एशियन हार्मोनाइजे़शन वर्किंग पार्टी | 07 Dec 2017

चर्चा में क्यों?

हाल ही में स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्रालय द्वारा नई दिल्‍ली में एशियन हार्मोनाइजेशन वर्किंग पार्टी (AHWP) के 22वें सम्‍मेलन का उद्घाटन किया गया। स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्रालय के सहयोग से पाँच दिवसीय इस सम्‍मेलन का आयोजन केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (Central Drugs Standard Control Organization – CDSO) एवं राष्‍ट्रीय औषधि नियामक प्राधिकरण (National Drug Regulatory Authority – NDRA) द्वारा किया जा रहा है। 

उद्देश्य

  • इस कार्यक्रम का मुख्‍य उद्देश्‍य एशिया और उसके बाहर के क्षेत्रों में चिकित्‍सीय उपकरणों के नियमन का अभिसरण करना।
  • एकरूपता हेतु दृष्‍टिकोण विकसित करने के लिये सुझाव देना। 
  • नियामकों एवं इस उद्योग के बीच ज्ञान तथा विशेषज्ञता के आदान-प्रदान में सुविधा प्रदान करना। 

पृष्ठभूमि

  • 30 सदस्‍य देशों तथा उद्योग सदस्‍यों के राष्‍ट्रीय नियामकों की एशियन हार्मोनाइजे़शन वर्किंग पार्टी का गठन वर्ष 1999 में स्वैच्छिक लाभ निरपेक्ष संगठन के तौर पर किया गया था। 
  • इसका उद्देश्‍य अंतर्राष्‍ट्रीय चिकित्‍सीय उपकरण नियामक मंच (International Medical Device Regulators Forums – IMDRF) द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप एशिया और अन्य क्षेत्रों में चिकित्सकीय उपकरणों के नियमन पर नियामक एकरूपता को बढ़ावा देना है।
  • ए.एच.डब्‍ल्‍यू.पी. आई.एम.डी.आर.एफ., डब्‍ल्‍यू.एच.ओ., अंतर्राष्‍ट्रीय मानकीकरण संगठन (International Organization for Standardization – ISO) जैसे संबंधित अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ मिलकर कार्य करता है।

भारत सरकार द्वारा की गई पहल

  • सरकार का उद्देश्य देश में चिकित्‍सकीय उपकरण क्षेत्र में मेक इन इंडिया, अनुसंधान और विकास तथा नवाचार को बढ़ावा देने के लिये एक बेहतर व्यवस्था का निर्माण करना है। 
  • हालाँकि इसके लिये स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय द्वारा वैश्‍विक नियामक तरीकों के साथ बेहतर एकरूपता और पारदर्शी, पूर्वानुमान तथा सुदृढ़ विनियामक प्रणाली विकसित करने के लिये हाल ही में नियमन अर्थात् चिकित्‍सकीय उपकरण नियम, 2017 भी लागू किये हैं। 
  • इससे चिकित्‍सकीय उपकरणों की सुरक्षा, गुणवत्‍ता और बेहतर परिणामों को सुनिश्‍चित किया जा सकेगा। 
  • इसके अलावा सरकार द्वारा मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिये चिकित्‍सकीय उपकरण क्षेत्र में शत् प्रतिशत प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश की भी अनुमति प्रदान की गई है। 
  • सुदृढ़ नियामक खाके के साथ मेक इन इंडिया के लिये किये जा रहे संयुक्‍त प्रयासों से सरकार ऐसा पारिस्‍थितिकी तंत्र तैयार करने की कोशिश कर रही है, जिससे इस क्षेत्र से संबद्ध सभी हितधारकों  हेतु लाभ सुनिश्चित किया जा सके। 
  • ऐसे प्रयासों के ज़रिये सरकार की मंशा विस्‍तृत और विविध भौगोलिक इलाकों में नागरिकों तक सर्वोत्‍तम गुणवत्‍ता मानकों के किफायती चिकित्‍सकीय उपकरण उपलब्‍ध करवाना है।