भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम | 25 Aug 2023
प्रिलिम्स के लिये:भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम, ग्लोबल NCAP, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय मेन्स के लिये:भारत NCAP से संबंधित सकारात्मक परिणाम और चुनौतियाँ |
स्रोत: द हिंदू
चर्चा में क्यों?
भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (Bharat NCAP) पेश किया है।
- देश में विकसित इस स्टार-रेटिंग प्रणाली का उद्देश्य किसी भी प्रकार की टकराव की स्थिति में वाहनों की सुरक्षा प्रणाली का मूल्यांकन करना है, ताकि उपभोक्ता कार खरीदते समय सूचित निर्णय लेने में सक्षम बन सकें।
- यह व्यापक कार्यक्रम 1 अक्तूबर, 2023 से लागू होगा, यह भारत में सड़क दुर्घटनाओं में मौतों की बढ़ती संख्या को कम करने में प्रमुख भूमिका निभाएगा।
भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम:
- परिचय: इसके तहत वाहनों, विशेष रूप से यात्रियों द्वारा उपयोग में लाई जाने वाली कारों को दुर्घटना से बचाने के लिये उनका सख्त नियमों के तहत क्रैश टेस्ट किया जाएगा और जल्द ही प्रकाशित होने वाले ऑटोमोटिव उद्योग मानक 197 में निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार उनके प्रदर्शन के आधार पर उन्हें एक से पाँच स्टार तक की सुरक्षा रेटिंग दी जाएगी।
- यह कार्यक्रम उन यात्री वाहनों पर लागू होता है जिनमें चालक की सीट के अतिरिक्त आठ से अधिक सीटें नहीं होती और वाहन का कुल वज़न 3,500 किलोग्राम से अधिक नहीं होता है।
- इस परीक्षण प्रक्रिया में फ्रंटल ऑफसेट टेस्ट, साइड इम्पैक्ट टेस्ट और पोल-साइड इम्पैक्ट टेस्ट शामिल हैं।
- यह रेटिंग उपभोक्ताओं को वाहन के क्रैश टेस्ट सुरक्षा मानकों की स्पष्ट जानकारी प्रदान करेगा।
- वैसे तो भारत NCAP के तहत वाहन की टेस्टिंग कराना अनिवार्य नहीं है, लेकिन यह विनिर्माताओं को अपने वाहनों को परीक्षण के लिये नामांकित करने हेतु प्रोत्साहित करता है ताकि भारतीय बाज़ार में सुरक्षित कारों के उत्पादन को बढ़ावा दिया जा सके।
- परीक्षण पैरामीटर: भारत NCAP तीन महत्त्वपूर्ण मापदंडों के आधार पर वाहनों का मूल्यांकन करता है:
- वयस्क यात्रियों की सुरक्षा: यह पैरामीटर दुर्घटना की स्थिति में वाहन द्वारा वयस्क यात्रियों को प्रदान की जाने वाली सुरक्षा के स्तर का आकलन करता है।
- छोटे बच्चों की सुरक्षा: छोटे बच्चों की सुरक्षा भी उतनी ही महत्त्वपूर्ण है जितनी कि वयस्कों की। यह पैरामीटर दुर्घटना के दौरान बच्चों की सुरक्षा के मामले में वाहन की प्रभावशीलता का आकलन करता है।
- सुरक्षा में सहायक प्रौद्योगिकियाँ: आधुनिक वाहन कई प्रकार की सुरक्षा सहायक प्रौद्योगिकियों से लैस होते हैं। यह पैरामीटर दुर्घटनाओं को रोकने अथवा उनके प्रभाव को कम करने में इन प्रौद्योगिकियों की उपलब्धता और प्रभावशीलता की जाँच करता है।
- अनिवार्य और अनुशंसित परीक्षण: हालाँकि भारत NCAP स्वैच्छिक है, किंतु कुछ मामलों में यह अनिवार्य परीक्षण का प्रावधान कर सकता है:
- बेस मॉडल परीक्षण: किसी वाहन का लोकप्रिय संस्करण या फिर सबसे कम कीमत से शुरू होने वाला प्रारंभिक मॉडल (30,000 इकाइयों की न्यूनतम बिक्री के साथ) को इस परीक्षण के अधीन लाया जा सकता है।
- मंत्रालय की सिफारिशें: यदि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा बाज़ार की प्रतिक्रिया या सार्वजनिक सुरक्षा चिंताओं के आधार पर सिफारिश की जाती है, तब भी भारत NCAP द्वारा कुछ मॉडलों का परीक्षण किया जा सकता है।
- वैश्विक मानकों के साथ विकास और संरेखण: भारत NCAP की अवधारणा ग्लोबल NCAP से प्रेरित है, जो ब्रिटेन स्थित टुवर्ड्स ज़ीरो फाउंडेशन NGO द्वारा शुरू की गई एक परियोजना है।
- ग्लोबल NCAP विश्व भर में नई कारों के मूल्यांकन कार्यक्रमों हेतु एक सहयोगी मंच के रूप में कार्य करता है, जिसमें अमेरिका भी शामिल है, अमेरिका ऐसा देश है जिसके पास वर्ष 1978 के बाद से विश्व की सबसे पुरानी दुर्घटना परीक्षण व्यवस्था है।
- पिछले कुछ वर्षों में भारत के परीक्षण प्रोटोकॉल में काफी विकास हुआ है, भारतीय बाज़ार के लिये 50 से अधिक क्रैश टेस्ट परिणाम प्रकाशित किये गए हैं।
- टाटा कंपनी ने वर्ष 2018 में भारत की पहली 5-स्टार कार रेटिंग हासिल की थी।
- संभावित परिणाम:
- मृत्यु दर में कमी: भारत में प्रत्येक वर्ष लगभग 1.5 लाख सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए, भारत NCAP का लक्ष्य सुरक्षित वाहनों के उत्पादन को प्रोत्साहित करके जनहानि को कम करना है।
- स्वास्थ्य देखभाल और बीमा राहत: वाहन सुरक्षा में सुधार से स्वास्थ्य सेवा तथा बीमा क्षेत्रों पर प्रतिबद्धता में कमी आएगी, जिसके परिणामस्वरूप सकारात्मक सामाजिक और आर्थिक प्रभाव पड़ेगा।
- निर्माता प्रतिष्ठा: निर्माता उपभोक्ता-केंद्रित प्रथाओं के माध्यम से उच्चतर उपभोक्ता निष्ठा (Higher Consumer Loyalty) को बढ़ावा देकर अपनी ब्रांड प्रतिष्ठा बढ़ा सकते हैं।
- चुनौतियाँ:
- विविध सड़क स्थितियाँ: भारत की सड़क संरचना, भीड़भाड़ वाली शहरी सड़कों से लेकर खराब रख-रखाव वाले ग्रामीण राजमार्गों तक बहुत भिन्न है।
- विभिन्न सड़क स्थितियाँ दुर्घटनाओं के दौरान वाहनों की गतिविधियों के तरीके को प्रभावित कर सकती हैं, जिससे सभी के लिये उपयुक्त एक सुरक्षा मूल्यांकन ढाँचा तैयार करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है।
- सामर्थ्य और बाज़ार की गतिशीलता: भारतीय आबादी का एक बड़ा हिस्सा बजट-अनुकूल वाहनों की तलाश करता है, जो वाहन निर्माताओं के लिये उन्नत सुरक्षा सुविधाओं से लैस वाहन निर्मित करने में चुनौती उत्पन्न कर सकता है।
- सामर्थ्य और सुरक्षा के बीच संतुलन बनाना एक जटिल कार्य हो सकता है, जिसके लिये नवीन अभियांत्रिकी समाधान की आवश्यकता होगी।
- वाहनों की विविधता: भारत में विविधतापूर्ण ऑटोमोटिव बाज़ार है, जिसमें वाहन के प्रकार और आकार की एक विस्तृत शृंखला शामिल है।
- कॉम्पैक्ट कारों से लेकर SUVs तक इस विविधता में सुरक्षा का प्रभावी ढंग से मूल्यांकन करने वाले दुर्घटना परीक्षणों को डिज़ाइन करने के लिये विभिन्न वाहनों की गतिशीलता पर गहन विचार किये जाने की आवश्यकता होती है।
- उपभोक्ता और उनकी प्राथमिकताएँ: भारत NCAP का लक्ष्य उपभोक्ताओं को सशक्त बनाना है, जबकि चुनौती सुरक्षा रेटिंग के बारे में जागरूकता पैदा करने और खरीदारों को अन्य सुविधाओं पर सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिये राज़ी करने की है।
- उपभोक्ता की प्राथमिकताएँ अभी भी डिज़ाइन, सुविधाओं और कीमत को लेकर हो सकती हैं, जिससे सुरक्षा रेटिंग का तत्काल प्रभाव सीमित हो सकता है।
- विविध सड़क स्थितियाँ: भारत की सड़क संरचना, भीड़भाड़ वाली शहरी सड़कों से लेकर खराब रख-रखाव वाले ग्रामीण राजमार्गों तक बहुत भिन्न है।
आगे की राह
- सहयोगात्मक सुरक्षा अनुसंधान एवं विकास केंद्र: शैक्षणिक संस्थानों और निर्माताओं के सहयोग से सुरक्षा अनुसंधान एवं विकास केंद्र स्थापित करने की आवश्यकता है।
- ये केंद्र संयुक्त अनुसंधान के माध्यम से नवाचार को बढ़ावा देने, भारत के लिये विशिष्ट सुरक्षा चुनौतियों को संबोधित करने पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
- कला के माध्यम से सड़क सुरक्षा पे प्रति जागरूकता: दुर्घटना-संभावित क्षेत्रों के पास सुरक्षा-थीम वाले सार्वजनिक कला, चित्रकारी के लिये स्थानीय कलाकारों के साथ सहयोग करने की आवश्यकता है जो सुरक्षित ड्राइविंग के महत्त्व के बारे में जागरूकता बढ़ा सकते हैं।
- "सुरक्षा स्कोर" एकीकरण: बीमा कंपनियाँ प्रत्येक वाहन मॉडल को उसकी NCAP रेटिंग के आधार पर एक सुरक्षा स्कोर प्रदान कर सकती हैं।
- इस सुरक्षा स्कोर को विज्ञापनों और डीलरशिप पर प्रमुखता से प्रदर्शित किया जा सकता है, जिससे उपभोक्ताओं का ध्यान सुरक्षा मानकों पर अधिक केंद्रित होगा।