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सामाजिक न्याय

जनजातियों हेतु जागरूकता अभियान

  • 11 Apr 2020
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये:

भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास परिसंघ, COVID-19, गैर-काष्ठ वन उत्पाद

मेन्स के लिये:

जनजातीयों से संबंधित मुद्दे

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास परिसंघ (Tribal Cooperative Marketing Development Federation of India-TRIFED) ने COVID-19 से निपटने हेतु आभासी प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया।

प्रमुख बिंदु:

  • इस आभासी प्रशिक्षण कार्यक्रम के आयोजन में संयुक्त राष्ट्र बाल कोष ( United Nations Children’s Fund-UNICEF) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation-WHO) ने भागीदारी की।
  • TRIFED के सदस्यों और स्वयं सहायता समूहों (Self Help Groups-SHGs) से जुड़े लोगों को वेबिनार (Webinar) प्लेटफार्म के माध्यम से COVID-19 से बचाव हेतु आभासी प्रशिक्षण दिया गया, जैसे-
    • समुदाय को सामाजिक दूरी (Social Distancing) के बारे में जागरूक करना।
    • गैर-काष्ठ वन उत्पाद (Non Timber Forest Produce-NTFP) को एकत्र करते समय क्या करें तथा क्या न करें।
    • व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने, कैशलेस प्रणाली को अपनाने इत्यादि के बारे में जागरूक करना। 

वेबिनार (Webinar):

वेबिनार एक ऐसा सॉफ्टवेयर है, जिसकी मदद से इंटरनेट पर संगोष्ठियाँ/सेमिनार, प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जा सकते हैं या उनमें भाग लिया जा सकता है।

  • उल्लेखनीय है कि TRIFED ने आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के #iStandWithHumanity पहल के घटक स्टैंड विथ ट्राइबल फैमिली (Stand With Tribal Families) के साथ जुड़ने के लिये फाउंडेशन से संपर्क किया है।
    • स्टैंड विथ ट्राइबल फैमिली, जनजाति समुदायों के लिये भोजन और राशन प्रदान करेगा। 

प्रशिक्षण के उद्देश्य:

  • 27 राज्यों में जनजाति क्षेत्रों को शामिल करते हुये 18,000 से अधिक प्रतिभागियों तक पहुँच स्थापित करना।
  • जनजातीयों और उनकी अर्थव्यवस्था को सुरक्षा प्रदान करने तथा उनकी आजीविका सुनिश्चित करने हेतु  कुछ सक्रिय उपायों को शुरू करना।
  • एक डिजिटल प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से वन धन सामाजिक दूरी (Van Dhan Social Distancing) जागरूकता के तहत 15,000 SHGs को आजीविका केंद्रों के रूप में बढ़ावा देना।
    • वर्तमान में 27 राज्यों और 1 केंद्रशासित प्रदेश में कुल 1205 वन धन विकास केंद्र (Van Dhan Vikas Kendras-VDVK) का संचालन किया जा रहा  हैं, जिनमें 18,075 वन धन स्वयं सहायता समूह शामिल हैं। इस योजना से 3.6 लाख से अधिक जनजाती क्षेत्रों के लोग जुड़े हैं।

गैर-काष्ठ वन उत्पाद

(Non Timber Forest Products): 

  • जनजातियाँ मार्च-जून महीने के दौरान NTFP को एकत्र करते हैं।
    • NTFP प्राकृतिक रूप से उत्पन्न होने वाले ऐसे उत्पाद हैं जो एक विशेष मौसम पर निर्भर होते हैं। जनजातियाँ मार्च-जून महीने के दौरान कुल वार्षिक आय का 60-80% कमाते हैं।
    • गर्मी के मौसम में एकत्रित प्रमुख गैर-काष्ठ वन उत्पादों में जंगली शहद, इमली, आम, तेंदू पत्ता, साल के पत्ते, महुआ के बीज, नीम के बीज, करंज के बीज, महुआ के फूल और तेज़पत्ता इत्यादि शामिल हैं।

भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास परिसंघ

(Tribal Cooperative Marketing Development Federation of India-TRIFED):

  • भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास परिसंघ (TRIFED) की स्थापना वर्ष 1987 में हुई। यह राष्ट्रीय स्तर का एक शीर्ष संगठन है जो जनजातीय कार्य मंत्रालय के प्रशासकीय नियंत्रण के अधीन कार्य करता है।
  • ट्राइफेड का मुख्यालय दिल्ली में है और इसके 13 क्षेत्रीय कार्यालय हैं जो देश के विभिन्न स्थानों पर स्थित हैं।

स्रोत: पीआईबी

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