भारत-नेट की तय समय सीमा को बढ़ाया गया | 20 Jul 2017

चर्चा में क्यों ?

  • डिजिटल इंडिया विज़न को साकार करने की दिशा में केंद्रीय कैबिनेट ने भारत-नेट के संशोधित क्रियान्वयन योजना को मंज़ूरी दे दी है। हालाँकि पहले से ही विलम्ब के शिकार इस प्रोजेक्ट की तय समयसीमा को बढ़ाकर अब मार्च 2019 कर दिया गया है। विदित हो की इसका उद्देश्य मार्च 2019 तक देश की सभी ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड से जोड़ना है।
  • प्रोजेक्ट का उद्देश्य सभी ग्राम पंचायतों को भूमिगत फाइबर, हवाई फाइबर, रेडियो और सैटेलाइट मीडिया के ज़रिये न्यूनतम 100 एमबीपीएस ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करना है। 
  • इस योजना पर करीब 42, 068 करोड़ रुपए खर्च होंगे, जो यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड (USOF) से दिये जाएंगे।
  • इसमें से 11,148 करोड़ रुपए पहले फेज में एक लाख ग्राम पंचायतों को जोड़ने में और 18,792 करोड़ रुपए दूसरे फेज में बाकी बची डेढ़ लाख पंचायतों को जोड़ने पर खर्च होंगे। 

संशोधित क्रियान्वयन से संबंधित प्रमुख तथ्य

  • प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन राज्य और राज्यों की एजेंसियों और प्राइवेट सेक्टर द्वारा किया जाएगा।
  • कनेक्टिविटी के लिये ‘ऑप्टिकल मिक्स मीडिया’ का इस्तेमाल होगा। पहले केवल भूमिगत ऑप्टिकल फाइबर केबल इस्तेमाल का फैसला किया गया था।
  • ब्लॉक से ग्राम पंचायतों तक नए फाइबर केबल बिछाए जाएंगे।
  • भूमिगत ऑप्टिकल फाइबर केबल के लिये 48 या इससे अधिक ‘कोर फाइबर’ और हवाई ऑप्टिकल फाइबर केबल के लिए 24 या उससे अधिक ‘कोर फाइबर’ का इस्तेमाल होगा।

भारत नेट क्या है ?

  • देशभर की 2.5 लाख ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़ने के लिये केंद्र सरकार के फ्लैगशिप कार्यक्रम ‘भारत-नेट प्रोजेक्ट’ की शुरुआत की गई थी। पहले इस प्रोजेक्ट की तयसीमा वर्ष 2017 ही थी।
  • इसके तहत ज़िला स्तर पर भी सरकारी संस्थानों के लिये ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने का प्रस्ताव है। उल्लेखनीय है कि इस परियोजना को यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड (यूएसओएफ) द्वारा वित्त पोषित किया जा रहा है।