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ब्लॉकचेन तकनीक के लाभ

  • 26 Jul 2019
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

ब्लॉकचेन तकनीक प्राय: क्रिप्टोकरेंसी के संदर्भ में समाचारों में बनी रहती है। वर्तमान में अनेक कंपनियाँ ब्लॉकचेन तकनीक के प्रयोग की संभावनाएँ तलाश कर रही हैं।

क्या है ब्लॉकचेन तकनीक?

  • ज्ञातव्य है कि जिस प्रकार हज़ारों-लाखों कंप्यूटरों को आपस में जोड़कर इंटरनेट का अविष्कार हुआ, ठीक उसी प्रकार डेटा ब्लॉकों (आँकड़ों) की लंबी श्रृंखला को जोड़कर उसे ब्लॉकचेन नाम दिया गया है।
  • ब्लॉकचेन तकनीक में तीन अलग-अलग तकनीकों का समायोजन है, जिसमें इंटरनेट, पर्सनल 'की' (निजी कुंजी) की क्रिप्टोग्राफी अर्थात् जानकारी को गुप्त रखना और प्रोटोकॉल पर नियंत्रण रखना शामिल है।
  • ब्लॉकचेन एक ऐसी तकनीक है जिससे बिटकॉइन तथा अन्य क्रिप्टो-करेंसियों का संचालन होता है। यदि सरल शब्दों में कहा जाए तो यह एक डिजिटल ‘सार्वजनिक बही-खाता’ (Public Ledger) है, जिसमें प्रत्येक लेन-देन का रिकॉर्ड दर्ज़ किया जाता है।
  • ब्लॉकचेन में एक बार किसी भी लेन-देन को दर्ज करने पर इसे न तो वहाँ से हटाया जा सकता है और न ही इसमें संशोधन किया जा सकता है।
  • ब्लॉकचेन के कारण लेन-देन के लिये एक विश्वसनीय तीसरी पार्टी जैसे-बैंक की आवश्यकता नहीं पड़ती।
  • इसके अंतर्गत नेटवर्क से जुड़े उपकरणों (मुख्यतः कंप्यूटर की श्रृंखलाओं, जिन्हें नोड्स कहा जाता है) के द्वारा सत्यापित होने के बाद प्रत्येक लेन-देन के विवरण को बही-खाते में रिकॉर्ड किया जाता है।

कैसे कार्य करती है ब्लॉकचेन तकनीक?

  • ब्लॉकचेन में प्रत्येक ब्लॉक लेन-देन का विवरण रखता है और ब्लॉक की यह श्रृंखला उत्तरोतर लंबी होती जाती है।
  • मुद्रा के संदर्भ में यह तकनीक लेन-देन के स्थान, समय और मूल्य को संग्रहीत कर लेती है जिसमे किसी प्रकार का परिवर्तन संभव नहीं होता।
  • इसमें पहचान योग्य सूचनाएं न्यूनतम (Minimal Identifying Information) होती हैं और प्रत्येक ब्लॉक प्रयोगकर्त्ता के विशिष्ट डिजिटल हस्ताक्षर ( Unique Digital Signature ) से लिंक होता है।
  • प्रत्येक ब्लॉक को एक विशिष्ट कोड के माध्यम से दूसरे से अलग किया जाता है और यह कोड संख्याओं की एक श्रृंखला होती है।
  • ब्लॉकचेन तकनीक में लेनदेन के सत्यापन का कार्य एक ही नेटवर्क से जुड़े बहुत सारे कंप्यूटरों को दिया जाता है जिसमे प्रत्येक कंप्यूटर के पास किसी ब्लॉक की समान कॉपी होती है। ये कंप्यूटर गणितिये सूत्रों को हल कर लेनदेन की प्रमाणिकता की जाँच करतें हैं। इससे ब्लॉकचेन आधारित लेन-देन की सुरक्षा सुनिश्चित होती है।

ब्लॉकचेन तकनीक के उपयोग

  • वर्ष 2017 में हार्वर्ड बिज़नेस रिव्यू ( Harvard Business Review-HBR) की रिपोर्ट के अनुसार बैंक ऑफ़ अमेरिका, न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज जैसे संस्थान व्यापार वित्त, विदेशी मुद्रा विनियमन, सीमापारीय भुगतान और प्रतिभूति भुगतान में पेपर व मानव आधारित लेन-देन को प्रतिस्थापित करने हेतु ब्लॉक तकनीक का परीक्षण कर रहे हैं।
  • Ethereum जैसे एप डाटा के विकेंद्रीकरण के लिये ब्लॉकचेन तकनीक का प्रयोग कर रहे हैं। यह एप उपयोगकर्त्ता को उसके डेटा पर नियंत्रण का अधिकार प्रदान करता है।
  • तकनीक आधारित कंपनियां ब्लॉकचेन तकनीक का प्रयोग कर रही है। हाल ही में फेसबुक ने अपनी क्रिप्टोकरेंसी लिब्रा जारी करने की घोषणा की।

स्रोत: द हिंदू

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