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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक-प्लस (ADMM-PLUS)

  • 11 Dec 2020
  • 4 min read

चर्चा में क्यों

हाल ही में भारत के रक्षा मंत्री ने वियतनाम के हनोई में ऑनलाइन आयोजित 14वें आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक-प्लस (ASEAN Defence Ministers’ Meeting Plus: ADMM-PLUS) में भाग लिया।

  • यह ADMM-PLUS फोरम की स्थापना का 10वाँ वर्ष है।
  • दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों का संगठन (Association of South East Asian Nations-ASEAN), एक क्षेत्रीय संगठन है जो एशिया-प्रशांत के उपनिवेशी राष्ट्रों में बढ़ते तनाव के बीच राजनीतिक और सामाजिक स्थिरता को बढ़ावा देने के लिये स्थापित किया गया था।

ADMM

प्रमुख बिंदु

  • आसियान के रक्षा मंत्रियों की बैठक के बारे में:
    • स्थापना: वर्ष 2007 में सिंगापुर में आयोजित ADMM की दूसरी बैठक में ADMM-Plus के गठन की बात की गई।
      • ADMM-Plus की पहली बैठक का आयोजन वर्ष 2010 में हनोई (वियतनाम) में किया गया।
    • उद्देश्य: ADMM-Plus आसियान और इसके आठ संवाद सहयोगी देशों के सुरक्षा संबंधी रणनीतिक संवाद और सहयोग को बढ़ावा देने के लिये उपयुक्त मंच प्रदान करता है।
    • सदस्यता: वर्तमान में  ADMM-Plus में दस आसियान सदस्य देशों के अलावा ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, न्यूज़ीलैंड, कोरिया गणराज्य, रूसी संघ और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं।
    • अध्यक्ष: ADMM-Plus की अध्यक्षता ADMM के सदस्य देशों द्वारा की जाती है।
      • इस वर्ष बैठक की अध्यक्षता वियतनाम ने की
    • उद्देश्य: इसका उद्देश्य अधिक-से-अधिक संवाद और पारदर्शिता के माध्यम से रक्षा प्रतिष्ठानों के बीच आपसी विश्वास और समन्वय को बढ़ावा देना है।
    • सहयोग के क्षेत्र: इसमें समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी कार्रवाई, मानवीय सहायता और आपदा राहत, शांति अभियानों और सैन्य चिकित्सा क्षेत्र शामिल हैं।
  • वर्तमान बैठक उस समय हुई है जब भारत और चीन लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर आमने-सामने हैं, साथ ही दक्षिण चीन सागर में भी तनाव है।
  • बैठक में भारत का रुख:
    • भविष्य: दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के भविष्य को स्वतंत्रता, समावेशिता और स्पष्टता के मूल सिद्धांतों के आधार पर क्षेत्र में मौजूद चुनौतियों के सामूहिक समाधान की उनकी क्षमता द्वारा परिभाषित किया जाएगा।
    • कोविड-19: महामारी से निपटने के लिये सामूहिक और सहयोगी होने की आवश्यकता है।
    • चुनौतियाँ: नियम-आधारित आदेश, समुद्री सुरक्षा, साइबर संबंधी अपराध और आतंकवाद का खतरा।
      • ट्रांस बाउंड्री चुनौतियाँ तेज़ी से बढ़ती जा रही हैं, जिसके लिये ADMM-Plus देशों के मध्य सैन्य बातचीत और सहयोग की आवश्यकता है।
    • सहयोग हेतु उपाय: ADMM-Plus देशों के मध्य क्षेत्रीय प्रशिक्षण और टेबल-टॉप अभ्यास का संचालन एक-दूसरे को समझने, सुरक्षा बढ़ाने तथा क्षेत्र में शांति बनाए रखने के उद्देश्य से महत्त्वपूर्ण उपाय है।
      • उदाहरण: मैत्री (MAITREE) जो एक वार्षिक प्रशिक्षण कार्यक्रम है, इसे वर्ष 2006 से वैकल्पिक रूप से भारत तथा थाईलैंड में आयोजित किया जाता है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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