बंगानापल्ले आम को प्राप्त हुआ जीआई टैग | 08 May 2017

संदर्भ
रसीले बंगानापल्ले आम को भौगोलिक संकेत नामक बौद्धिक संपदा अधिकार का दर्जा प्रदान किया गया है। इस प्रकार आंध्र प्रदेश आम की इस क़िस्म का प्रमुख उत्पादक राज्य बन गया है। बंगानापल्ले आम को इसकी मिठास के लिये जाना जाता है।

प्रमुख बिंदु

  • चेन्नई की भौगोलिक संकेत रजिस्ट्री के रजिस्ट्रार ओ.पी.गुप्ता ने आंध्र प्रदेश के बागवानी आयुक्त का आवेदन मिलने के पश्चात इस पंजीकरण को स्वीकृति प्रदान की है।
  • आम(जिसे प्रायः फलों का राजा कहा जाता है) के लिये आंध्र प्रदेश सरकार जीआई टैग की पंजीकृत स्वामी है। 
  • बंगानापल्ले आम इस राज्य में 100 वर्षों से उगाया जा रहा है। इसे बेनशान (Beneshan,), बनेशान (Baneshan), बनिशन (Benishan), चप्पाताई (Chappatai) और सफेदा (Safeda) के नाम से भी जाना जाता है।
  • इसके अतिरिक्त, इन्हें बंगानापल्ली(Banaganapalli), बंगिनपल्ली(Banginapalli), बंगानापल्ले(Banaganapalle) भी कहा जाता है। यदि इस फल को शीत भंडार गृह में रखा जाए तो तीन माह तक भी इनकी मिठास बरकरार रहती है।
  • बंगानापल्ले आम की मुख्य विशेषता यह है कि उसके आवरण पर बहुत हलके धब्बे होते हैं, इसकी गुठली आकार में लाभी होती है तथा इसका बीज बहुत पतला होता है जिसके चारों ओर बहुत कम परन्तु मुलायम रेशे होते हैं।
  • बंगानापल्ले, पान्यम (Paanyam) तथा नंदयाल मंडलों (Nandyal mandals) के साथ ही इस फल का प्राथमिक उत्पादन कुरनूल ज़िले में किया जाता है। रायलसीमा और तटीय आंध्र इसके उत्पादन के द्वितीयक केंद्र हैं।
  • सरकार ने तेलंगाना के खम्मम, महबूबनगर, रंगारेड्डी, मेदक और आदिलाबाद ज़िले की पहचान भी इसके द्वितीयक उत्पादन केंद्रों के रूप में की है। 
  • इसके उत्पत्ति से संबंधित दस्तावेजों को जमा करते समय सरकार ने इसके ऐतिहासिक रिकॉर्ड भी दर्ज किये जैसे- “युद्ध कोष मुहर(बंगानापल्ली-मद्रास राज्य युद्ध कोष मुहर)” के रूप में इसका उपयोग किया जाता था।
  • इससे संबंधित एक लोगो भी तैयार किया गया है- “आंध्रप्रदेश के बंगानापल्ले आम” (Banganappalle Mangoes of Andhra Pradesh) तथा इसके साथ ही इसमें पुरुष और महिलाओं को किसानों की भाँति दर्शाया गया है।
  • वर्ष 2011 में तक़रीबन 7.68 लाख परिवार बंगानापल्ले आमों के उत्पादन में संलग्न थे।
  • प्रतिवर्ष लगभग 5,500 टन बंगानापल्ले आमों को अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों को निर्यात किया जाता था।
  • बंगानापल्ले आमों से प्राप्त वार्षिक आय 461 करोड़ रुपये थी परन्तु इनके निर्यात से 20.68 करोड़ की ही आय प्राप्त होती थी।

जीआई टैग क्या है?

  • भौगोलिक संकेत को बौद्धिक संपदा अधिकारों और बौद्धिक संपदा अधिकारों के व्यापार संबंधी पहलुओं(Trade Related Aspects of Intellectual Property Rights-TRIPS) के अंतर्गत शामिल किया जाता है।
  • भौगोलिक संकेत का टैग किसी उत्पाद की उत्पत्ति अथवा किसी विशेष क्षेत्र से उसकी उत्पत्ति को दर्शाता है क्योंकि उत्पाद की विशेषता और उसके अन्य गुण उसके उत्त्पति स्थान के कारण ही होते हैं।
  • भौगोलिक संकेत यह दर्शाता है कि वह उत्पाद एक विशिष्ट क्षेत्र से आता है।
  • यह टैग किसानों और विनिर्माताओं को अच्छे बाज़ार मूल्य प्राप्त करने में सहायता करता है।