अंतर्राष्ट्रीय संबंध
न्यू इंडिया-2022 के लिये ‘आयुष्मान भारत’ पहल
- 02 Feb 2018
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चर्चा में क्यों?
मज़बूत स्वास्थ्य प्रणाली और जन केंद्रित प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली तैयार करने के लिये भारत सरकार ने बजट 2018-19 में ‘आयुष्मान भारत’ पहल के तहत स्वास्थ्य क्षेत्र में दो महत्त्वपूर्ण कार्यक्रमों की घोषणा की है।
उद्देश्य
- स्वास्थ्य से जुड़ी चुनौतियों से समग्र रूप से निपटना।
- प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाना।
ये पहलें निम्नलिखित हैं-
- स्वास्थ्य एवं देखभाल केंद्र (Health and Wellness Centre)
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 में भारत की स्वास्थ्य प्रणाली की नींव के रूप में स्वास्थ्य और आरोग्य केंद्रों की परिकल्पना की गई है।
- स्वास्थ्य देखरेख प्रणाली और नागरिकों के बीच दूरी को कम करने के लिये 1.5 लाख केंद्रों की स्थापना की जाएगी, जिनके लिये 1200 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
- ये केंद्र आवश्यक दवाइयाँ और नैदानिक सेवा नि:शुल्क उपलब्ध कराएंगे। इसके अतिरिक्त ये केंद्र असंचारी रोगों और मातृत्व तथा बाल स्वास्थ्य सेवाओं सहित व्यापक स्वास्थ्य देखरेख सुविधा भी उपलब्ध कराएंगे।
- इन केंद्रों को अपनाने के लिये कॉरपोरेट सोशल रेस्पोंसिबिलिटी (CSR) और लोकोपकारी संस्थाओं के ज़रिये निजी क्षेत्र को भी आमंत्रित किया जाएगा।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना (National Health Protection Scheme)
- 10 करोड़ से अधिक गरीब एवं कमज़ोर परिवारों (लगभग 50 करोड़ लाभार्थी) को दायरे में लाने के लिये एक फ्लैगशिप राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना शुरू की जाएगी।
- इसके तहत द्वितीयक और तृतीयक स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुँच सुनिश्चित करने हेतु प्रति परिवार 5 लाख रुपए प्रतिवर्ष तक का कवरेज प्रदान किया जाएगा।
- यह विश्व का सबसे बड़ा सरकारी वित्तपोषित स्वास्थ्य देखरेख कार्यक्रम होगा।
- इस योजना के लिये इस वर्ष 2000 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है।
- राज्यों के पास इस योजना को लागू करने के लिये ट्रस्ट मॉडल या बीमा कंपनी आधारित मॉडल अपनाने का विकल्प है, हालाँकि ट्रस्ट मॉडल को प्राथमिकता दी जाएगी।मौजूदा राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना गरीब परिवारों को 30,000 रुपए तक का वार्षिक कवरेज प्रदान करती है। स्वास्थ्य सुरक्षा को और अधिक उच्च स्तर पर ले जाने में यह योजना सहायक होगी।
लाभ
- आयुष्मान भारत के तहत स्वास्थ्य क्षेत्र की इन पहलों से श्रम-उत्पादकता और जनकल्याण में वृद्धि होगी तथा कार्यदिवसों की हानि और निर्धनता से बचा जा सकेगा।
- इन योजनाओं से विशेषकर महिलाओं के लिये रोज़गार के लाखों अवसर सृजित होंगे और सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज की दिशा में आगे बढ़ा जा सकेगा।
स्वास्थ्य क्षेत्र में अन्य पहलें
- किसी अन्य संक्रामक बीमारी की तुलना में टी.बी. से हर वर्ष अधिक जानें जाती हैं। यह गरीब और कुपोषित लोगों को अधिक प्रभावित करती है।
- इसलिये सरकार ने टी.बी. से पीड़ित सभी रोगियों को उनके उपचार की अवधि के दौरान 500 रुपए प्रतिमाह के हिसाब से पोषाहार सहायता प्रदान करने के लिये 600 करोड़ रुपए का अतिरिक्त आवंटन किया है।
- इसके अतिरिक्त गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा, शिक्षा और स्वास्थ्य देखरेख की पहुँच में वृद्धि करने के उद्देश्य से देश में मौजूदा ज़िला अस्पतालों को अपग्रेड करके 24 नए सरकारी चिकित्सा कॉलेजों और अस्पतालों की स्थापना की जाएगी।
- इस कदम से यह सुनिश्चित होगा कि प्रत्येक 3 संसदीय क्षेत्रों के लिये कम से कम एक चिकित्सा कॉलेज और देश के प्रत्येक राज्य में कम-से-कम एक सरकारी चिकित्सा कॉलेज उपलब्ध हो।
- सिक्किम में सरकारी चिकित्सा कॉलेज की स्थापना की जाएगी क्योंकि वहाँ अभी एक भी सरकारी चिकित्सा कॉलेज नहीं है। उपरोक्त पहलों के लिये केंद्र और राज्य की हिस्सेदारी क्रमश: 60:40 होगी।