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BharOS सॉफ्टवेयर

  • 25 Jan 2023
  • 6 min read

प्रिलिम्स के लिये:

BharOS ऑपरेटिंग सिस्टम, गूगल और iOS, आत्मनिर्भर भारत, स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम।

मेन्स के लिये:

BharOS ऑपरेटिंग सिस्टम और इसका महत्त्व।

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में IIT मद्रास-इनक्यूबेटेड कंपनी ने BharOS विकसित किया है।

BharOS: 

  • परिचय: 
    • यह Android या iOS की तरह एक स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) है। यह गोपनीयता और सुरक्षा पर केंद्रित है।
      • एक मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम एक सॉफ्टवेयर है जो Google द्वारा Android और Apple द्वारा iOS जैसे स्मार्टफोन पर कोर इंटरफेस है, जो सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए स्मार्टफोन उपयोगकर्त्ताओं को अपने डिवाइस के साथ बातचीत करने और इसकी सुविधाओं तक पहुँचने में मदद करता है।
    • BharOS भारत-आधारित उपयोगकर्त्ताओं के लिये एक सुरक्षित OS वातावरण बनाकर 'आत्मनिर्भर भारत' के विचार की दिशा में एक योगदान है।
    • वर्तमान में BharOS सेवाएँ उन संगठनों को प्रदान की जा रही हैं जिन्हें गोपनीयता और सुरक्षा की अधिक आवश्यकता है तथा जिनके उपयोगकर्त्ता संवेदनशील जानकारी रखते हैं जिसके लिये मोबाइल पर प्रतिबंधित एप पर गोपनीय संचार की आवश्यकता होती है।
    • ऐसे उपयोगकर्ताओं को निजी 5G नेटवर्क के माध्यम से निजी क्लाउड सेवाओं तक पहुँच की आवश्यकता होती है। 
  • विशेषताएँ: 
    • नेटिव ओवर द एयर: 
      • BharOS नेटिव ओवर द एयर (NOTA) अपडेट की पेशकश करेगा, जिसका अर्थ है कि उपयोगकर्त्ताओं को अद्यतन जाँच करने और उन्हें स्वयं लागू करने के बजाय सुरक्षा अपडेट तथा बग फिक्स स्वचालित रूप से इंस्टॉल हो जाएंगे। 
    • नो डिफाल्ट एप : 
      • नो डिफाल्ट एप (NDA) सेटिंग का अर्थ है कि यूज़र्स को इस मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम में पहले से इंस्टॉल एप्स को रखने या इस्तेमाल करने की ज़रूरत नहीं है। 
        • NDA महत्त्वपूर्ण है क्योंकि आज अन्य स्मार्टफोन के साथ आने वाले कई प्री-इंस्टॉल एप ब्लोटवेयर के रूप में कार्य करके डिवाइस को धीमा कर सकते हैं या बैटरी लाइफ को कम कर सकते हैं।
      • BharOS के लिये NDA डिज़ाइन का उपयोग करने का निर्णय जान-बूझकर किया गया था क्योंकि यह उपयोगकर्त्ताओं को एप पर विश्वास और उनके फोन पर संग्रहीत डेटा के प्रकार के आधार पर उनके मोबाइल फोन में एप्स पर अधिक नियंत्रण प्रदान करेगा।
    • निजी एप स्टोर सेवाएँ: 
      • यह निजी एप स्टोर सेवाएँ (Private App Store Services- PASS) नाम से एक प्रणाली का उपयोग करेगा, जो उपयोगकर्त्ताओं के लिये सुरक्षित उन एप्स की जाँच और संयोजन करेगा।
      • जब तक उपयोगकर्त्ता BharOS के मानकों को पूरा करते हैं, तब तक वे अन्य एप्स का उपयोग करने में सक्षम होंगे।  
  • महत्त्व: 
    • परियोजना का उद्देश्य स्मार्टफोन में विदेशी OS पर निर्भरता को कम करना और स्थानीय रूप से विकसित प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देना है।
    • यह एक स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र और आत्मनिर्भर भविष्य बनाने के लिये बड़ी उपलब्धि है।
    • यह भारत को उन कुछ देशों के बराबर रखने की क्षमता रखता है जिनके पास वर्तमान में ऐसी उपलब्धियाँ हैं। 

BharOS गूगल एंड्राइड से अलग: 

  • BharOS एंड्रॉइड ओपन-सोर्स प्रोजेक्ट (AOSP) पर आधारित है और कुछ हद तक गूगल एंड्रॉइड जैसा ही है। हालाँकि यह नियमित Google Android फोन की तरह Google सेवाओं के साथ पहले से लोड नहीं रहता है। इसलिये BharOS उपयोगकर्त्ता अपनी पसंद के एप्स को डाउनलोड कर सकते हैं, न कि कोई ऐसा एप जिसके लिये वे बाध्य हों।
  • स्टॉक ऑपरेटिंग सिस्टम वाले एंड्रॉइड फोन में आमतौर पर क्रोम (Chrome) को डिफॉल्ट ब्राउज़र के रूप में सेट किया जाता है। BharOS के निर्माता ‘डक डक गो’ (DuckDuck Go) को डिफॉल्ट ब्राउज़र के रूप में स्थापित करने के लिये उसके साथ साझेदारी करने पर विचार कर रहे हैं।
    • DuckDuckGo एक प्राइवेसी-फोकस्ड/निजता पर केंद्रित ब्राउज़र है, जिसमें कई ब्राउजिंग मोड हैं।

स्रोत: द हिंदू

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