कृषि
आधारभूत पशुपालन सांख्यिकी 2022
- 18 Mar 2023
- 7 min read
प्रिलिम्स के लिये:पशुपालन, पशुधन, पशुपालन अवसंरचना विकास निधि। मेन्स के लिये:आधारभूत पशुपालन सांख्यिकी 2022, भारत के पशुधन क्षेत्र की स्थिति। |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने ‘आधारभूत पशुपालन सांख्यिकी 2022' जारी की जो भारत में दूध, अंडे और मांस उत्पादन में वृद्धि को दर्शाती है।
- कृषि क्षेत्र में पशुधन के योगदान में लगातार सुधार देखा जा रहा है जो देश की अर्थव्यवस्था में इसके बढ़ते महत्त्व को दर्शाता है।
मुख्य आकर्षण:
- दुग्ध उत्पादन:
- भारत में कुल दुग्ध उत्पादन वर्ष 2021-2022 में 221.06 मिलियन टन था, जिससे यह विश्व का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश बना हुआ है।
- विगत वर्ष की तुलना में उत्पादन में 5.29% की वृद्धि हुई।
- देश के कुल दुग्ध उत्पादन में स्वदेशी मवेशियों का योगदान 10.35% है, जबकि गैर-वर्णित (Non-descript) मवेशियों का योगदान 9.82% और गैर-वर्णित भैंसों का योगदान देश के कुल दुग्ध उत्पादन में 13.49% है।
- शीर्ष पाँच प्रमुख दुग्ध उत्पादक राज्य हैं- राजस्थान (15.05%), उत्तर प्रदेश (14.93%), मध्य प्रदेश (8.06%), गुजरात (7.56%) एवं आंध्र प्रदेश (6.97%)।
- अंडा उत्पादन:
- कुल अंडा उत्पादन 129.60 बिलियन है और यह पिछले वर्ष की तुलना में 6.19% अधिक है।
- शीर्ष पाँच अंडा उत्पादक राज्यों में आंध्र प्रदेश (20.41%), तमिलनाडु (16.08%), तेलंगाना (12.86%), पश्चिम बंगाल (8.84%) और कर्नाटक (6.38%) शामिल हैं तथा ये राज्य मिलकर देश में कुल अंडा उत्पादन का 64.56% योगदान करते हैं।
- मांस उत्पादन:
- देश में कुल मांस उत्पादन 9.29 मिलियन टन है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 5.62% अधिक है।
- कुल मांस उत्पादन में पोल्ट्री क्षेत्र का योगदान लगभग 51.44% है।
- शीर्ष पाँच मांस उत्पादक राज्यों में महाराष्ट्र (12.25%), उत्तर प्रदेश (12.14%), पश्चिम बंगाल (11.63%), आंध्र प्रदेश (11.04%) और तेलंगाना (10.82%) शामिल हैं। ये राज्य देश में कुल मांस उत्पादन का 57.86% का योगदान करते हैं।
- ऊन:
- देश में वर्ष 2021-22 के दौरान कुल ऊन उत्पादन 33.13 हज़ार टन था जिसमें पिछले वर्ष की तुलना में 10.30% की कमी देखी गई है।
- शीर्ष पाँच प्रमुख ऊन उत्पादक राज्य हैं- राजस्थान (45.91%), जम्मू-कश्मीर (23.19%), गुजरात (6.12%), महाराष्ट्र (4.78%) और हिमाचल प्रदेश (4.33%)।
पशुपालन:
- परिचय:
- पशुपालन से तात्पर्य पशुधन को बढ़ाने और इनके चयनात्मक प्रजनन से है। यह एक प्रकार का पशु प्रबंधन तथा देखभाल है, जिसमें लाभ के लिये पशुओं के आनुवंशिक गुणों एवं व्यवहारों को विकसित किया जाता है।
- भारत में विश्व का सबसे अधिक पशुधन है।
- भारत में 20वीं पशुधन जनगणना (20th Livestock Census) के अनुसार, देश में कुल पशुधन आबादी 535.78 मिलियन है। इस पशुधन जनगणना में वर्ष 2018 की जनगणना की तुलना में 4.6% की वृद्धि हुई है।
- पशुपालन के बहुआयामी लाभ हैं।
- उदाहरण के लिये डेयरी किसानों के विकास के साथ वर्ष 1970 में शुरू हुए ऑपरेशन फ्लड (Operation Flood) ने दूध उत्पादन और ग्रामीण लोगों की आय में वृद्धि की तथा उपभोक्ताओं के लिये एक उचित मूल्य सुनिश्चित किया।
- महत्त्व:
- आर्थिक विकास: पशुपालन का कई देशों की अर्थव्यवस्था में महत्त्वपूर्ण योगदान है। यह पशु-आधारित उत्पादों के निर्यात के माध्यम से रोज़गार के अवसर, आय और विदेशी मुद्रा सृजित करता है।
- सतत् कृषि: पशुपालन मृदा की उर्वरता, कीटों और खरपतवारों को नियंत्रित करने तथा रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों के उपयोग को कम करने के लिये खाद प्रदान कर स्थायी कृषि में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- आनुवंशिक सुधार: पशुपालन चयनात्मक प्रजनन और आनुवंशिक इंजीनियरिंग के माध्यम से पशुधन के आनुवंशिक सुधार में भी योगदान देता है, जिससे उच्च उत्पादकता, बेहतर रोग प्रतिरोधक क्षमता और पशु-आधारित उत्पादों की गुणवत्ता बेहतर होती है।
- संबंधित पहलें:
- पशुपालन अवसंरचना विकास कोष
- राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम
- राष्ट्रीय गोकुल मिशन
- राष्ट्रीय पशुधन मिशन
- राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सी 'मिश्रित खेती' की प्रमुख विशेषता है? (2012) (a) नगदी और खाद्य दोनों फसलों की खेती उत्तर: (c) मेन्स:प्रश्न. ग्रामीण क्षेत्रों में कृषितर रोज़गार और आय का प्रबंधन करने में पशुधन पालन की बड़ी संभाव्यता है। भारत में इस क्षेत्रक की प्रोन्नति करने के उपयुक्त उपाय सुझाते हुए चर्चा कीजिये। (2015) |