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अटलांटिक मेरिडिनल ओवरटर्निंग करंट

  • 28 Sep 2019
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

एक नए अध्ययन में पता चला है कि पिछले 15 वर्षों से अटलांटिक मेरिडिनल ओवरटर्निंग करंट (ATLANTIC MERIDIONAL OVERTURNING CURRENT- AMOC) का प्रभाव कम हो रहा है।

अटलांटिक मेरिडिनल ओवरटर्निंग करंट

(ATLANTIC MERIDIONAL OVERTURNING CURRENT- AMOC)

  • AMOC पृथ्वी की सबसे बड़ी जल संचलन प्रणालियों में से एक है इसके तहत महासागरों की धाराएंँ उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों से गर्म और लवणीय जल को उत्तर दिशा जैसे कि पश्चिमी यूरोप की ओर ले जाती हैं तथा दक्षिण की ओर ठंडा जल भेजती हैं।
  • यह एक ऐसी धारा प्रणाली है जो एक वाहक बेल्ट (Conveyor Belt) के रूप में तापमान और लवणता के अंतर (पानी का घनत्व) से संचालित होती है।
  • इस प्रकार के समुद्री जल संचलन से महासागरों का तापमान संतुलित रहता है और चरम जलवायु के बजाय सामान्य जलवायु की उपस्थिति बनी रहती है।
  • इस प्रकार की जल संचलन प्रणाली से वायुमंडल में ताप और ऊर्जा मुक्त होती है।
  • समुद्री गर्म जल के प्रभाव से वायुमंडल में तापमान बढ़ जाता है और वायुमंडलीय कार्बन को अवशोषित तथा संग्रहीत कर लिया जाता है।

ATLANTIC MERIDIONAL

AMOC के कम होते प्रभाव का परिणाम:

  • AMOC हज़ारों वर्षों से स्थिर बना हुआ था लेकिन यह पिछले 15 वर्षों से कमज़ोर पड़ रहा है। नेचर क्लाइमेट चेंज (Nature Climate Change) पत्रिका के अनुसार, AMOC के कमज़ोर पड़ने से यूरोप और अटलांटिक रिम (Atlantic Rim) के अन्य हिस्सों में नाटकीय परिणाम देखने को मिल सकता है।
  • येल विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों के अनुमान के अनुसार, AMOC अंतिम बार 15,000 से 17,000 वर्ष पहले अस्थिर हुआ था। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि AMOC में आई इस अस्थिरता के कारण यूरोप में कठोर सर्दियांँ पड़ी थी और अफ्रीका का सहेल (Sahel) क्षेत्र सूखाग्रस्त हो गया था।

हिंद महासागर की भूमिका:

  • हिंद महासागर क्षेत्र के ज़्यादा गर्म होने से यहाँ अतिरिक्त वर्षा हो रही है। इस क्षेत्र में अधिक प्रबल निम्न दाब का निर्माण हो रहा है जिससे यह क्षेत्र विश्व के अन्य क्षेत्रों से भी हवाओं को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है, फलतः अटलांटिक महासागर जैसे क्षेत्र में वर्षा के लिये विपरीत स्थितियाँ उत्पन्न हो रही हैं।
  • हिंद महासागर में अतिरिक्त वर्षा होने के कारण अटलांटिक महासागर में कम वर्षा होने की प्रवृति देखी जा रही है जिससे वहाँ के जल की लवणता का स्तर बढ़ रहा है।
  • जल की बढ़ती लवणता के कारण इस स्थायी प्रणाली के प्रवाह में अस्थिरता आ रही है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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