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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

अनौपचारिक क्षेत्र की महिलाओं द्वारा संचालित इकाइयों में बीड़ी, परिधान-निर्माण प्रमुख गतिविधियाँ

  • 25 Apr 2018
  • 5 min read

चर्चा में क्यों ?
हाल ही में राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय (NSSO) द्वारा जारी की गई ‘भारत में असमाविष्ट गैर-कृषि उद्यमों (निर्माण को छोड़कर) के मुख्य संकेतक’ [Operational Characteristics of Unincorporated Non-Agricultural Enterprises (Excluding Construction) in India] नामक रिपोर्ट के अनुसार भारत में अनौपचारिक क्षेत्र में संचालित अनुमानित 6.3 करोड़ इकाइयों का लगभग पाँचवा हिस्सा महिलाओं द्वारा संचालित किया जाता है। 

प्रमुख बिंदु 

  • यह सर्वेक्षण जुलाई 2015 से जून 2016 के मध्य संपन्न किया गया था।
  • सर्वेक्षण के अनुसार भारत के अनौपचारिक क्षेत्र में महिलाओं के पास लगभग 1.23 करोड़ इकाइयों का स्वामित्व था। लेकिन इनमें से तीन-चौथाई इकाइयाँ या तो खुदरा व्यापार में संलग्न थीं या फिर परिधान, तंबाकू उत्पाद आदि का निर्माण कर रही थीं ।
  • ये सभी इकाइयाँ लगभग छोटे उद्यमों से संबंधित थीं और सामान्यतः घर से संचालित हो रही थीं एवं इनमें कोई भी मज़दूर नहीं रखा गया था।
  • इनमें से अधिकांश इकाइयाँ अनुबंध आधारित कार्य पर निर्भर थीं।
  • महत्त्वपूर्ण बात यह है कि महिलाओं द्वारा संचालित ज़्यादातर व्यवसाय विनिर्माण क्षेत्र में केंद्रित थे और व्यापार के अलावा अन्य सेवाओं में उनकी उपस्थिति बहुत कम थी।
  • विनिर्माण क्षेत्र की 45 प्रतिशत इकाइयों का स्वामित्व महिलाओं के पास था, जबकि व्यापार में संलग्न इकाइयों में यह आँकड़ा 8.7 प्रतिशत और सेवा क्षेत्र में 7.4 प्रतिशत था।
  • महिलाओं के स्वामित्व वाली 1.23 करोड़ इकाइयों में से 33.32 लाख या 27 प्रतिशत वस्त्रों के विनिर्माण में लगी हुई थीं, जिसका अनिवार्य रूप से मतलब है कि वे छोटी सिलाई इकाइयाँ चला रही थीं।

  • अन्य 28.56 लाख इकाइयाँ या 23.1 प्रतिशत इकाइयाँ तंबाकू उत्पादों के निर्माण में संलग्न थीं और 13.49 लाख इकाइयाँ या 10.9 प्रतिशत इकाइयाँ टेक्सटाइल निर्माण में लगी हुई थीं।
  • खुदरा व्यापार में 19.62 लाख इकाइयाँ या 16 प्रतिशत इकाइयाँ शामिल थीं।
  • आँकड़ों के अनुसार शिक्षा के क्षेत्र में, खाद्य उत्पादों और लकड़ी आधारित उत्पादों के विनिर्माण में भी महिलाओं द्वारा संचालित उद्यमों की अच्छी उपस्थिति थी।
  • एनएसएसओ रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि महिलाओं द्वारा संचालित उद्यमों ने कुछ गतिविधियों में प्रभुत्व बनाए रखा।
  • उदाहरणस्वरूप तंबाकू उत्पादों को लिया जा सकता है।  तंबाकू उत्पाद बनाने वाली 32.75 लाख इकाइयों में से 87.2 प्रतिशत महिलाओं के स्वामित्व में थीं। ऐसा इसलिये क्योंकि तंबाकू निर्माण में बीड़ी रोलिंग का कार्य शामिल है जिसे कुछ राज्यों में सामान्यतः महिलाओं द्वारा ही संपन्न किया जाता है।  
  • एक अन्य प्रकार की गतिविधि जिसमें महिलाओं द्वारा संचालित उद्यमों की अच्छी भागीदारी है वह छोटे श्रेणी के रसायन और रसायन उत्पादों के विनिर्माण से संबंधित है। इस क्षेत्र की 1.73 लाख इकाइयों में से 68 प्रतिशत महिलाओं के स्वामित्व में थीं।
  • इसी प्रकार पेपर और पेपर उत्पादों के निर्माण से संबंधित 1.07 लाख इकाइयों में से 68 प्रतिशत इकाइयाँ महिलाओं द्वारा संचालित थीं।
  • व्यापार में महिलाओं की उपस्थिति मुख्यतः खुदरा व्यापार में देखी गई, लेकिन इस क्षेत्र में उनके द्वारा संचालित उद्यम इस प्रकार के सभी उद्यमों के दसवें हिस्से से भी कम थे। 
  • खुदरा व्यापार अनौपचारिक क्षेत्र में सबसे बड़ी गतिविधि श्रेणी है। लगभग हर तीसरा उद्यम खुदरा व्यापार में संलग्न था, जिसमें दैनिक रूप से आवश्यक वस्तुएँ बेचने वाले छोटे किराना स्टोर शामिल हैं।
  • रिपोर्ट में यह भी पता चला है कि तेलंगाना और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में कई अन्य राज्यों की तुलना में महिलाओं द्वारा संचालित उद्यमों का अनुपात अधिक था।
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