आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन अधिगम कौशल के साथ भावी चुनौतियों की तैयारी | 20 Jun 2018
चर्चा में क्यों?
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (IIT-BHU) और अमेज़ॉन इंटरनेट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (AISPL) ने एक सहमति-पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये है।
उद्देश्य
- इसका उद्देश्य अमेज़ॉन वेब सर्विसेज़ (AWS) के शैक्षणिक तक पहुँच सुनिश्चित करके क्लाउड-रेडी रोज़गार कौशल (Cloud-Ready Job Skills) विकसित करना और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence -AI) तथा मशीन अधिगम (Machine Learning -ML) पर एक क्लाउड रिसर्च लैब की स्थापना में आवश्यक मदद करना है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है?
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शुरुआत 1950 के दशक में हुई थी। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का अर्थ है- कृत्रिम तरीके से विकसित की गई बौद्धिक क्षमता।
- इसके ज़रिये कंप्यूटर या रोबोटिक सिस्टम तैयार किया जाता है, जिसे उन्हीं तर्कों के आधार पर चलाने का प्रयास किया जाता है जिनके आधार पर मानव मस्तिष्क काम करता है।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जनक जॉन मैकार्थी के अनुसार, यह बुद्धिमान मशीनों, विशेष रूप से बुद्धिमान कंप्यूटर प्रोग्राम को बनाने की विज्ञान और अभियांत्रिकी है अर्थात् मशीनों द्वारा प्रदर्शित बुद्धिमत्ता है।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंप्यूटर द्वारा नियंत्रित रोबोट या फिर मनुष्य की तरह बौद्धिक ठंग से सोचने वाला सॉफ्टवेयर बनाने का एक तरीका है।
- यह इस बारे में अध्ययन करता है कि मानव मस्तिष्क कैसे सोचता है और समस्या को हल करते समय कैसे सीखता है, कैसे निर्णय लेता है और कैसे काम करता है।
मशीन अधिगम (Machine Learning) क्या है?
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल ऐसे कंप्यूटर प्रोग्रामों के लिये किया जाता है जो उन समस्याओं को हल करने की कोशिश करते हैं, जिन्हें मनुष्य आसानी से कर सकते हैं, जैसे किसी फोटो को देखकर उसके बारे में बताना।
- इसी प्रकार एक अन्य काम जो इंसान आसानी से कर लेते हैं, वह है उदाहरणों से सीखना; मशीन लर्निंग प्रोग्राम भी यही करने की कोशिश करते हैं, यानी कंप्यूटरों को उदाहरणों से सीखने के बारे में बताना।
- इसके लिये बहुत सारे अल्गोरिद्म आदि जुटाने पड़ते हैं, ताकि कंप्यूटर बेहतर अनुमान लगाना सीख सकें। लेकिन अब कम अल्गोरिद्म से भी मशीनों को तेज़ी से सिखाने के लिये उन्हें ज़्यादा कॉमन सेंस देने का प्रयास किया जा रहा है, जिसे तकनीकी भाषा में 'रेग्यूलराइज़ेशन' कहा जाता है।
प्रमुख बिंदु
- क्लाउड रिसर्च लैब विद्यार्थियों को भारत के लिये ऐसी अनुसंधान पहल करनेके लिये AWS क्लाउड प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के अवसर प्रदान करेगी जिसके तहत AI तथा ML पर फोकस किया जाता है।
- यह अत्यंत महत्त्वपूर्ण है क्योंकि अमेज़ॉन क्लाउड कम्प्यूटिंग, डेटा-सेट और कई अन्य ऐसी नई प्रौद्योगिकियों में आवश्यक मुफ्त सेवाएँ मुहैया कराने के लिये IIT-BHU से हाथ मिला रही है जो विद्यार्थियों और शिक्षकों को बेहतर तथा ध्यान केन्द्रित अनुसंधान के लिये सशक्त बनाएंगी।
- जब तक अभिनव उत्पाद नहीं बनाए जाएंगे, तब तक निरंतर समृद्धि हासिल नहीं की जा सकती है। स्पष्टत: इसके लिये देश में हो रहे अनुसंधान एवं नवाचारों को अगले स्तर पर ले जाने की आवश्यकता है।
- इस दिशा में IISc (Indian Institute of Science) स्थित नैनोटेक्नोलॉजी लैब एक और सराहनीय पहल है। इससे लागत में कमी आएगी और समय भी बचेगा क्योंकि विद्यार्थियों द्वारा किये जाने वाले बेहतरीन अनुसंधान से किसान एवं अन्य पक्षों के साथ-साथ समाज के सभी तबके लाभान्वित होंगे।
- मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा प्रदत्त जानकरी के अनुसार, उच्च शिक्षा वित्त एजेंसी (HEFA) के शुभारंभ, अतिरिक्त संसाधनों से भारी-भरकम बजट आवंटन, प्रधानमंत्री अनुसंधान फेलोशिप, इम्प्रिंट स्कीम तथा उच्चतर आविष्कार योजना जैसे कार्यक्रमों की बदौलत भारत में अनुसंधान एवं नवाचार को नया आयाम मिलेगा।
एक्सेंचर रिपोर्ट के अनुसार
- ‘Rewire for Growth’ नामक एक एक्सेंचर रिपोर्ट (Accenture report) के मुताबिक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में वर्ष 2035 तक भारत की अर्थव्यवस्था में लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर का योगदान करने की क्षमता है।
- भारत, एक तेज़ी से विकसित होती अर्थव्यवस्था और दुनिया का दूसरा सबसे बड़ी आबादी राष्ट्र होने के साथ इस क्षेत्र में एक महत्त्वपूर्ण हिस्सेदारी रखता है। स्पष्ट रूप से AI क्रांति को स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण, आधारभूत अवसंरचना, साइबर सुरक्षा और दूसरे अन्य क्षेत्रों में लागू और प्रोत्साहित किये जाने की आवश्यकता है।
अमेज़ॉन वेब सर्विसेज़ का शैक्षणिक कार्यक्रम (AWS Educate program)
- AWS Educate एक वैश्विक कार्यक्रम है जो छात्रों और शिक्षकों के लिये AWS क्लाउड सेवाओं का अनुभव प्राप्त करने के उद्देश्य से सीखने की सामग्री, संसाधनों और AWS प्रोमोशनल क्रेडिट का एक मज़बूत सेट प्रदान करता है।
- इसके तहत छात्र और शिक्षकों की प्रशिक्षक के नेतृत्व वाले वर्गों, ऑन-डिमांड ट्रेनिंग, स्वयं-केंद्रित प्रयोगशालाओं के साथ-साथ तत्कालीन तकनीकी सहायता और समर्थन तक पहुँच सुनिश्चित की जाती है।
भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की संभावनाएँ
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भारत में शैशवावस्था में है, अभी यहाँ कई ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ इसे लेकर प्रयोग किये जा सकते हैं। देश के विकास में इसकी संभावनाओं को देखते हुए उद्योग जगत ने सरकार को सुझाव दिया है कि वह उन क्षेत्रों की पहचान करे जहाँ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल लाभकारी हो सकता है।
- सरकार भी चाहती है कि सुशासन के लिहाज़ से देश में जहाँ संभव हो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जाए। सरकार ने उद्योग जगत से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल के लिये एक मॉडल बनाने में सहयोग करने की अपील की है।
- उद्योग जगत ने सरकार से इसके लिये कुछ बिंदुओं पर फोकस करने को कहा है:
♦ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिये देश में एक अथॉरिटी बने जो इसके विनियम-मानक तय करे और पूरे क्षेत्र की निगरानी करे।
♦ सरकार उन क्षेत्रों की पहचान करे जहाँ प्राथमिकता के आधार पर इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
♦ ऊर्जा, शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, कृषि आदि इसके लिये उपयुक्त क्षेत्र हो सकते हैं।