए था।