भारतीय अर्थव्यवस्था
अनियमित जमा योजनाओं पर प्रतिबंध लगाने संबंधी विधेयक, 2018 में आधिकारिक संशोधन के प्रस्ताव को मंज़ूरी
- 07 Feb 2019
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चर्चा में क्यों?
हाल ही में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने स्थायी वित्त समिति (Standing Committee on Finance-SCF) के गठन की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए अनियमित जमा योजनाओं पर प्रतिबंध लगाने संबंधी विधेयक, 2018 में आधिकारिक संशोधन के प्रस्ताव को अपनी मंज़ूरी दे दी है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु
- 18 जुलाई, 2018 को अनियमित जमा योजनाओं पर प्रतिबंध लगाने संबंधी विधेयक-2018 को संसद में पेश किया गया था और इसे स्थायी वित्त समिति (Standing Committee on Finance-SCF) के सुपुर्द कर दिया गया था।
- 03 जनवरी, 2019 को इस विधेयक की 17वीं रिपोर्ट को संसद में पेश किया गया।
- इस संशोधन के पश्चात् यह विधेयक देश में अवैध रूप से जमा राशि जुटाने के जोखिम से कारगर ढंग से निपटने और इस तरह की योजनाओं के ज़रिये गरीबों एवं भोले-भाले लोगों की गाढ़ी कमाई हड़प लेने पर रोक लगाने की दृष्टि से और मज़बूत हो जाएगा।
- इस संशोधित विधेयक में प्रतिबंध लगाये जाने हेतु एक व्यापक अनुच्छेद लाया गया है, जिसके अंतर्गत जमा राशि जुटाने वालों को किसी भी अनियमित जमा योजना का प्रचार-प्रसार, संचालन, विज्ञापन जारी करने अथवा जमा राशि जुटाने से प्रतिबंधित किया गया है।
विधेयक के उद्देश्य
- यह विधेयक अनियमित तौर पर जमा राशि जुटाने से जुड़ी गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक लगा देगा। इसके तहत ऐसी गतिविधियों को प्रत्याशित अपराध माना जाएगा, जबकि मौजूदा विधायी-सह-नियामकीय फ्रेमवर्क केवल व्यापक समय अंतराल के बाद ही यथार्थ या अप्रत्याशित रूप से प्रभावी होता है।
- विधेयक में अपराधों के तीन प्रकार निर्दिष्ट किये गए हैं, जिनमें अनियमित जमा योजनाएँ चलाना, नियमित जमा योजनाओं में धोखाधड़ी के उद्देश्य से डिफॉल्ट करना और अनियमित जमा योजनाओं के संबंध में गलत इरादे से प्रलोभन देना शामिल हैं।
- विधेयक में कठोर दंड देने और भारी जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है, ताकि लोगों की इस तरह की गतिविधियों पर अंकुश लग सके।
- विधेयक में उन मामलों में जमा राशि को वापस लौटाने या पुनर्भुगतान करने के पर्याप्त प्रावधान किये गए हैं, जिनके तहत ये योजनाएँ किसी भी तरह से अवैध तौर पर जमा राशि जुटाने में सफल हो जाती हैं।
- विधेयक में सक्षम प्राधिकरण द्वारा संपत्तियों/परिसंपत्तियों को ज़ब्त करने और जमाकर्त्ताओं को पुनर्भुगतान किये जाने के उद्देश्य से इन परिसंपत्तियों को हासिल करने का प्रावधान किया गया है।
विधेयक के प्रावधान
18 जुलाई, 2018 अनियमित जमा योजनाओं पर प्रतिबंध लगाने संबंधी विधेयक-2018 को संसद में पेश किया गया जिसमें निम्नलिखित व्यवस्था की गई है –
- अनियमित जमा राशि जुटाने की गतिविधि पर पूर्ण प्रतिबंध।
- अनियमित जमा राशि जुटाने वाली योजना का प्रचार-प्रसार अथवा संचालन के मामले में कठोर दंड।
- जमाकर्त्ताओं को पुनर्भुगतान के मामले में धोखाधड़ी और डिफॉल्ट करने पर कठोर दंड।
- जमा राशि जुटाने वाले प्रतिष्ठान को डिफॉल्टर घोषित किये जाने की स्थिति में जमा राशि का पुनर्भुगतान सुनिश्चित करने के लिये राज्य सरकार द्वारा एक सक्षम प्राधिकरण को अधिकृत करना।
- सक्षम प्राधिकरण को अधिकार सौंपना, जिसमें डिफॉल्टर प्रतिष्ठान की परिसम्पत्तियाँ ज़ब्त करने का अधिकार देना भी शामिल हैं।
- जमाकर्त्ताओं के पुनर्भुगतान की निगरानी करने और अधिनियम के तहत आपराधिक कार्रवाई करने के लिये अदालतों को अधिकृत करना।
- विधेयक में नियमित जमा योजनाओं की सूची पेश करना, इसमें एक ऐसा प्रावधान होगा जिसके तहत केंद्र सरकार इस सूची को बड़ा या छोटा कर सकेगी।
पृष्ठभूमि
- भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, जुलाई 2014 और मई 2018 के बीच की अवधि के दौरान अनधिकृत योजनाओं के 978 मामलों पर विभिन्न राज्यों/केंद्र-शासित प्रदेशों की राज्य स्तरीय समन्वय समिति (State Level Coordination Committee-SLCC) की बैठकों में विचार किया गया और उन्हें राज्यों के संबंधित नियामकों/कानून प्रवर्तन एजेंसियों के सुपुर्द किया गया।
- 2016-17 के दौरान इस तरह की योजनाओं से देश भर में बहुत से लोगों को आर्थिक नुकसान हुआ था जिसमें ज़्यादातर गरीब और वित्तीय मामलों से अनभिज्ञ लोग शामिल थे इस तरह की योजनाओं का जाल अनेक राज्यों में फैला हुआ है।
- इसके बाद वित्त मंत्री ने बजट भाषण 2017-18 में यह घोषणा की थी कि अवैध रूप से जमा राशि जुटाने वाली योजनाओं पर अंकुश लगाने के लिये विधेयक के मसौदे को सार्वजनिक तौर पर पेश किया गया है और इसे अंतिम रूप देने के बाद जल्द ही संसद में पेश किया जाएगा।
स्रोत - PIB