ऑस्ट्रेलिया सरकार का ‘ज़ीरो चांस’ अभियान | 26 Jun 2019
चर्चा में क्यों?
ऑस्ट्रेलियाई सरकार अवैध रूप से देश में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिये ‘ज़ीरो चांस’ (Zero Chance) नाम से एक अभियान शुरू करने की योजना बना रही है।
मुख्य बिंदु :
- अभियान से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक इस अभियान का एकमात्र उद्देश्य लोगों को यह समझाना है कि यदि कोई भी व्यक्ति ऑस्ट्रेलिया में अवैध रूप से प्रवेश करने का प्रयास करेगा, तो उसके सफल होने की संभावना शून्य है।
- ऑस्ट्रेलियाई सरकार द्वारा ऐसा करने वाले सभी लोगों को उसी समय ऑस्ट्रेलिया से वापस कर दिया जाएगा।
- अभियान के तहत भारत के तमिलनाडु सहित अन्य 10 देशों के तटीय क्षेत्रों पर विज्ञापनों और अन्य माध्यमों से लोगों को जागरूक करने का कार्य जल्द-से-जल्द शुरू कर दिया जाएगा।
- अधिकारियों ने यह स्पष्ट किया है कि ऑस्ट्रेलिया की कठोर सीमा नीति (Strong Border Policies) अभी भी बरकरार है और इसमें अभी तक कोई भी परिवर्तन नहीं हुआ है। ज्ञातव्य है कि कई बार अंतर्राष्ट्रीय तस्करों द्वारा लोगों को ऑस्ट्रेलिया की सीमा नीति के बारे में यह कहते हुए भ्रमित किया जाता हैं कि चुनावों के बाद ऑस्ट्रेलिया ने अपनी सीमा नीति में परिवर्तन कर दिया है।
- हाल के कुछ वर्षों में ऑस्ट्रेलिया ने अपनी सीमा नीति मुख्यतः समुद्री सीमा नीति को बहुत ही कठोर कर दिया है। ऑस्ट्रेलिया की सीमा नीति में जहाज़ो से आए शरणार्थियों को उसी समय वापस लौटना, अनिवार्य नज़रबंदी और पास के द्वीपों पर शरणार्थी शिविर आदि तमाम चीज़े शामिल हैं।
- वर्ष 2013 में शुरू किये गए अभियान ‘ऑपरेशन सॉवरेन बॉर्डर्स’ (Operation Sovereign Borders) के तहत अभी तक ऑस्ट्रेलिया लगभग 35 जहाज़ों से अवैध रूप से घुसने वाले 847 लोगों को वापस भेज चुका है।
- ज्ञातव्य है कि ऑपरेशन सॉवरेन बॉर्डर्स ऑस्ट्रेलियाई रक्षा बल (Australian Defence Force) द्वारा चलाया गया एक अभियान है जिसका उद्देश्य समुद्र के रास्ते आने वाले सभी अवैध शरणार्थियों को रोकना है।
- ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, जो लोग ऑस्ट्रेलिया में वैध और स्थायी प्रवेश चाहते हैं उन्हें शरणार्थी पुनर्वास कार्यक्रम (Refugees Resettlement Programmes) के तहत आवेदन करना होगा।
- शरणार्थियों की पहचान करने के लिये ऑस्ट्रेलिया, UNHCR के साथ मिलकर कार्य रहा है।
शरणार्थी सामान्यतः ऐसे नागरिक होते हैं जो असुरक्षा या युद्ध के भय से दूसरे देशों में प्रवास के लिये बाध्य होते हैं।
शरणार्थी पुनर्वास कार्यक्रम (Refugees Resettlement Programmes)
- यह कार्यक्रम वैश्विक स्तर UNHCR द्वारा चलाया जाता है।
- इस कार्यक्रम के तहत शरण मांगने वाले लोगों को किसी सुरक्षित स्थान पर स्थायी रूप से बसाने की व्यवस्था की जाती है।
- वर्ष 2018 में इस कार्यक्रम के तहत 55,600 से भी ज्यादा लोगों को सुरक्षित और स्थायी स्थान प्रदान किया गया है।
United Nations High Commissioner for Refugees - UNHCR
- UNHCR की स्थापना वर्ष 1950 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान घर छोड़ने वाले लाखों लोगों की मदद करने लिये की गई थी।
- अफ्रीका, मध्य पूर्व और एशिया के कई शरणार्थी संकटों को सुलझाने में UNHCR की भूमिका रही है।
- यूरोप में इसके अभूतपूर्व कार्य के लिये इसे वर्ष 1954 में नोबेल शांति पुरस्कार भी दिया गया था।