सेना की मारक क्षमता में इजाफा (Army fire power gets booster shot) | 10 Nov 2018
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारतीय सेना के बेड़े में अमेरिका के M-777 अल्ट्रालाइट होवित्ज़र तोप और दक्षिण कोरियाई K-9 वज्र तोप को आधिकारिक तौर पर शामिल किया गया। इसके अतिरिक्त एक गन टावर को भी सेना में शामिल किया गया।
प्रमुख बिंदु
- सेना द्वारा आखिरी बार 1980 के दशक की शुरुआत में एक तोपखाना प्रणाली- बोफोर्स तोप स्वीडन से खरीदी गई थी। उसके बाद से नई तोपों को खरीदने के प्रयासों में कोई प्रगति नहीं हुई।
- रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत की उपस्थिति में दोनों प्रकार की तीन तोपें सेना में शामिल की गईं। कुल मिलाकर सेना को इस वर्ष 10 K-9 तोपें मिलेंगी।
- इसके अतिरिक्त सेना में शामिल किया जाने वाला तीसरा उपकरण है- आम गन टावर जो कि क्रॉस-कंट्री क्षमता वाला 6x6 वाहन है। भारतीय कंपनी अशोक लेलैंड द्वारा निर्मित यह वाहन मध्यम रेंज की तोपों को ढोने के अनुकूल है।
- अप्रैल 2017 में, भारतीय इंजीनियरिंग समूह लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) और दक्षिण कोरिया के हनवा टेकविन ने K-9 वज्र-टी तोप बनाने के लिये एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किया था।
- व्यापक परीक्षणों के बाद सेना द्वारा हाल ही में इस तोप को शामिल किया गया। यह सौदा 100 तोपों के लिये 4,500 करोड़ रुपये मूल्य का है।
- K-9 वज्र-टी 155 मिमी, 52-कैलिबर की स्व-चालित तोपें है जिनकी मारक क्षमता अधिकतम 40 किमी है। इसकी अग्नि नियंत्रण प्रणाली को रेगिस्तानी स्थितियों के लिये अनुकूलित किया गया है।
- इस समझौते के तहत, पहली 10 तोपें दक्षिण कोरिया से आयात की जाएंगी और शेष भारत में एलएंडटी द्वारा निर्मित की जाएंगी। पहली रेजिमेंट की तैनाती जुलाई 2019 तक होगी और सभी 100 तोपें 2020 तक प्राप्त की जाएंगी।
अमेरिका के साथ होवित्ज़र सौदा
- भारत ने 145 M-777 अल्ट्रालाइट होवित्ज़र तोपों के लिये विदेशी सैन्य बिक्री कार्यक्रम के तहत नवंबर 2016 में अमेरिका के साथ 737 मिलियन डॉलर के सौदे पर हस्ताक्षर किये थे।
- इस समझौते के तहत पच्चीस तोपें आयात की जाएंगी और बाकी को महिंद्रा ग्रुप के साथ साझेदारी में भारत में तैयार किया जाएगा। इनका वितरण 2020 के मध्य तक पूरा हो जाएगा।
- M-777 एक 155 मिमी, 39 कैलिबर की ढोए जाने वाली तोप है। महज चार टन वजनी होने के कारण इसका वहन हेलीकॉप्टर द्वारा भी किया जा सकता है।
- सेना के फील्ड आर्टिलरी रेशनलाइजेशन योजना 1999 के अनुसार, 220 तोपखाना रेजिमेंट्स के लिये विभिन्न प्रकार की 3,000 तोपों को शामिल करने की परिकल्पना की गई है।