उड़ान योजना हेतु उत्कृष्टता पुरस्कार | 18 Apr 2022
प्रिलिम्स के लिये:उड़ान, लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिये प्रधानमंत्री पुरस्कार, सिविल सेवा दिवस। मेन्स के लिये:एरियल कनेक्टिविटी में सुधार के लिये उड़ान योजना का महत्त्व। उड़ान योजना के तहत उपलब्धियाँ। |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) योजना को "नवाचार (सामान्य)- केंद्रीय" श्रेणी के तहत लोक प्रशासन 2020 में उत्कृष्टता के लिये प्रधानमंत्री पुरस्कार हेतु चुना गया है।
- नागरिक विमानन मंत्रालय 21 अप्रैल को सिविल सेवा दिवस के अवसर पर इस पुरस्कार को प्राप्त करेगा। भारत सरकार प्रत्येक वर्ष सिविल सेवा दिवस को सिविल सेवकों के नागरिकों की सेवा हेतु खुद को समर्पित करने और सार्वजनिक सेवा एवं कार्य में उत्कृष्टता के लिये अपनी प्रतिबद्धताओं को नवीनीकृत करने के अवसर के रूप में मनाती है।
- नागरिक उड्डयन मंत्रालय वर्ष 2026 तक उड़ान क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना (UDAN Regional Connectivity Scheme- RCS) योजना के तहत 1,000 नए मार्गों के साथ भारत में वर्ष 2024 तक 100 नए हवाई अड्डों का निर्माण करने की योजना बना रहा है।
लोक प्रशासन में उत्कृष्टता हेतु प्रधानमंत्री पुरस्कार:
- इसका गठन वर्ष 2006 में भारत सरकार द्वारा केंद्र और राज्य सरकारों के ज़िलों तथा संगठनों द्वारा किये गए असाधारण एवं अभिनव कार्यों को स्वीकार करने, पहचानने और पुरस्कृत करने के लिये किया गया था।
- पुरस्कार में एक ट्रॉफी, स्क्रॉल और 10 लाख रुपए सम्मानित ज़िले या संगठन को प्रोत्साहन के रूप में परियोजना/कार्यक्रम के कार्यान्वयन या लोक कल्याण के किसी भी क्षेत्र में संसाधन अंतराल को पूरा करने के लिये दिया जाता है ।
उड़ान (UDAN) योजना:
- लॉन्च:
- उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) को वर्ष 2016 में नागरिक उड्डयन मंत्रालय के तहत एक क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना (RCS) के रूप में शुरू किया गया था।
- उद्देश्य:
- क्षेत्रीय विमानन क्षेत्र का विकास करना।
- छोटे शहरों में भी आम आदमी को क्षेत्रीय मार्गों पर किफायती, आर्थिक रूप से व्यवहार्य और लाभदायक हवाई यात्रा की सुविधा प्रदान करना।
- विशेषताएँ:
- इस योजना में मौजूदा हवाई पट्टियों और हवाई अड्डों के पुनरुद्धार के माध्यम से देश के असेवित तथा कम सेवा वाले हवाई अड्डों को कनेक्टिविटी प्रदान करने की परिकल्पना की गई है। यह योजना 10 वर्षों की अवधि के लिये परिचालित है।
- कम सेवा वाले हवाई अड्डे वे होते हैं जिनमें एक दिन में एक से अधिक उड़ानें नहीं होती हैं, जबकि अनारक्षित हवाई अड्डे वे होते हैं जहाँ कोई परिचालन नहीं होता है।
- केंद्र, राज्य सरकारों और हवाई अड्डा संचालकों की ओर से चयनित एयरलाइंस को वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है ताकि असेवित तथा कम सेवा वाले हवाई अड्डों से संचालन को प्रोत्साहित किया जा सके एवं हवाई किराए को किफायती रखा जा सके।
- इस योजना में मौजूदा हवाई पट्टियों और हवाई अड्डों के पुनरुद्धार के माध्यम से देश के असेवित तथा कम सेवा वाले हवाई अड्डों को कनेक्टिविटी प्रदान करने की परिकल्पना की गई है। यह योजना 10 वर्षों की अवधि के लिये परिचालित है।
- अब तक की उपलब्धियाँ:
- पूर्वोत्तर में कनेक्टिविटी: इस योजना के तहत अब तक 387 मार्गों और 60 हवाई अड्डों का संचालन किया जा चुका है, जिनमें से 100 मार्ग अकेले उत्तर-पूर्व के हैं।
- कृषि उड़ान योजना के तहत पूर्वोत्तर क्षेत्र के निर्यात अवसरों को बढ़ाने के लिये 16 हवाई अड्डों की पहचान की गई है, जिससे माल ढुलाई और निर्यात में वृद्धि जैसे दोहरे लाभ प्राप्त हो रहे हैं।
- आर्थिक विकास: उड़ान का देश की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है और उद्योग हितधारकों विशेषकर एयरलाइंस ऑपरेटरों तथा राज्य सरकारों द्वारा इसे लेकर उत्कृष्ट प्रतिक्रिया देखी गई है।
- संतुलित क्षेत्रीय विकास: इस योजना के तहत 350 से अधिक नए शहर अब तक जोड़े जा चुके हैं। 200 शहर पहले ही जोड़े जा चुके हैं जो व्यापक रूप में देश के भौगोलिक क्षेत्र में कनेक्टिविटी प्रदान करने के साथ-साथ स्थानीय आबादी के संतुलित क्षेत्रीय विकास, आर्थिक विकास और रोज़गार प्रदान करने के उद्देश्य से विस्तृत हैं।
- इस योजना से नए ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों का विकास हुआ जैसे सिक्किम में गंगटोक के पास पाकयोंग, अरुणाचल प्रदेश में तेज़ू और आंध्र प्रदेश में कुर्नूल।
- यात्रियों की संख्या में वृद्धि: इस योजना के तहत नॉन मेट्रो एयरपोर्ट्स (Non-Metro Airports) के घरेलू यात्रियों की संख्या में 5% की वृद्धि हुई है।
- पूर्वोत्तर में कनेक्टिविटी: इस योजना के तहत अब तक 387 मार्गों और 60 हवाई अड्डों का संचालन किया जा चुका है, जिनमें से 100 मार्ग अकेले उत्तर-पूर्व के हैं।
उड़ान योजना के विभिन्न चरण
उड़ान 1.0
- इस चरण के तहत 5 एयरलाइन कंपनियों को 70 हवाई अड्डों (36 नए बनाए गए परिचालन हवाई अड्डों सहित) के लिये 128 उड़ान मार्ग प्रदान किये गए।
उड़ान 2.0
- वर्ष 2018 में नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 73 ऐसे हवाई अड्डों की घोषणा की जहाँ कोई सेवा प्रदान नही की गई थी या उनके द्वारा की गई सेवा बहुत कम थी।
- उड़ान योजना के दूसरे चरण के तहत पहली बार हेलीपैड भी योजना से जोड़े गए थे।
उड़ान 3.0
- पर्यटन मंत्रालय के समन्वय में उड़ान 3.0 के तहत पर्यटन मार्गों का समावेश।
- जलीय हवाई अड्डे को जोड़ने के लिये जल विमान का समावेश।
- पूर्वोत्तर क्षेत्र में कई मार्गों को उड़ान के दायरे में लाना।
उड़ान 4.0
- वर्ष 2020 में देश के दूरस्थ क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिये क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना ‘उड़े देश का आम नागरिक’ (उड़ान) के चौथे संस्करण के तहत 78 नए मार्गों के लिये मंज़ूरी दी गई थी।
- लक्षद्वीप के मिनिकॉय, कवरत्ती और अगत्ती द्वीपों को उड़ान 4.0 के तहत नए मार्गों से जोड़ने की योजना बनाई गई है।
उड़ान 4.1
- उड़ान 4.1 मुख्यतः छोटे हवाई अड्डों, विशेष तौर पर हेलीकॉप्टर और सी-प्लेन मार्गों को जोड़ने पर केंद्रित है।
- सागरमाला विमान सेवा के तहत कुछ नए मार्ग प्रस्तावित हैं।
- सागरमाला सी-प्लेन सेवा संभावित एयरलाइन ऑपरेटरों के साथ पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के तहत एक महत्त्वाकांक्षी परियोजना है, जिसे अक्तूबर 2020 में शुरू किया गया था।
आगे की राह:
- एयरलाइंस ने इस योजना का लाभ रणनीतिक रूप से भीड़भाड़ वाले टियर-1 हवाई अड्डों पर अतिरिक्त स्लॉट हासिल करने, मार्गों पर एकाधिकार की स्थिति और कम परिचालन लागत प्राप्त करने की दिशा में उठाया है। इस प्रकार हितधारकों को उड़ान योजना को टिकाऊ बनाने और इसकी दक्षता में सुधार करने की दिशा में काम करना चाहिये।
- एयरलाइंस को मार्केटिंग हेतु पहल करनी चाहिये ताकि अधिक से अधिक लोग उड़ान योजना का लाभ उठा सकें।
- देश भर में योजना के सफल कार्यान्वयन के लिये बुनियादी ढाँचे की और अधिक मज़बूत करने आवश्यकता है।