आयुष उद्यमिता विकास कार्यक्रम | 01 May 2020
प्रीलिम्स के लिये:आयुष उद्यमिता विकास कार्यक्रम, आयुष मंत्रालय मेन्स के लिये:‘आयुर्वेदिक उपचार और योग’ एवं ‘आयुष उद्यमिता’ को बढ़ावा देने हेतु सरकार द्वारा किये गए प्रयास |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में ‘आयुष मंत्रालय’ (Ministry of Ayush) तथा ‘सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय’ (Ministry of Micro, Small and Medium Enterprises) द्वारा आयुष क्षेत्र को बढ़ावा देने हेतु ‘आयुष उद्यमिता विकास कार्यक्रम’ (Ayush Entrepreneurship Development Programme) की शुरुआत की गई है।
प्रमुख बिंदु:
- ध्यातव्य है कि भारत की आयुष प्रथाएँ भारत को आर्थिक महाशक्ति बनने में मददगार साबित हो सकती हैं क्योंकि उपचार के ये वैकल्पिक तरीके भारत में सदियों से प्रचलित हैं।
- गौरतलब है कि ‘आयुष उद्यमिता विकास कार्यक्रम’ के माध्यम से इस क्षेत्र में अनुसंधान तथा नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।
- इस कार्यक्रम के तहत भारतीय आयुर्वेद, होम्योपैथी, योग एवं सिद्ध पद्धतियों को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दिया जाएगा, साथ ही उद्यमियों को विदेशों में क्लीनिक/आउटलेट खोलने हेतु प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि आयुष क्षेत्र में निर्यात को बढ़ावा दिया जा सके।
- वैश्विक स्तर पर आयुर्वेदिक उपचार और योग की बढ़ती मांग को देखते हुए इस कार्यक्रम के तहत विशेष रूप से आयुर्वेदिक उपचार तथा योग ख्याति प्राप्त विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
- प्रशिक्षित योग विशेषज्ञों/प्रशिक्षकों की मदद से संस्थानों में आयुर्वेदिक उपचार और योग संबंधित पाठ्यक्रम की शुरुआत की जाएगी।
- आयुष क्षेत्र को बढ़ावा देने हेतु आयुष मंत्रालय एवं सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा एक कार्य योजना बनाई गई है। हाल ही में दोनो मंत्रालयों ने एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किये हैं।
- आयुष के प्रमुख क्षेत्र निम्नलिखित हैं:
- अहमदाबाद, हुबली, त्रिशूर, सोलन, इंदौर, जयपुर, कानपुर, कन्नूर, करनाल, कोलकाता एवं नागपुर।
- आयुष क्षेत्र के प्रोत्साहन हेतु अधिकारियों द्वारा आयुष क्लस्टरों की पहचान एवं मूल्यांकन कर उन्हें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय की निम्नलिखित योजनाओं से जोड़ा जाएगा:
- खरीद और विपणन सहायता योजना
- उद्यमिता और कौशल विकास कार्यक्रम
- पारंपरिक उद्योगों के उन्नयन एवं पुनर्निर्माण के लिये कोष की योजना/स्फूर्ति योजना
- क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना, प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम
- हब एंड स्पोक मॉडल
कार्यक्रम के लाभ:
- भारतीय अर्थव्यवस्था मज़बूत होने के साथ ही साथ आयुष क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा।
- आयुष क्षेत्र में औद्योगीकरण को बढ़ावा मिलेगा।
- रोज़गार में वृद्धि होगी।
- वन/ग्रामीण/आदिवासी क्षेत्रों में उद्यमिता का विकास होगा।
आयुष मंत्रालय (Ministry of Ayush):
- 9 नवंबर, 2014 को आयुष मंत्रालय की स्थापना की गई थी।
- इससे पहले यह भारतीय चिकित्सा पद्धति और होम्योपैथी (Indian System of Medicine and Homeopathy-ISMH) विभाग के रूप में जाना जाता था, जिसे मार्च 1995 में स्थापित किया गया था।
- वर्ष 2003 में इस विभाग का नाम बदलकर आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी विभाग (आयुष) रखा गया।
- आयुष मंत्रालय का उद्देश्य आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध एवं होम्योपैथी में शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देना है।