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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

बेस एडिटिंग

  • 16 Dec 2022
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

बेस एडिटिंग, CRISPR-Cas9 तकनीक, कैंसर, टी-सेल एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया (T-ALL), जेनेटिक कोड, जेनेटिक इंजीनियरिंग, जीन एडिटिंग।

मेन्स के लिये:

बेस एडिटिंग तकनीक और इसका महत्त्व।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में यूनाइटेड किंगडम के वैज्ञानिकों ने टी-सेल एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया (T-cell Acute Lymphoblastic Leukemia: T-ALL) से पीड़ित मरीज़ में कैंसर थेरेपी के एक नए रूप 'बेस एडिटिंग' का सफल परीक्षण किया है।

बेस एडिटिंग:

    • बेस/क्षार एक प्रकार से जीवन की भाषा है। जिस तरह वर्णमाला के अक्षर शब्दों के उच्चारण से  अर्थ प्रदान करते हैं, उसी तरह हमारे डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड (DNA) में अरबों आधार मानव शरीर के लिये निर्देश पुस्तिका का वर्णन करते हैं।
      • बेस के क्रम में असंतुलन से कैंसर हो सकता है।
    • बेस एडिटिंग की तकनीक का उपयोग करके जेनेटिक कोड में केवल एक बेस की आण्विक  संरचना को बदला जा सकता है, यह इसके आनुवंशिक निर्देशों को प्रभावी ढंग से बदल सकता है।
      • जेनेटिक कोड जीन में निहित निर्देशों को संदर्भित करता है जो सेल/कोशिका को निर्देशित करता है कि विशिष्ट प्रोटीन कैसे बनाया जाए।
      • चार DNA बेस- एडेनिन (A), साइटोसिन (C), गुआनिन (G) और थाइमिन (T) प्रत्येक आनुवंशिक कोड द्वारा तीन-अक्षर "कोडन" बनाने के लिये अलग-अलग तरीकों से उपयोग किया जाता है जो इंगित करता है कि प्रोटीन के भीतर प्रत्येक स्थान पर कौन से अमीनो एसिड की आवश्यकता होती है।
    • क्लस्टर्ड रेगुलरली इंटरस्पेस्ड शॉर्ट पालिंड्रोमिक रिपीट (CRISPR) तकनीक सबसे लोकप्रिय तकनीकों में से एक है जो जीन में बदलाव करने में सक्षम है, जिससे त्रुटियों को ठीक किया जा सकता है।
      • कुछ बेस को सीधे बदलने में सक्षम होने के लिये इस पद्धति में और सुधार किया गया है जैसे कि C को G और T को A में बदला जा सकता है।

    CRISPR तकनीक

    • यह एक जीन एडिटिंग तकनीक है, जिसकी सहायता से शोधकर्त्ता Cas9 नामक एक विशेष प्रोटीन का उपयोग करके वायरस के हमलों से लड़ने के लिये बैक्टीरिया में प्राकृतिक रक्षा तंत्र की प्रतिकृति का निर्माण करते हैं।
    • CRISPR/Cas9 DNA को सटीक रूप से काटकर जीन को संपादित करता है और फिर प्राकृतिक DNA मरम्मत प्रक्रियाओं को अपना काम करने देता है। इस प्रणाली के दो भाग होते हैं: Cas9 एंज़ाइम और एक गाइड राइबोन्यूक्लिक एसिड (RNA)।
      • Cas9: CRISPR- संबद्ध (CRISPR-associated- Cas) एंडोन्यूक्लिज़ या एंज़ाइम, जो एक गाइड RNA के माध्यम से निर्दिष्ट स्थान पर DNA को काटने के लिये "आण्विक कैंची (जेनेटिक सीज़र्स)" के रूप में कार्य करता है।
      • गाइड RNA (gRNA): RNA अणु का एक रूप जो Cas9 से जुड़ता है और उस स्थान को परिभाषित करता है जिस पर Cas9 gRNA के अनुक्रम के आधार पर डीएनए को काटेगा।
    • CRISPR-Cas9 तकनीक को अक्सर 'जेनेटिक सीज़र्स ' के रूप में वर्णित किया जाता है।
    • इस तकनीक की तुलना अक्सर सामान्य कंप्यूटर प्रोग्रामों के 'कट-कॉपी-पेस्ट' या ढूँढे-बदलें' कार्यात्मकताओं से की जाती है।
    • DNA अनुक्रम में गड़बड़ी, जो बीमारी या विकार का कारण होती है, को काटकर हटा दिया जाता है और फिर एक 'सही' अनुक्रम से बदल दिया जाता है। 
    • यह तकनीक एक प्राकृतिक रक्षा तंत्र जैसी है जिसका उपयोग कुछ बैक्टीरिया खुद को वायरस के हमलों से बचाने के लिये करते हैं।

    Crispr

    टी-सेल एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया (T-cell Acute Lymphoblastic Leukemia (T-ALL)

    • यह अस्थि मज्ज़ा में स्टेम कोशिकाओं को प्रभावित करता है जो एक विशेष प्रकार की श्वेत रक्त कोशिकाओं (White Blood Cells- WBC) का उत्पादन करते हैं जिन्हें टी लिम्फोसाइट्स (टी-सेल) कहा जाता है।
      • टी-सेल संक्रमित कोशिकाओं को मारकर, अन्य प्रतिरक्षा कोशिकाओं को सक्रिय करके और प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को विनियमित करके व्यक्ति को प्रतिरक्षा प्रदान करती हैं।
    • T-ALL एक तीव्र और प्रगतिशील प्रकार का रक्त कैंसर है जिसमें टी-सेल प्रतिरक्षा में मदद करने के बजाय स्वस्थ कोशिकाओं को नष्ट करना शुरू कर देती हैं (यह टी-कोशिकाओं का सामान्य कार्य है)।
    • इसका आमतौर पर कीमोथेरेपी, विकिरण चिकित्सा और स्टेम सेल/अस्थि मज्ज़ा प्रत्यारोपण द्वारा इलाज किया जाता है।

      UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न:  

    प्रश्न: प्राय: समाचारों में आने वाला Cas9 प्रोटीन क्या है? (2019)

    (a) लक्ष्य-साधित जीन संपादन (टारगेटेड जीन एडिटिंग) में प्रयुक्त आण्विक कैंची
    (b) रोगियों में रोगजनकों की ठीक से पहचान करने के लिये प्रयुक्त जैव संवेदक
    (c) एक जीन जो पादपों को पीड़क-प्रतिरोधी बनाता है
    (d) आनुवंशिक रूप से रूपांतरित फसलों में संश्लेषित होने वाला एक शाकनाशी पदार्थ

    उत्तर: (a)

    व्याख्या:

    • CRISPR-Cas9 अद्वितीय तकनीक है जो आनुवंशिकीविदों और चिकित्सा शोधकर्त्ताओं को DNA अनुक्रम के उप-भागों को हटाने, जोड़ने या बदलने के माध्यम से जीनोम के कुछ हिस्सों को संपादित करने में सक्षम बनाती है।
    • CRISPR "क्लस्टर्ड रेगुलर इंटरस्पेस्ड शॉर्ट पैलिंड्रोमिक रिपीट्स" का संक्षिप्त रूप है।
    • Cas9 मूल रूप से एक एंज़ाइम है जिसका उपयोग कैंची की एक जोड़ी की तरह DNA के बिट्स को जोड़ने, हटाने या मरम्मत करने के लिये एक विशिष्ट स्थान पर DNA के दो स्ट्रैंड को काटने हेतु किया जाता है।
    • अतः विकल्प (a) सही है।

    प्रश्न : अनुप्रयुक्त जैव-प्रौद्योगिकी में शोध तथा विकास संबंधी उपलब्धियाँ क्या हैं? ये उपलब्धियाँ समाज के निर्धन वर्गों के उत्थान में किस प्रकार सहायक होंगी? (2021) 

    स्रोत: द हिंदू

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