अटल अमृत अभियान | 26 Oct 2019
प्रीलिम्स के लिये:
अटल अमृत अभियान, जापानी इंसेफेलाइटिस
मेन्स के लिये:
अटल अमृत अभियान के उद्देश्य और विशेषताएँ
चर्चा में क्यों:
हाल ही में असम सरकार ने अटल अमृत अभियान के दायरे का विस्तार करते हुए छह अतिरिक्त बीमारियों और स्वास्थ्य सुविधाओं को इस अभियान के अंतर्गत शामिल किया है।
मुख्य बिंदु:
- असम सरकार ने अटल अमृत अभियान के अंतर्गत आईसीयू पैकेज, ट्रॉमा, बाल शल्य चिकित्सा और बच्चों से संबंधित रोगों की उचित देखभाल, बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन (Bone Marrow Transplantation), जापानी इंसेफेलाइटिस (Japanese Encephalitis) तथा एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (Acute Encephalitis Syndrome) जैसी बीमारियों एवं स्वास्थ्य सेवाओं को शामिल किया है।
- असम सरकार के अनुसार, विस्तारित योजना शीघ्र ही सरकारी तथा निजी अस्पतालों में लागू की जाएगी।
- मानसून के दौरान असम में जापानी इंसेफेलाइटिस के कारण अत्यधिक मौतें होती हैं। मच्छर के काटने के कारण होने वाली इस बीमारी से वर्ष 2019 में लगभग 154 लोगों की मौत हो गई।
- असम सरकार के अनुसार, पिछले 18 महीने में 1.61 करोड़ व्यक्ति अटल अमृत अभियान के अंतर्गत नामांकित हुए परंतु केवल 57,257 व्यक्तियों को कैशलेस इलाज किया गया क्योंकि अधिकतर BPL परिवार आयुष्मान भारत योजना से जुड़ गए हैं।
- 1 नवंबर, 2019 को अधिसूचना जारी होने के बाद यह विस्तारित योजना असम में लागू हो जाएगी।
- अटल अमृत अभियान के दायरे के विस्तार से पहले 27,424 कैंसर रोगी, 20,263 किडनी से सबंधित रोगी तथा 6,470 ह्रदय संबंधी रोगी इससे लाभ उठा चुके हैं।
अटल अमृत अभियान :
- अटल अमृत अभियान असम सरकार द्वारा असम के लोगों को स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करने के लिये दिसंबर 2016 में प्रारंभ की गई एक योजना है।
- इस महत्त्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत असम के सभी BPL तथा APL परिवारों को 2 लाख रुपए तक का कैशलेस स्वास्थ्य कवरेज प्रदान किया जाता है।
- यह योजना सामान्य रूप से उच्च लागत वाले 6 रोग समूहों (कार्डियोवैस्कुलर, कैंसर, किडनी से संबंधित रोग, न्यूरोलॉजिकल, नवजात शिशु संबंधी, जलने से संबंधित) के उपचार के लिये प्रारंभ की गई है।
- इस योजना में 6 रोग समूहों के अंतर्गत 438 प्रकार के रोगों का उच्च स्तरीय उपचार किया जाता है।
जापानी इंसेफेलाइटिस (Japanese Encephalitis):
- यह एक संक्रामक बीमारी है जो फ्लैवीवायरस (Flavivirus) के संक्रमण से होती है। तीव्र बुखार तथा मस्तिष्क में सूजन आना इस बीमारी के प्रमुख लक्षण हैं।
- यह बीमारी मनुष्यों में क्युलेक्स मच्छर के काटने के कारण होती है। ये मच्छर चावल के खेतों और जलीय वनस्पति वाले जलाशयों में उत्पन्न होते हैं।
- प्रवासी पक्षी और जंगली सूअर भी इस वायरस के संक्रमण के वाहक होते हैं।
- यह बीमारी विशेष रूप से बच्चों तथा युवा वयस्कों को अधिक प्रभावित करती है।