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आर्थिक पूंजी के ढाँचे पर बिमल जालान समिति

  • 31 Dec 2018
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?


भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आरक्षित कोष के उचित आकार के बारे में सुझाव देने के लिये पूर्व गवर्नर बिमल जालान की अध्यक्षता में 6 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया है।

प्रमुख बिंदु

  • यह समिति इस बारे में सुझाव देगी कि केंद्रीय बैंक के आरक्षित कोष का आकार क्या होना चाहिये, उसे सरकार को कितना लाभांश देना चाहिये।
  • यह विशेषज्ञ समिति रिजर्व बैंक द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले विभिन्न प्रावधानों, आरक्षित कोष और बफर की ज़रूरत और उसके उचित होने के बारे में स्थिति की समीक्षा करेगी। समिति अपनी पहली बैठक के 90 दिनों के अंदर रिपोर्ट दाखिल करेगी|
  • इसके अलावा समिति वैश्विक स्तर पर केंद्रीय बैंकों द्वारा अपनाए जाने वाले सर्वश्रेष्ठ वैश्विक व्यवहार की भी समीक्षा करेगी।
  • समिति एक उचित लाभ वितरण नीति (Profit Distribution Policy) के बारे में भी प्रस्ताव देगी। इसमें रिजर्व बैंक के समक्ष आने वाली सभी स्थितियों पर गौर किया जाएगा। मसलन ज़रूरत से अधिक प्रावधान रखने की स्थिति।  
  • केंद्रीय बैंक ने समिति से यह भी सुझाव देने को कहा है कि रिजर्व बैंक के जोखिम के प्रावधान का उचित स्तर क्या होना चाहिये।

समिति के सदस्य

  1. RBI के पूर्व गवर्नर बिमल जालान (चेयरमैन)
  2. RBI के पूर्व डिप्टी गवर्नर राकेश मोहन (डिप्टी चेयरमैन)
  3. आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग (सदस्य)
  4. RBI के डिप्टी गवर्नर एन.एस. विश्वनाथन (सदस्य)
  5. RBI बोर्ड के सदस्य भारत दोशी (सदस्य)
  6. RBI बोर्ड के सदस्य सुधीर मांकड़ (सदस्य)

पृष्ठभूमि

  • रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल तथा सरकार के बीच केंद्रीय बैंक के पास पड़े अतिरिक्त कोष को लेकर मतभेद थे। सरकार ने RBI से अतिरिक्त पूंजी देने के लिये कहा था|
  • सरकार का कहना है कि घाटे के लक्ष्यों को पूरा करने, कमजोर बैंकों में पूंजी डालने और उधार देने तथा कल्याणकारी कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिये इस पूंजी का इतेमाल किया जाएगा।
  • RBI के भंडार के दो घटक हैं:

♦ 2.5 लाख करोड़ रुपए की आकस्मिकता निधि।
♦ 6.91 लाख करोड़ रुपए की एक करेंसी तथा गोल्ड रिवैल्यूएशन रिजर्व।

  • कोर रिज़र्व आकस्मिकता निधि कुल संपत्ति का लगभग 7% है और इसका बाकी हिस्सा बड़े पैमाने पर पुनर्मूल्यांकन भंडार में है, जिसमें मुद्रा और सोने के मूल्य में संबंधित परिवर्तनों के साथ उतार-चढ़ाव होता है।
  • रिजर्व बैंक के पास पिछले वित्तीय वर्ष के अंत में ऐसी 9.6 लाख करोड़ रुपए की पूंजी दिखाई गई है।
  • वित्त मंत्रालय का विचार है कि रिजर्व बैंक अपनी कुल संपत्ति के 28 प्रतिशत के बराबर बफर पूंजी रखे हुए है जो वैश्विक स्तर पर केंद्रीय बैंकों द्वारा रखे जाने वाली आरक्षित पूंजी की तुलना में बहुत ऊंचा है। इस बारे में वैश्विक नियम 14 प्रतिशत का है।
  • रिजर्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड ने 19 नवंबर की बैठक में इस बारे में सुझाव देने के लिये विशेषज्ञ समिति के गठन का फैसला किया था।

स्रोत : द हिंदू

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