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जैव विविधता और पर्यावरण

नल्लामाला वनों में यूरेनियम खनन पर रोक

  • 17 Sep 2019
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

तेलंगाना विधानसभा ने नल्लामाला (Nallamala) वनों में यूरेनियम खनन रोकने के लिये प्रस्ताव पारित किया है।

यूरेनियम खनन के प्रभाव:

  • यूरेनियम खनन के कारण नल्लामाला वनों की समृद्ध जैव विविधता को गंभीर खतरा हो सकता है।
  • नल्लामाला की पहाड़ियाँ और घाटियाँ कृष्णा नदी के जलग्रहण क्षेत्र के अंतर्गत आती हैं। यूरेनियम खनन से कृष्णा नदी के प्रवाह पर विपरीत प्रभाव पड़ता साथ ही पानी में यूरेनियम का निक्षालन होने के प्रभावस्वरूप समुद्री और स्थलीय जैव विविधता पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
  • इस क्षेत्र में चेन्चू आदिवासी निवास करते हैं खनन गतिविधियों से उनके सामाजिक, सांस्कृतिक और आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता।

चेन्चू जनजाति (Chenchu Tribe):

  • चेन्चू जनजाति तेलंगाना के साथ ही आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और ओडिशा में भी पाई जाती है। यह जनजाति अभी भी जीवनयापन के लिये केवल शिकार पर ही निर्भर हैं, यह कृषि कार्य नहीं करती है।
  • चेन्चू जनजाति चेन्चू भाषा बोलती है, जो द्रविड़ परिवार की एक उपभाषा है।
  • इन वनों में समृद्ध औषधीय वनस्पतियांँ पाई जाती हैं और यहाँ बाघ, तेंदुआ, भालू तथा चित्तीदार हिरण आदि जीव निवास करते हैं।
  • अमराबाद टाइगर रिज़र्व में यूरेनियम खनन हेतु दो ब्लॉकों की पहचान की गई थी लेकिन गैर-सरकारी संगठनों, पर्यावरणविदों और स्थानीय नागरिकों द्वारा खनन कार्य का लगातार विरोध किया जा रहा है। इस प्रकार के खनन से पौधों और जीवों के साथ-साथ कृषि, वायु तथा पीने के पानी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता।

यूरेनियम खनन की आवश्यकता

  • भारतीय अर्थव्यवस्था की बढ़ती विकास दर के साथ ही ऊर्जा आवश्यकताएँ भी तेज़ी से बढ़ रही हैं इसी के परिप्रेक्ष्य में ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये यूरेनियम खनन पर ज़ोर दिया जा रहा है।
  • कोयले के माध्यम से ऊर्जा उत्पादन की अपेक्षा यूरेनियम द्वारा उत्पादित ऊर्जा की लागत कम होती है, साथ ही कोयले की तुलना में यूरेनियम की क्षमता भी अधिक होती है।
  • कार्बन मुक्त अर्थव्यवस्था में यूरेनियम द्वारा उत्पादित ऊर्जा का महत्त्वपूर्ण स्थान है, इसलिये सरकार के द्वारा यूरेनियम खनन का प्रयास किया जा रहा है।
  • विदेशों से यूरेनियम के आयात पर बड़ी मात्रा में धन खर्च होता है, इसके आयात समझौतों के साथ और भी कई प्रकार के समझौते (जैसे नागरिक परमाणु करार) करने होते हैं, जिसका भारत की भू-राजनीतिक नीतियों पर भी प्रभाव पड़ता है, इसलिये सरकार स्थानीय स्तर पर यूरेनियम खनन को बढ़ावा दे रही है।

यूरेनियम खनन के विकल्प:

  • सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिया जाना सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नहीं होता है।
  • भू-तापीय ऊर्जा की भारत में अपार संभावनाएँ है इसलिये इसके प्रयोग को बढ़ावा दिया जाना चाहिये।
  • यूरेनियम खनन के लिये मानवीय निवास से दूर और पर्यावरण की दृष्टि से कम महत्त्वपूर्ण स्थलों का चयन किया जाए।

अमराबाद टाइगर रिज़र्व (Amrabad Tiger Reserve): अमराबाद टाइगर रिज़र्व, तेलंगाना के महबूबनगर और नलगोंडा ज़िलों में 2,800 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है। अमराबाद टाइगर रिज़र्व पहले नागार्जुनसागर-श्रीशैलम टाइगर रिज़र्व का हिस्सा था, लेकिन आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद नागार्जुनसागर-श्रीशैलम टाइगर रिज़र्व के उत्तरी भाग को तेलंगाना राज्य में अमराबाद टाइगर रिज़र्व नाम से सम्मिलित कर दिया गया।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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