अंतर्राष्ट्रीय संबंध
भूटान के राजा भारत दौरे पर
- 07 Apr 2023
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प्रिलिम्स के लिये:चूखा जलविद्युत परियोजना, भारत-भूटान सीमा पर एकीकृत चेक पोस्ट, STEM-आधारित पहल, भारत इंटरफेस फॉर मनी। मेन्स के लिये:भारत-भूटान संबंध। |
चर्चा में क्यों?
भूटान के राजा ने भारत का दौरा किया और भारतीय प्रधानमंत्री से मुलाकात की, जहाँ दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय सहयोग एवं राष्ट्रीय तथा क्षेत्रीय हितों के मुद्दों पर चर्चा की।
प्रमुख बिंदु
- भूटान की विकास योजनाएँ:
- भूटान की परिवर्तन पहल और सुधार प्रक्रिया एवं भूटान की विकास महत्त्वाकांक्षाओं हेतु भारत का समर्थन, विशेष रूप से वर्ष 2024 में शुरू होने वाली 13वीं पंचवर्षीय योजना इस चर्चा का मुख्य विषय था।
- भूटान की वर्ष 2023 में सबसे अल्प विकसित देशों की सूची से निकलने की उम्मीद है, साथ ही इसका अगले दस वर्षों में 12,000 अमेरिकी डॉलर की प्रति व्यक्ति आय के साथ एक विकसित देश बनने का लक्ष्य है।
- ऋण सुविधा और वित्तीय सहायता:
- संस्थागत क्षमता निर्माण और सुधारों हेतु वित्तीय सहायता पर चर्चा करने के अलावा, भारत भूटान को तीसरी अतिरिक्त स्टैंडबाय क्रेडिट सुविधा देने पर भी सहमत हुआ है। दोनों देशों ने भारत-भूटान उपग्रह के हालिया लॉन्च सहित जल विद्युत एवं सौर ऊर्जा परियोजनाओं के साथ-साथ अंतरिक्ष सहयोग सहित ऊर्जा सहयोग के बारे में भी बात की है।
- जलविद्युत परियोजना के लिये पावर टैरिफ:
- भारत सरकार ने चूखा जलविद्युत परियोजना हेतु विद्युत शुल्क बढ़ाने के लिये भूटान की लंबे समय से लंबित मांग पर सहमति व्यक्त की है, जिसका परिचालन वर्ष 1986 में भारत की मदद से शुरू किया था।
- इसके अलावा भारत ने वर्ष 2008 में ऑस्ट्रियाई समर्थित बसोचू जलविद्युत परियोजना से विद्युत खरीदने के बारे में चर्चा करने के लिये सहमति जताई है।
- संकोश जलविद्युत परियोजना:
- दोनों देश पर्यावरण और लागत संबंधी चिंताओं के कारण दशकों से लंबित जलाशय आधारित 2,500 मेगावाट संकोश जलविद्युत परियोजना पर बातचीत में तेज़ी लाने का भी प्रयास करेंगे।
- एकीकृत चेक पोस्ट:
- भारत जयगाँव में भारत-भूटान सीमा पर पहली एकीकृत चेक पोस्ट स्थापित करने और प्रस्तावित कोकराझार-गेलेफू रेल लिंक परियोजना में तेज़ी लाने की संभावनाओं पर भी विचार कर रहा है।
- रेल और हवाई मार्ग लिंक:
- भारत के साथ सीमा के पास भूटान गेलेफू में अपने दूसरे अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण कर रहा है। रेल लिंक परियोजना दक्षिणी भूटानी शहर को अंतर्राष्ट्रीय निवेश आकर्षित करने का एक केंद्र बनाने में मदद करेगी।
- डिजिटल अवसंरचना:
- सहयोग के पारंपरिक क्षेत्रों से परे नए क्षेत्रों में सहयोग पर भी चर्चा की गई, जैसे नई STEM-आधारित पहल, तीसरे अंतर्राष्ट्रीय इंटरनेट गेटवे जैसे डिजिटल अवसंरचना की स्थापना, भारत के राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क के साथ भूटान के ड्रुकरेन (DrukRen) का एकीकरण (ई-लर्निंग के क्षेत्र में एक महत्त्वपूर्ण सहयोग), ई-लर्निंग पर भूटान के प्रयासों की पूरक ई-लाइब्रेरी परियोजना।
- वित्तीय सहयोग:
- वित्तीय सहयोग अथवा एकीकरण के तहत RuPay परियोजना का पहला चरण शुरू किया गया था।
- भारत का भारत इंटरफेस फॉर मनी (BHIM) भी जुलाई 2021 में लॉन्च किया गया था।
- दोनों पक्ष भूटान में BHIM ऐप के कार्यान्वयन की भी समीक्षा करेंगे।
भारत-भूटान संबंध:
- शांति एवं मित्रता की भारत-भूटान संधि, 1949:
- यह संधि अन्य बातों के अलावा, स्थायी शांति एवं मित्रता, मुक्त व्यापार और वाणिज्य तथा एक दूसरे के नागरिकों हेतु समान न्याय प्रदान करती है।
- वर्ष 2007 में संधि पर फिर से बातचीत की गई तथा भूटान की संप्रभुता को प्रोत्साहित करने के लिये प्रावधानों को शामिल किया गया, जिससे विदेश नीति पर भारत का मार्गदर्शन प्राप्त करने की आवश्यकता समाप्त हो गई।
- बहुपक्षीय भागीदारी:
- दोनों बहुपक्षीय मंचों को साझा करते हैं जैसे दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC), ‘बांग्लादेश, भूटान, भारत और नेपाल’ (BBIN), तथा बहु-क्षेत्रीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग के लिये बंगाल की खाड़ी पहल (BIMSTEC) आदि।
- जलविद्युत सहयोग:
- यह जलविद्युत सहयोग वर्ष 2006 के जल विद्युत क्षेत्र में सहयोग समझौते के अंतर्गत है। इस समझौते के एक प्रोटोकॉल के तहत, भारत वर्ष 2020 तक न्यूनतम 10,000 मेगावाट जलविद्युत के विकास तथा उसी से अधिशेष विद्युत के आयात में भूटान की सहायता करने हेतु सहमत हुआ है।
- भूटान में कुल 2136 मेगावाट की चार जलविद्युत परियोजनाएँ (HEPs) - चूखा, कुरिछु, ताला और मंगदेछू पहले से ही संचालित हैं तथा भारत को विद्युत की आपूर्ति कर रही हैं।
- अंतर-सरकारी मोड में दो HEPs नामत: पुनात्सांगछू-I, पुनात्सांगछू-II कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं
- व्यापार:
- दोनों देशों के बीच व्यापार भारत- भूटान व्यापार और पारगमन समझौते, 1972 द्वारा संचालित होता है जिसे अंतिम बार नवंबर 2016 में नवीनीकृत किया गया था।
- नवंबर 2021 में भारत सरकार ने भारत के साथ भूटान के द्विपक्षीय तथा पारगमन व्यापार के लिये सात नए व्यापार मार्गों को खोलने की औपचारिक घोषणा की।
- इन नए मार्गों से क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलने तथा दोनों देशों के बीच संपर्क बढ़ने की उम्मीद है।
- इसके अलावा भूटान से भारत में 12 कृषि उत्पादों के औपचारिक निर्यात की अनुमति प्रदान करने हेतु नई बाज़ार पहुँच प्रदान की गई है, जिससे देश के कृषि क्षेत्र को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
- आर्थिक सहायता:
- भारत, भूटान का प्रमुख विकास भागीदार है। वर्ष 1961 में भूटान की पहली पंचवर्षीय योजना (FYP) के शुभारंभ के बाद से, भारत भूटान की FYPs को वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है। भारत ने भूटान की 12वीं FYP (वर्ष 2018-23) के लिये 4500 करोड़ रुपए आवंटित किये हैं।
- शैक्षिक एवं सांस्कृतिक सहयोग:
- बड़ी संख्या में भूटानी छात्र भारत में अध्ययन करते हैं। भारत सरकार भूटानी छात्रों को कई प्रकार की छात्रवृत्तियाँ प्रदान करती है।
आगे की राह
- भारत-भूटान संबंधों के संदर्भ में पर्यावरणीय स्थिरता के महत्त्व को कम करके नहीं आँका जा सकता है। भारत और भूटान दोनों ही प्रचुर मात्रा में प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न हैं और यह अनिवार्य है कि वे भविष्य की पीढ़ियों के लिये इन संसाधनों को संरक्षित और सुरक्षित करने हेतु मिलकर कार्य करें।
- इसलिये यह महत्त्वपूर्ण है कि भारत और भूटान अपने द्विपक्षीय संबंधों में पर्यावरणीय स्थिरता को प्राथमिकता देना जारी रखें और सतत् विकास को बढ़ावा देने तथा प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करने के अपने साझा लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में कार्य करें।