जैव विविधता और पर्यावरण
बायोगैस के लाभ
- 26 Oct 2022
- 7 min read
प्रिलिम्स के लिये:बायोगैस, सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स, कंप्रेस्ड बायोगैस (CBG), लिक्विड बायोगैस (LBG), हाइड्रोजन और मेथनॉल, सस्टेनेबल अल्टरनेटिव टुवर्ड्स अफोर्डेबल ट्रांसपोर्टेशन (SATAT)। मेन्स के लिये:बायोगैस का महत्त्व। |
चर्चा में क्यों?
दुनिया भर के देश अपनी ऊर्जा सुरक्षा बढ़ाने के लिये बायोगैस और बायोमीथेन की ओर रुख कर रहे हैं।
बायोगैस:
- परिचय:
- बायोगैस, जैविक फीडस्टॉक से अवायवीय पाचन प्रक्रिया का उपयोग करके उत्पादित एक अक्षय ईंधन, मुख्य रूप से मीथेन (50-65%), कार्बन डाइऑक्साइड (30-40%), हाइड्रोजन सल्फाइड (1-2.5%) और नमी के एक छोटे अंश से बनी है।
- यह संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों में से सभी 17 में योगदान देती है और इसे कई टिकाऊ परिवहन ईंधन के उत्पादन के लिये भी परिवर्तित किया जा सकता है।
- प्रकार:
- कम्प्रेस्ड बायोगैस (CBG): उन्नत या उच्च शुद्धता वाली बायोगैस (कार्बन डाइऑक्साइड, हाइड्रोजन सल्फाइड और नमी जैसे अवांछित घटकों को हटाने के बाद) 250 बार के दबाव पर संपीड़ित बायोगैस (सीबीजी) नामक ईंधन में परिणामित होती है। इसमें संपीडित प्राकृतिक गैस (सीएनजी) के समान गुण होते हैं और इसे सीधे सीएनजी इंजनों को बिजली प्रदान करने के लिये इस्तेमाल किया जा सकता है|
- खामियाँ: यह गैसीय अवस्था में पाया जाता है जिसके कारण परिवहन के दौरान, इसकी अधिक मात्रा की आवश्यकता होती है। इसलिये, भले ही कम दूरी की ड्राइविंग के लिये भारी इंजनों का उपयोग किया गया हो, लेकिन यह छोटे आकार के वाहनों को चलाने के लिये अधिक उपयुक्त मानी जाती है।
- लिक्विफाइड बायोगैस (LBG): जब बायोगैस से व्युत्पन्न मीथेन को -162 डिग्री सेल्सियस पर ठंडा करके द्रवित किया जाता है, तो इस प्रक्रिया से प्राप्त ईंधन तरलीकृत बायोगैस (LBG) होता है। इसमें उच्च ऊर्जा घनत्व होता है जो भंडारण स्थान की आवश्यकताओं को कम करता है।
- वायुमंडलीय दबाव की स्थिति में तरल मीथेन का ऊर्जा घनत्व गैसीय मीथेन की तुलना में लगभग 600 गुना अधिक और मीथेन के 250 बार (bar) की तुलना में 2.5 गुना अधिक होता है।
- लाभ: यह भारी शुल्क वाले सड़क परिवहन के लिये एक व्यवहार्य वैकल्पिक ईंधन बन सकता है क्योंकि इसमें तुलनात्मक रूप से उच्च ऊर्जा घनत्व होता है।
- इसका अपेक्षाकृत उच्च ऊर्जा घनत्व इसे भारी शुल्क वाले सड़क परिवहन के लिये एक संभावित प्रतिस्थापन ईंधन बनाता है।
- लाभ: यह अधिक शुल्क वाले सड़क परिवहन में लागत को कम कर एक व्यवहार्य वैकल्पिक ईंधन बन सकता है क्योंकि इसमें तुलनात्मक रूप से उच्च ऊर्जा घनत्त्व होता है।
- यह भारी शुल्क वाले वाहनों में उपयोग किये जाने के अतिरिक्त शिपिंग उद्योग के लिये भी लाभकारी होता जा रहा है।
- कम्प्रेस्ड बायोगैस (CBG): उन्नत या उच्च शुद्धता वाली बायोगैस (कार्बन डाइऑक्साइड, हाइड्रोजन सल्फाइड और नमी जैसे अवांछित घटकों को हटाने के बाद) 250 बार के दबाव पर संपीड़ित बायोगैस (सीबीजी) नामक ईंधन में परिणामित होती है। इसमें संपीडित प्राकृतिक गैस (सीएनजी) के समान गुण होते हैं और इसे सीधे सीएनजी इंजनों को बिजली प्रदान करने के लिये इस्तेमाल किया जा सकता है|
- उपयोग:
- बायोगैस को कई टिकाऊ परिवहन ईंधन के उत्पादन के लिये परिवर्तित किया जा सकता है।
- सीधे ईंधन के रूप में उपयोग किये जाने के अलावा बायोमीथेन को अन्य ईंधन जैसे हाइड्रोजन और मेथनॉल में भी परिवर्तित किया जा सकता है। हाइड्रोजन के उत्पादन की प्राथमिक विधि प्रकाश हाइड्रोकार्बन, विशेष रूप से मीथेन के सुधार को प्रोत्साहित करती है, जो बायोगैस को एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा बनाती है।
- गैसीकरण प्रतिक्रिया में मौजूद ऑक्सीजन एवं भाप की मात्रा को सीमित करके और बायो-मीथेन को उच्च तापमान (आमतौर पर 600 डिग्री सेल्सियस से अधिक) तक गर्म करके प्राप्त किया जाता है।
- इस प्रक्रिया के परिणामस्वरूप सिनगैस, हाइड्रोजन और कार्बन मोनोऑक्साइड का मिश्रण बनता है। कार्बन मोनोऑक्साइड को हटाने के बाद उत्पादित हाइड्रोजन का उपयोग ईंधन सेल में ऊर्जा उत्पन्न करने के लिये किया जा सकता है।
- सिनगैस से मेथनॉल भी उत्पन्न किया जा सकता है। मेथनॉल एक प्रभावी ईंधन है, यह गैसोलीन की तुलना में कम पार्टिकुलेट मैटर और नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOx) का उत्सर्जन करता है। इसका उपयोग गैसोलीन को सम्मिश्रण या पूरी तरह से बदलकर परिवहन ईंधन के रूप में भी किया जा सकता है। यह LNG से ज़्यादा किफायती है।
बायोगैस और मेथनॉल के संबंध में भारतीय परिदृश्य:
- CBG बायोगैस से एकमात्र परिवहन ईंधन है जिसके व्यावसायीकरण के प्रयास किये गए हैं।
- वर्तमान में भारत में बायोगैस से LBG हाइड्रोजन और मेथनॉल का उत्पादन नहीं किया जाता है। मुख्य कारण हैं:
- ऐसे डेरिवेटिव के लिये थोक में बायोगैस की अनुपलब्धता,
- इन ईंधनों के उत्पादन और विपणन के लिये आधारभूत संरचना का अभाव,
- संशोधित ऑटोमोबाइल इंजनों की कमी के साथ-साथ प्रभाविता की कमी। प्रक्रिया अर्तव्यवस्था में सुधार के लिये अनुसंधान और विकास की कमी।
- सरकारी पहल: भारत सरकार वर्ष 2018 में शुरू की गई सस्टेनेबल अल्टरनेटिव टुवर्ड्स अफोर्डेबल ट्रांसपोर्टेशन (SATAT) योजना के तहत CBG प्लांट स्थापित करने और तेल विपणन कंपनियों को ऑटोमोटिव और औद्योगिक ईंधन के रूप में बिक्री के लिये CBG प्रदान करने हेतु निजी व्यवसायों को प्रोत्साहित कर रही है।
- इसके अलावा भारत सरकार और नीति आयोग ने हरित ईंधन की ओर हमारे संक्रमण को तेज़ करने तथा LNG, हाइड्रोजन एवं मेथनॉल को बढ़ावा देने के लिये रोडमैप की रूपरेखा तैयार की है।