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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

आसियान की 50वीं वर्षगाँठ

  • 08 Aug 2017
  • 4 min read

संदर्भ 
दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्रों का संगठन आसियान, लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ क्षेत्रीय एकीकरण का एक अनोखा उदाहरण है। इस वर्ष यह संगठन अपनी स्थापना की 50वीं वर्षगाँठ मना रहा है। 

अपनी स्थापना से अब तक इसने साझे आर्थिक विकास की एक महत्त्वपूर्ण यात्रा तय की है, जो अन्य क्षेत्रीय या वैश्विक संगठनों के लिये अनुकरणीय है।    

प्रमुख बिंदु 

  • आसियान का एकीकरण इसके लोकतांत्रिक संस्थानों की परिपक्वता पर निर्भर करता है।
  • अपने विस्तार के दौरान आसियान ने यह सीखा है कि विभिन्न विशेषता वाले देशों को यदि एक साथ लेकर चलना है तो नीतियों और कार्यों में सभी सदस्यों का एकमत का होना कितना आवश्यक है।
  • पिछले कुछ वर्षों में चीन और भारत का एक प्रमुख आर्थिक शक्ति के रूप में उभरने से आसियान पर व्यापार के उदारीकरण को तत्काल प्रभावी करने की आवश्यकता महसूस हुई है।


वर्ष 2007 में आसियान ने माल, सेवाओं, पूंजी और कुशल कर्मियों की मुक्त आवा-जाही के लिये एक वैधानिक चार्टर अपनाया। 

  • वर्ष 2015 में आसियान आर्थिक समुदाय के शुभारंभ के साथ, आसियान एक एकीकृत एकल बाज़ार के रूप में उभरने की अपनी महत्त्वाकांक्षा को साकार करने और एक एकीकृत आवाज़ के साथ शेष विश्व के साथ जुड़ने के लिये तैयार हो गया है।

आर्थिक एकीकरण की धीमी गति

  • आसियान के आलोचकों का कहना है कि इसके वार्षिकी सम्मेलनों के दौरान घोषणाएँ तो बढ़ा–चढ़ा कर की जाती हैं, परंतु ज़मीनी स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती है, जैसे- प्रशुल्कों में कमी तथा अंतर-क्षेत्रीय व्यापार के मसले पर। 
  • यही कारण है कि यूरोपीय संघ की तुलना में आसियान समूह में आर्थिक एकीकरण की गति अपेक्षाकृत धीमी है ।

 आसियान : एक नज़र 

  • आसियान की स्थापना 8 अगस्त,1967 को थाईलैंड की राजधानी बैंकाक में की गई थी।  
  • थाईलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलिपींस और सिंगापुर इसके संस्थापक सदस्य थे।  
  • वर्तमान में ब्रूनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्याँमार, फिलिपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम इसके दस सदस्य हैं। 
  • इसका मुख्यालय इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में है। 

 उद्देश्य 

  • आसियान के सदस्य देश आपस में आर्थिक विकास और समृद्धि को बढ़ावा देने और क्षेत्र में शांति और स्थिरता कायम करने के लिये साझा प्रयास करते हैं। 
  • यह एशिया-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा में एक केंद्रीय भूमिका निभाता है।  
  • चूँकि आसियान इस क्षेत्र को सांस्कृतिक और व्यावसायिक चौराहा प्रस्तुत करता है, इसलिये इसके पास इससे आगे बढ़कर दुनिया के व्यापक हितों को आगे बढ़ाने और संतुलित करने की अनोखी क्षमता है। 
  • इस वर्ष आसियान की अध्यक्षता फिलिपींस के पास है। 
  • इस समूह के गठन का यह 50वाँ वर्ष है।  
  • यह भारत-आसियान संवाद साझेदारी का 25वाँ वर्ष है।
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