स्थानीय निकायों के लिये ऑडिट ऑनलाइन | 27 Jul 2020
प्रीलिम्स के लिये :ऑडिट ऑनलाइन, 15 वित्त आयोग, PES मेंस के लिये:ऑनलाइन एडिटिंग के लाभ एवं मुद्दे |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में पंचायती राज मंत्रालय (Ministry of Panchayati Raj) ने चालू वित्त वर्ष 2020-21 के लिये देश की ग्राम पंचायतों (Gram Panchayats- GP) का ऑनलाइन ऑडिट करने का निर्णय लिया है। यह प्रक्रिया मंत्रालय द्वारा विकसित ऑडिट ऑनलाइन एप द्वारा की जाएगी।
प्रमुख बिंदु:
- इस प्रक्रिया के पहले चरण में देश की 2.5 लाख ग्राम पंचायतों के 20% ग्राम पंचायतों को शामिल किया जाएगा।
- चालू वित्त वर्ष के दौरान ऑनलाइन ऑडिट के लिये लगभग 50,000 पंचायतों को शामिल किये जाने की संभावना है।
- इसके अलावा आगामी वित्त वर्ष 2021-22 में देश भर की सभी पंचायतों को इसमें शामिल किया जाएगा।
- चालू बीते वर्ष में पंचायतों के लेखा-जोखा खातों का ऑडिट इस बात पर केंद्रित होगा कि उन्होंने वित्त (Finance commission-FS) आयोग द्वारा प्राप्त अनुदानों का उपयोग कैसे किया।
- 15वें वित्त आयोग ने ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिये लगभग 60, 750 करोड़ रुपए आवंटन की सिफारिश की थी जो पिछले वर्ष 14वें वित्त आयोग के द्वारा आवंटित की गई राशि के लगभग समान थी।
लाभ
- हाल के दिनों में कोविड-19 महामारी के दौरान लॉकडाउन की स्थिति को मद्देनज़र रखते हुए ऑनलाइन ऑडिट भौतिक सत्यापन के विकल्प के साथ अधिक प्रासंगिक है।
- ऑफलाइन प्रणाली में समय पर आँकड़ों की उपलब्धता एक प्रमुख मुद्दा था।
- ऑनलाइन ऑडिट आँकड़ों तक पहुँच को आसान बनाएगा जिससे ज़िला, राज्य और केंद्र स्तर पर निगरानी की जा सकेगी।
- इसके अलावा पहले किए गए कार्यों की तस्वीर अपलोड करके परियोजनाओं का भौतिक निरीक्षण करने में सहायक होगा।
- ऑनलाइन प्रक्रिया में ऑडिटर कर स्वीकृति और भुगतान से संबंधित सभी दस्तावेज़ों को ऑनलाइन देख सकेंगे।
- साथ ही आवश्यकता पड़ने पर पंचायतों से अतिरिक्त दस्तावेज़ों की मांग भी कर सकते हैं।
ऑडिट ऑनलाइन
- यह पंचायती राज मंत्रालय द्वारा शुरू किये गए ई-पंचायत मिशन मोड प्रोजेक्ट (e-panchayat Mission Mode Project- MMP) के तहत पंचायत इंटरप्राइजेज़ सूट (Panchayat Enterprise Suite- PES) में एक भाग के रूप में विकसित एक ओपन सोर्स ऐप है।
- यह लेखा परीक्षकों द्वारा पंचायतों के तीनों स्तरों पर ज़िला, ब्लॉक और ग्राम पंचायत शहरी स्थानीय निकायों (Urban Local Bodies- ULB) तथा विभागों में खातों की वित्तीय ऑडिट की सुविधा प्रदान करता है।
- यह न केवल खातों की ऑनलाइन और ऑफलाइन ऑडिट की सुविधा प्रदान करता है बल्कि ऑडिट टीम में शामिल किए गए सभी लेखा परीक्षकों से संबंधित सूची का पिछले रिकॉर्ड को बनाए रखने के उद्देश्य से भी कार्य करता है।
- इसके अलावा यह सूचना सार्वजनिक डोमेन और अन्य अनुप्रयोगों द्वारा उपयोग करने के लिये भी उपलब्ध रहती है।
पंचायत इंटरप्राइजेज सूट- PES
- पंचायती राज मंत्रालय ने देश भर के पंचायती राज्य संस्थानों में ई-गवर्नेंस को शुरू करने तथा मज़बूत करने के उद्देश्य से ई-गवर्नेंस पहल को प्रभावी रूप से अपनाने के लिये पंचायती राज्य संस्थानों से संबंधित क्षमता निर्माण हेतु MMP शुरू किया था।
- ई-पंचायत के तहत 11 कोर कॉमन एप तैयार किये गये थे, जो पंचायतों के पूरे कामकाज को जैसे- नियोजन, निगरानी, बजट, लेखा, सामाजिक लेखा परीक्षा आदि से लेकर नागरिक सेवा वितरण संचालन जैसे- प्रमाण पत्र, लाइसेंस आदि को अभिलक्षित करते हैं।
- इन 11 सॉफ्टवेयर एप को मिलाकर पंचायत इंटरप्राइजेज सूट का निर्माण होता है।
आगे की राह
- यदि पंचायतों को कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से दिनों दिन बढ़ रहे सभी कार्यों को अनिवार्य रूप से करना है तो सूचना एवं प्रौद्योगिकी के व्यापक उपयोग की आवश्यकता है।
- ई-ग्रामस्वराज (e-GramSwaraj) और स्वामित्व कार्यक्रम (Swamitva Programme) को लॉन्च करना इसी उद्देश्य को रेखांकित करता है।
- इसके अलावा एक ऐसे डिजिटल समावेशी समाज बनाने की एक मज़बूत आवश्यकता है जहाँ ग्रामीण आबादी का एक बड़ा हिस्सा तकनीक का लाभ उठा सकें तथा स्वतंत्र रूप से सेवाओं और सूचनाओं को साझा व उनका उपयोग कर सकें एवं विकास प्रक्रिया में अधिक प्रभावी ढंग से भाग ले सकें।
- यह राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना 2.0 के अनुरूप होगा।