कानाक्कले/गैलीपोली की लड़ाई | 18 Feb 2020
प्रीलिम्स के लिये:गैलीपोली की लड़ाई, डार्डानेल्स, बोस्पोरस जलसंधि मेन्स के लिये:प्रथम विश्व युद्ध |
चर्चा में क्यों?
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने पाकिस्तान में जम्मू-कश्मीर को लेकर भारत की नीति की आलोचना की और इसकी तुलना प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान तुर्की में कानाक्कले/गैलीपोली की लड़ाई (Battle of Canakkale/Gallipoli) से की।
मुख्य बिंदु:
- कानाक्कले की लड़ाई जिसे गैलीपोली अभियान (Gallipoli Campaign) या डार्डानेल्स अभियान (Dardanelles Campaign) के रूप में भी जाना जाता है, प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान की सबसे अधिक रक्तपात वाली घटनाओं में से एक मानी जाती है।
- प्रथम विश्वयुद्ध में ओटोमन सेना ने मित्र देशों की सेना के खिलाफ युद्ध किया था, जिसमें दोनों तरफ के दस हज़ार से भी अधिक लोग मारे गए थे।
- मार्च 1915 में यूरोप में प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान पहले विंस्टन चर्चिल ने फिर ब्रिटेन के पहले लाॅर्ड एडमिरल्टी ने तुर्की के डार्डानेल्स (Dardanelles) को नियंत्रण में लेने की योजना तैयार की।
डार्डानेल्स (Dardanelles) का सामरिक महत्त्व:
- डार्डानेल्स सामरिक जलसंधि है जो मरमारा सागर (Marmara) को एजियन सागर (Aegean Sea) और भूमध्य सागर (Mediterranean Sea) से जोड़ती है।
- डार्डानेल्स पर ब्रिटेन का अधिकार हो जाने से वे (मित्र देश) कांस्टेंटिनोपल (Constantinople) जिसे आज का इस्तांबुल कहा जाता है, तक पहुँच गए।
- गौरतलब है कि कांस्टेंटिनोपल बोस्पोरस (Bosporus) के मुहाने पर स्थित है। बोस्पोरस अंतर्राष्ट्रीय नेवीगेशन के लिये इस्तेमाल की जाने वाली विश्व की सबसे संकरी जलसंधि है। बोस्पोरस काला सागर को मरमारा सागर से जोड़ता है।
- मित्र देशों ने उम्मीद जताई कि कांस्टेंटिनोपल पर कब्ज़ा करके तुर्की को विभाजित किया जा सकता है जो जर्मनी के पक्ष में युद्ध कर रहा था।
- मित्र राष्ट्रों ने डार्डानेल्स के तट पर स्थित किलों में भारी बमबारी की किंतु वे विफल हो गए। इस ऑपरेशन में मित्र राष्ट्रों ने नौसेना का इस्तेमाल किया जो उस समय के सबसे बड़े नौसैनिक ऑपरेशनों में से एक था।
- जनवरी 1916 तक चली इस नौ महीनों की लड़ाई में लगभग 8,000 ऑस्ट्रेलियाई सैनिकों के साथ 40,000 से अधिक ब्रिटिश सैनिक मारे गए, जबकि तुर्की के लगभग 60,000 सैनिक मारे गए।
इस लड़ाई का परिणाम:
- इस लड़ाई के परिणामस्वरूप विंस्टन चर्चिल की पदावनति हुई और मुस्तफा कमाल अतातुर्क (Mustafa Kemal Ataturk) के युवा नेतृत्व में तुर्की का उदय हुआ।
- किंतु गैलीपोली की विरासत अपने सैन्य पहलुओं से बहुत आगे निकल जाती है, यह घटना आज आधुनिक तुर्की की पहचान के केंद्रीय स्तंभों में से एक है।
- इस गैलीपोली अभियान में ऑस्ट्रेलियाई और न्यूज़ीलैंड के कई सैनिकों के शहीद हो जाने के कारण इन दोनों देशों में भी राष्ट्रीय चेतना का बीजारोपण हुआ।