सनौली में मिला उत्तर-हड़प्पाकालीन सबसे बड़ा कब्रिस्तान | 01 May 2019
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तर प्रदेश के बागपत ज़िले में पुरातात्त्विक उत्खनन के दौरान 4,000 साल पुराने चावल, दाल, पवित्र कोठरियाँ और ताबूत पाए गए हैं।
प्रमुख बिंदु
- भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण ने उत्तर प्रदेश के बागपत ज़िले में स्थित सनौली में 4,000 साल पुराने शवाधान स्थल का उत्खनन किया है।
- इस शवाधान स्थल में मृत शरीर के साथ पैर वाले ताबूत, चावल एवं दाल से भरे बर्तन और जानवरों की हड्डियाँ भी पाई गई हैं।
- यहाँ तीन रथ, कुछ ताबूत, ढाल, तलवार और साथ ही हेल्मेट भी मिला है जो 2,000 ईसा पूर्व के आसपास इस क्षेत्र में योद्धा वर्ग के अस्तित्व की ओर इशारा करते हैं।
- यह शवाधान स्थल परिपक्व हड़प्पा संस्कृति के अंतिम चरण के समकालीन है। उस कालखंड के दौरान ऊपरी गंगा-यमुना दोआब की संस्कृति के पैटर्न को समझने के लिये इस उत्खनन से ज्ञात निष्कर्ष महत्त्वपूर्ण हैं।
- उपरोक्त वस्तुओं के अलावा उत्खननकर्त्ताओं को शवों के साथ बर्तन, मवेशियों की हड्डियाँ, चावल और उड़द की दाल भी पाई गई है।
- मौजूद कब्रों में से एक कब्र में अर्द्ध-शिला, मिट्टी के बर्तन और सिर के पास एक तलवार भी रखी गई थी।
सनौली
- सनौली, उत्तर प्रदेश के बागपत ज़िले में यमुना नदी के बाएँ किनारे पर स्थित है।
- यह दिल्ली से 68 किमी. दूर उत्तर-पूर्व में स्थित है।
- ज्ञातव्य है कि बागपत ज़िले में पुरातात्त्विक स्थल का उत्खनन पहली बार 2018 में शुरू हुआ था और इस साल जनवरी में फिर से उत्खननशुरू किया गया है।
- यहाँ उत्तर-हड़प्पाकालीन सबसे बड़ा कब्रिस्तान पाया गया है।
भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India- ASI)
- भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण राष्ट्र की सांस्कृतिक विरासतों के पुरातत्त्वीय अनुसंधान तथा संरक्षण के लिये एक प्रमुख संगठन है।
- भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण का प्रमुख कार्य राष्ट्रीय महत्त्व के प्राचीन स्मारको तथा पुरातत्त्वीय स्थलों और अवशेषों का रखरखाव करना है ।
- इसके अतिरिक्त प्राचीन संस्मारक तथा पुरातत्त्वीय स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 के प्रावधानों के अनुसार, यह देश में सभी पुरातत्त्वीय गतिविधियों को विनियमित करता है।
- यह पुरावशेष तथा बहुमूल्य कलाकृति अधिनियम, 1972 को भी विनियमित करता है।
- भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण संस्कृति मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।