जैव विविधता और पर्यावरण
बेसल बैन संशोधन
- 21 Sep 2019
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चर्चा में क्यों?
6 सितंबर, 2019 को क्रोएशिया (Croatia) द्वारा बेसल बैन संशोधन (Basel Ban Amendment), 1995 की पुष्टि के बाद वैश्विक अपशिष्ट डंपिंग निषेध एक अंतर्राष्ट्रीय कानून बन गया है।
वैश्विक अपशिष्ट डंपिंग के खिलाफ बेसल कन्वेंशन
- बेसल एक्शन नेटवर्क (Basel Action Network-BAN) के अनुसार, 1995 में बेसल कन्वेंशन, मानव स्वास्थ्य की रक्षा और खतरनाक कचरे के दुष्प्रभावों के खिलाफ पर्यावरण की रक्षा के लिये किया गया।
- बैन एक संयुक्त राज्य-आधारित चैरिटी संगठन (United States-based Charity Organisation) है और उन संगठनों एवं देशों में से एक है जिन्होंने वैश्विक पर्यावरणीय न्याय के लिये ऐतिहासिक समझौते के रूप में बेसल बैन संशोधन का समर्थन किया।
- बैन संशोधन पर कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज़ की दूसरी बैठक में निर्णय लिया गया और इसे मूल रूप से मार्च 1994 में अपनाया गया था।
- बैन संशोधन OECD के 29 सबसे अमीर देशों से गैर OECD देशों को इलेक्ट्रॉनिक अपशिष्ट और पुराने पानी के जहाज़ों सहित खतरनाक अपशिष्ट के सभी प्रकार के निर्यात को प्रतिबंधित करता है।
- कन्वेंशन के तहत निम्नलिखित अपशिष्टों को सीमा-पारीय आवागमन (Transboundary Movement) हेतु खतरनाक अपशिष्ट (Hazardous Wastes) की श्रेणी में रखा गया है:
- एनेक्स-I (Annex I) में शामिल किसी भी श्रेणी के अपशिष्ट जब तक कि वे एनेक्स-III (Annex III) में निहित किसी भी विशेषता से युक्त नहीं हैं; तथा
- वे अपशिष्ट जो अनुच्छेद (A) के तहत कवर नहीं किये गए हैं, लेकिन निर्यात, आयात या पारगमन हेतु किसी पक्षकार देश के घरेलू कानून द्वारा खतरनाक अपशिष्ट के रूप में परिभाषित किये गए हैं।
- वे अपशिष्ट जो सीमा-पारीय आवागमन एवं एनेक्स-II से संबंधित किसी भी श्रेणी में आते हों इस कन्वेंशन के लिये "अन्य अपशिष्ट" (Other Wastes) होंगे।
- रेडियोधर्मी होने के परिणामस्वरूप अन्य अंतर्राष्ट्रीय नियंत्रण प्रणालियों के अधीन आने वाले अपशिष्टों और अंतर्राष्ट्रीय समझौतों में शामिल रेडियोधर्मी सामग्रियों को इस कन्वेंशन के दायरे से बाहर रखा गया है।
- पानी के जहाज़ों के सामान्य संचालन से उत्पन्न होने वाले अपशिष्ट इसके तहत आते हैं।
- परंतु वह अपशिष्ट जिसको किसी अन्य अंतर्राष्ट्रीय समझौते (internationa।instruments) द्वारा कवर किया जाता है, को इस कन्वेंशन के दायरे से बाहर रखा गया है।
पुष्टिकर्त्ता देश
- अधिकांश देशों जैसे- अमेरिका, कनाडा, जापान, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड, दक्षिण कोरिया, रूस, भारत, ब्राज़ील और मेक्सिको द्वारा इस प्रतिबंध की पुष्टि किया जाना शेष है।
- अमेरिका प्रति व्यक्ति सबसे अधिक अपशिष्ट का उत्पादन करता है लेकिन इसके द्वारा बेसल कन्वेंशन (Basel Convention) की पुष्टि नहीं की गई है। अमेरिका बैन संशोधन का भी सक्रिय रूप से विरोध करता है।
- खतरनाक अपशिष्ट के सीमा-पारीय आवागमन पर नियंत्रण और उसके निपटान को लेकर वर्ष 1989 में बेसल कन्वेंशन को अपनाया गया था और यह वर्ष 1992 में लागू हुआ था।
- यह खतरनाक कचरे और अन्य कचरे को लेकर सबसे व्यापक वैश्विक पर्यावरण समझौता है। 181 पक्षकारों (वर्ष 2014 में) के साथ इसकी लगभग सार्वभौमिक सदस्यता है।
अन्य प्रमुख बिंदु
- कन्वेंशन का उद्देश्य मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण को खतरनाक अपशिष्ट के उत्पादन, सीमा पारीय आवगमन और प्रबंधन एवं अन्य कचरे के परिणामस्वरूप होने वाले प्रतिकूल प्रभावों से बचाना है।
- बेसल कन्वेंशन खतरनाक अपशिष्ट और अन्य कचरे के सीमा पारीय आवगमन को नियंत्रित करता है और अपने पक्षकारों को यह सुनिश्चित करने के लिये बाध्य करता है कि इस तरह के अपशिष्ट का प्रबंधन और सुरक्षित तरीके से निपटारा किया जाना चाहिये।
- कन्वेंशन के तहत विषैले, ज़हरीले, विस्फोटक, संक्षारक, ज्वलनशील, इकोटॉक्सिक और संक्रामक अपशिष्ट शामिल हैं।
- कन्वेंशन के सभी पक्षकारों का यह दायित्व है कि वे अपशिष्ट की न्यूनतम मात्रा का परिवहन करने, अपशिष्ट का उपचार और निपटान उत्पादन स्थल के निकट करने और स्रोत पर ही अपशिष्ट उत्पादन को रोकने या कम करने के लिये प्रयास करें
- वर्ष 2014 में इस कन्वेंशन के तहत 14 बेसल कन्वेंशन क्षेत्रीय और समन्वय केंद्र स्थापित किये गए हैं। ये केंद्र अर्जेंटीना, चीन, मिस्र, अल साल्वाडोर, इंडोनेशिया, ईरान, नाइज़ीरिया, रूस, सेनेगल, स्लोवाक गणराज्य, दक्षिण प्रशांत क्षेत्रीय पर्यावरण कार्यक्रम, दक्षिण अफ्रीका, त्रिनिदाद एवं टोबैगो और उरुग्वे में स्थित हैं।
- ये केंद्र खतरनाक अपशिष्ट और अन्य अपशिष्ट के प्रबंधन तथा इसके उत्पादन के न्यूनीकरण के संबंध में प्रशिक्षण एवं प्रौद्योगिकी हस्तांतरण प्रदान करते हैं ताकि कन्वेंशन के कार्यान्वयन में पार्टियों की सहायता एवं समर्थन प्राप्त किया जा सके।