असम की नई जनसंख्या नीति | 18 Sep 2017
चर्चा में क्यों?
असम में जनसंख्या और महिला सशक्तीकरण नीति (Population and Women Empowerment Policy of Assam) को अपनाने के लिये राज्य सरकार द्वारा एक विधेयक पारित किया गया है। इस विधेयक का उद्देश्य राज्य में महिलाओं के सशक्तीकरण के माध्यम से (विशेष रूप से) धार्मिक अल्पसंख्यकों के बीच जनसंख्या विस्फोट को रोकना तथा राज्य के सीमित संसाधनों पर बढ़ते दबाव को कम करना है।
इस नीति की मुख्य विशेषताएँ इस प्रकार हैं -
- इस नीति के तहत राज्य की सभी पंचायतों, नगरपालिकाओं और सांविधिक निकायों के सरकारी कर्मचारियों एवं पंचायतों, नगर निगमों और सांविधिक निकायों के निर्वाचित/नामांकित प्रतिनिधियों द्वारा महिला सशक्तीकरण और जागरूकता पर बल देते हुए दो बच्चों वाली नीति का अनुपालन किया जाएगा।
- इस नीति के अंतर्गत मातृत्व के विषय में स्वयं के निर्णयानुसार विकल्प को चुनने के लिये महिलाओं को सशक्त बनाने का प्रयास किया जाएगा, ताकि इस समुदाय विशेष में महिलाओं की स्थिति में सुधार किया जा सके।
- इसके अतिरिक्त इस नीति में दो से अधिक बच्चों वाले लोगों को राज्य स्तर पर पंचायतों, नगरपालिकाओं और अन्य सांविधिक निकायों और समितियों के चुनाव लड़ने के संबंध में प्रतिबंधित किया गया है।
पृष्ठभूमि
- असम का औसत पारिवारिक आकार 5.5 का है, जो राष्ट्रीय औसत से काफी ऊपर है। यही कारण है कि 2001 की जनगणना से 2011 की जनगणना के बीच राज्य की कुल आबादी में लगभग एक करोड़ से 3.12 करोड़ का इज़ाफा हुआ है।
- 2011 की जनगणना के अनुसार, असम का जनसंख्या घनत्व 398 है, जबकि 2001 में यह मात्र 340 ही था।
- स्पष्ट रूप से आबादी के बढ़ते दबाव से राज्य अर्थव्यवस्था पर भी गहरा प्रभाव पड़ा है। वर्ष 2005 और 2014 के बीच जी.डी.पी. विकास दर (6% से भी कम) के मामले में असम देश के निम्नतम पाँच राज्यों में से एक था।
- इसके अलावा, बेरोज़गारी के संबंध में राष्ट्रीय औसत (50) की तुलना में राज्य की स्थिति और अधिक खराब है। उल्लेखनीय है कि असम की बेरोज़गारी दर 61 है।