बिहार में सार्वभौमिक वृद्धावस्था पेंशन लागू | 15 Jun 2019
चर्चा में क्यों?
हाल ही में बिहार में एक नई योजना मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना (Mukhyamantri Vridhjan Pension Yojana) की शुरुआत की गई है। यह योजना सभी वृद्धजनों पर सार्वभौमिक रूप से (चाहे वे किसी भी आर्थिक, सामाजिक एवं जातिगत स्तर पर हों) लागू होगी।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि इस योजना के अंतर्गत 60 वर्ष या उससे अधिक आयु वर्ग के प्रत्येक पुरुष एवं महिला को प्रतिमाह 400 रुपए तथा 80 वर्ष या इससे अधिक आयु वर्ग के प्रत्येक पुरुष एवं महिला को 500 रुपए प्रतिमाह पेंशन की राशि उनके बैंक खाते में प्रदान की जाएगी।
- अन्य राज्यों में वृद्धावस्था पेंशन का लाभ सिर्फ BPL परिवार, एससी/एसटी, विधवा और विकलांग व्यक्तियों को प्रदान किया जाता है।
- देश में बिहार को छोड़कर किसी अन्य राज्य में ऐसी कोई अनूठी योजना (Unique Scheme) नहीं है जहाँ सभी वृद्धों (चाहे वे किसी भी आर्थिक, सामाजिक एवं जातिगत स्तर पर हों) को पेंशन दी जाती है।
- इस योजना के तहत करीब 35 से 40 लाख लोगों को कवर किया जाएगा जिन्हें अभी तक किसी अन्य राज्य/ केंद्र सरकार की योजना में शामिल नहीं किया गया है।
- हालाँकि बिहार में लगभग 63 लाख लोगों (बीपीएल परिवारों, विधवाओं और विकलांगों) को राज्य और केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत पहले से ही वृद्धावस्था पेंशन प्रदान की जा रही है।
- इस योजना के तहत राज्य सरकार प्रतिवर्ष 1,800 करोड़ रुपए का अतिरिक्त खर्च किया करेगी।
पेंशन से संबंधित केंद्र सरकार की योजनाएँ
- राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (National Social Assistance Programme- NSAP) ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा प्रशासित एक कल्याणकारी कार्यक्रम है। इसके तहत केंद्र सरकार द्वारा बुजुर्गों को पेंशन प्रदान की जाती है।
- इस कार्यक्रम को ग्रामीण के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में भी लागू किया जा रहा है।
संवैधानिक प्रावधान
- राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (NSAP) संविधान के अनुच्छेद 42 और विशेष रूप से अनुच्छेद 41 में दिये गए नीति-निदेशक सिद्धांतों की पूर्ति की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम का प्रतिनिधित्व करता है।
- अनुच्छेद 41 के अनुसार, राज्य अपनी आर्थिक सामर्थ्य और विकास की सीमाओं के भीतर, काम पाने, शिक्षा प्राप्त करने और बेकारी, बुढ़ापा, बीमारी एवं नि:शक्तता तथा अन्य प्रकार के अभाव की दशाओं में लोक सहायता पाने के अधिकार को प्राप्त कराने का प्रभावी उपबंध करेगा।
- अनुच्छेद 42 के अनुसार, राज्य काम की न्यायसंगत और मानवोचित दशाओं को सुनिश्चित करने के लिये तथा प्रसूति सहायता के लिये उपबंध करेगा।
- इस कार्यक्रम की शुरुआत पहली बार 15 अगस्त, 1995 को केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में की गई थी। वर्ष 2016 में इसे केंद्र प्रायोजित योजनाओं (CSS) की प्रमुखतम (Core of Core) योजनाओं में शामिल किया गया था।
वर्तमान में वर्ष 2019 में इसके पाँच घटक हैं:
1. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना (Indira Gandhi National Old Age Pension Scheme-IGNOAPS) – इसकी शुरुआत वर्ष 1995 में की गई थी।
2. राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना (National Family Benefit Scheme-NFBS)- इसकी शुरुआत वर्ष 1995 में की गई थी।
3. अन्नपूर्णा योजना (Annapurna Scheme- AS)- यह योजना वर्ष 2000 में शुरू की गई।
4. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना (Indira Gandhi National Widow Pension Scheme-IGNWPS)- यह 2009 में शुरू की गई।
5. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विकलांगता पेंशन योजना (Indira Gandhi National Disability Pension Scheme- IGNDPS)- यह 2009 में शुरू की गई।
- राष्ट्रीय मातृत्व लाभ योजना (National Maternity Benefit Scheme-NMBS), NSAP का हिस्सा थी और बाद में इसे ग्रामीण विकास मंत्रालय से स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में स्थानांतरित कर दिया गया।