विमानों में ब्लैक बॉक्स | 21 Aug 2020
प्रिलिम्स के लियेब्लैक बॉक्स मेन्स के लियेविमानों में ब्लैक बॉक्स का महत्त्व |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में कोझीकोड (केरल) में दुर्घटनाग्रस्त हुए बोइंग 737-800 विमान के ब्लैक बॉक्स मिले हैं। ये बॉक्स जाँचकर्ताओं को उन महत्त्वपूर्ण घटनाओं के बारे में जानकारी जुटाने में मदद करेंगे जो दुर्घटना की वजह बनीं।
प्रमुख बिंदु
- ब्लैक बॉक्स के बारे में: एक ब्लैक बॉक्स, जिसे तकनीकी रूप से एक इलेक्ट्रॉनिक फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (Electronic Flight Data Recorder) के रूप में जाना जाता है, एक नारंगी रंग का भारी रिकॉर्डिंग उपकरण होता है जिसे विमान में रखा जाता है। उड़ान के दौरान विमान से जुड़ी सभी तरह की गतिविधियों को संचित करने अर्थात् रिकॉर्ड करने के लिये इसका उपयोग किया जाता है।
- किसी भी वाणिज्यिक विमान या कॉर्पोरेट जेट में ब्लैक बॉक्स होना अनिवार्य होता है इन्हें विमान के पिछले हिस्से में रखा जाता है।
- आमतौर पर ब्लैक बॉक्स से पुनर्प्राप्त डेटा का विश्लेषण करने में कम से कम 10-15 दिन लगते हैं।
- ब्लैक बॉक्स का उपयोग विमानों के अलावा रेलवे, कार आदि वाहनों में भी किया जाता है।
- आविष्कार: वर्ष 1958 में FDR/CVR प्रोटोटाइप का निर्माण करने वाले पहले ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिक डेविड वॉरेन थे।
- भाग: "ब्लैक बॉक्स" दो अलग-अलग उपकरणों से बना होता है: फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR)।
- FDR विमान की गति, ऊँचाई, शीर्ष पर गति और ईंधन के प्रवाह जैसी चीजों को रिकॉर्ड करता है।
- CVR में कॉकपिट में हुई बातचीत को रिकॉर्ड किया जाता है।
- प्रौद्योगिकी:
- पुराने ब्लैक बॉक्स में चुंबकीय टेप का इस्तेमाल किया जाता था, इस तकनीक की शुरुआत पहली बार वर्ष 1960 में की गई थी। मैग्नेटिक टेप सामान्य टेप रिकॉर्डर की तरह काम करता है।
- इन दिनों, ब्लैक बॉक्स सॉलिड-स्टेट मेमोरी बोर्ड (Solid state memory boards) का उपयोग किया जाता हैं, इनकी शुरुआत 1990 के दशक में हुई थी। सॉलिड स्टेट मेमोरी बोर्ड में मेमोरी चिप्स के स्टैक्ड एरे (Stacked Arrays) का उपयोग किया जाता है जो कि मज़बूत होते हैं।
- FDR में क्रैश-सर्वाइवल मेमोरी यूनिट्स (CSMU) शामिल होती हैं, जो अत्यधिक गर्मी, दुर्घटना से होने वाली झनझनाहट और बहुत अधिक दबाव का सामना करने में सक्षम होती हैं।
- ब्लैक बॉक्स को ऐसी परिस्थितियों में खोजे जाने में सक्षम बनाने के लिये, जहाँ वे पानी के नीचे हों, विमान एक बीकन (प्रकाशस्तंभ) से लैस होते हैं जो 30 दिनों तक अल्ट्रासाउंड सिग्नल भेज सकता है।
- एक विमान दुर्घटना की जाँच करने के अन्य तरीके
- एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) कर्मियों के माध्यम से।
- दुर्घटना से पहले ATC और पायलटों के बीच हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग से।
- हवाई अड्डे पर मौजूद विभिन्न डेटा रिकॉर्डर के माध्यम से, जो रनवे पर सटीक बिंदु और विमान के उतरने की गति के बारे में बताएंगे।
- सीमाएँ:
- कुछ मामलों में जैसे- मलेशियाई एयरलाइंस MH-370 उड़ान की तरह, ब्लैक बॉक्स नहीं मिले।
- अभी भी वीडियो रिकॉर्डिंग क्षमताओं की कमी है।
- विकल्प: इस संदर्भ में ऐसा प्रयास किया जा रहा है कि विमान से जुड़े आवश्यक डेटा को वास्तविक समय में एक ग्राउंड बेस्ड स्टेशन पर सीधे प्रसारित किया जा सके, इससे दुर्घटना में ब्लैक बॉक्स के नष्ट होने की संभावना और खोज की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी और वास्तविक समय में प्राप्त जानकारी अधिक भरोसेमंद भी साबित होगी।
विमान सुरक्षा (Aircraft Security)
- इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन (ICAO) संयुक्त राष्ट्र की एक विशिष्ट एजेंसी है, जिसे वर्ष 1944 में इंटरनेशनल सिविल एविएशन (शिकागो कन्वेंशन) के प्रशासन एवं प्रबंधन के लिये स्थापित किया गया था।
- 7 दिसंबर, 1944 को शिकागो (अमेरिका) में भारत सहित 52 देशों द्वारा शिकागो सम्मेलन पर हस्ताक्षर किये गए।
- यह अंतर्राष्ट्रीय हवाई यात्रा का समन्वय करता है, हवाई क्षेत्र के नियम निर्धारित करता है, विमान पंजीकरण और सुरक्षा, बचाव एवं स्थिरता को सुनिश्चित करता है तथा हवाई यात्रा के संबंध में हस्ताक्षरकर्त्ता देशों के अधिकारों को स्पष्ट करता है।
नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो
- नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS), नागरिक उड्डयन मंत्रालय (भारत) का एक संलग्न कार्यालय है।
- यह भारत में नागरिक उड्डयन सुरक्षा के लिये नियामक प्राधिकरण है।
- एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) नागरिक उड्डयन मंत्रालय का एक प्रभाग है जो भारत में विमान दुर्घटनाओं और घटनाओं की जाँच करता है।
- हाल ही में, लोकसभा ने विमान (संशोधन) विधेयक, 2020 पारित किया, जो विमान अधिनियम, 1934 में संशोधन करता है।