बिम्सटेक देशों के राजदूतों के लिये वार्ता का प्रमुख बिंदु: एफटीए | 21 Aug 2018
चर्चा में क्यों?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30-31 अगस्त को काठमांडू में बिम्सटेक (bimstec) देशों के नेताओं के साथ शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे और उनमें से अधिकांश के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे। साथ ही, यह उम्मीद जताई जा रही है कि बिम्सटेक देशों के लिये एफटीए वार्ता का प्रमुख बिंदु होगा।
प्रमुख बिंदु
- सात सदस्य देशों के दूतावासों ने कहा है कि बिम्सटेक क्षेत्र अभी "दूरदर्शिता की कमी" (“lack of visibility”) से पीड़ित है।
- यह वास्तव में निराशाजनक है कि अभी तक एफटीए को अंतिम रूप नहीं दिया गया है, जबकि इसके विषय में वर्ष 2004 में बातचीत शुरू हो गई थी।
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भारत का पक्ष
- सीमापार आतंकवाद और उग्रवाद से मुकाबला करने के लिये भारत को ऐसे क्षेत्रीय संगठन की आवश्यकता है जिसके सदस्य देश आतंकवाद के मुद्दे पर वैचारिक रूप से एकमत हों।
- बिम्सटेक के माध्यम से भारत पड़ोसी देशों के साथ संपर्क बढ़ाकर अपने व्यापार को बढ़ा सकता है।
- इसके माध्यम से ब्लू-इकॉनमी को बढ़ावा दिया जा सकता है।
- इसके अलावा, नेपाल और भूटान जैसे स्थल-आबद्ध देशों के लिये बिम्सटेक के माध्यम से क्षेत्रीय संपर्क बढ़ाने के पर्याप्त अवसर हैं।