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भारतीय राजनीति

विनियोग विधेयक

  • 21 Dec 2022
  • 11 min read

प्रिलिम्स के लिये:

विनियोग विधेयक, भारत की संचित निधि, लोकसभा, राज्यसभा, लेखानुदान, अनुच्छेद 116, वित्त विधेयक, धन विधेयक

मेन्स के लिये:

विनियोग विधेयक, वित्त विधेयक, भारत की संचित निधि 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्रीय वित्त मंत्री ने राज्यसभा में विनियोग (संख्या 5) विधेयक, 2022 और विनियोग (संख्या 4) विधेयक, 2022 पेश किया।

  • विनियोग विधेयक, 2022 को वित्त वर्ष 2022-2023 की सेवाओं के लिये भारत की संचित निधि से और कुछ अतिरिक्त राशियों के भुगतान एवं विनियोग को अधिकृत करने के लाया जाएगा।

विनियोग विधेयक:

  • परिचय:
    • विनियोग विधेयक सरकार को किसी वित्तीय वर्ष के दौरान व्यय की पूर्ति के लिये भारत की संचित निधि से धनराशि निकालने की शक्ति देता है।
      • संविधान के अनुच्छेद 114 के अनुसार, सरकार संसद से अनुमोदन प्राप्त करने के बाद ही संचित निधि से धन निकाल सकती है।
      • निकाली गई राशि का उपयोग वित्तीय वर्ष के दौरान वर्तमान व्यय को पूरा करने के लिये किया जाता है। 
  • प्रक्रिया: 
    • विनियोग विधेयक लोकसभा में बजट प्रस्तावों और अनुदानों की मांगों पर चर्चा के बाद पेश किया जाता है।
      • संसदीय वोटिंग में विनियोग विधेयक के पारित न होने से सरकार को इस्तीफा देना होगा तथा आम चुनाव कराना होगा।
    • लोकसभा द्वारा पारित होने के बाद इसे राज्यसभा को भेजा जाता है।
      • राज्यसभा को इस विधेयक में संशोधन की सिफारिश करने की शक्ति प्राप्त है।
      • हालाँकि राज्यसभा की सिफारिशों को स्वीकार करना या अस्वीकार करना लोकसभा का विशेषाधिकार है।
    • विधेयक को राष्ट्रपति से स्वीकृति मिलने के बाद यह विनियोग अधिनियम बन जाता है।
      • विनियोग विधेयक की अनूठी विशेषता इसका स्व-भंग खंड (auto repeal clause) है, जिससे यह अधिनियम अपने वैधानिक उद्देश्य को पूरा करने के बाद स्वयं ही निरस्त हो जाता है। 
    • विनियोग विधेयक के अधिनियमित होने तक सरकार भारत की संचित निधि से पैसा नहीं निकाल सकती है। हालाँकि इसमें समय लगता है और सरकार को अपनी सामान्य गतिविधियाँ चलाने के लिये धन की आवश्यकता होती है। तत्काल खर्चों को पूरा करने के लिये संविधान ने लोकसभा को वित्तीय वर्ष के एक हिस्से के लिये अग्रिम अनुदान देने हेतु अधिकृत किया है। इस प्रावधान को '‘लेखानुमोदन’' के नाम से जाना जाता है।
      • लेखानुदान को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 116 में परिभाषित किया गया है।
      • चुनावी वर्ष के दौरान सरकार या तो 'अंतरिम बजट' या 'वोट ऑन अकाउंट' का विकल्प चुनती है क्योंकि चुनाव के बाद सत्तारूढ़ सरकार और नीतियाँ बदल सकती हैं।
  • संशोधन: 
    • विनियोग विधेयक में कोई संशोधन प्रस्तावित नहीं किया जा सकता है जिसका प्रभाव इस प्रकार दिये गए किसी अनुदान की राशि में परिवर्तन या गंतव्य को बदलने या भारत की संचित निधि पर प्रभारित किसी व्यय की राशि को बदलने का होगा और लोकसभा अध्यक्ष के निर्णय पर ही ऐसा संशोधन स्वीकार्य है।

विनियोग विधेयक और वित्त विधेयक में अंतर: 

  • वित्त विधेयक में सरकार के व्यय के वित्तपोषण के प्रावधान शामिल हैं, जबकि एक विनियोग विधेयक धन निकालने की मात्रा और उद्देश्य को निर्दिष्ट करता है।
  • विनियोग और वित्त विधेयक दोनों को धन विधेयक के रूप में वर्गीकृत किया जाता है जिसके लिये राज्यसभा की स्पष्ट सहमति की आवश्यकता नहीं होती है। राज्यसभा केवल उन पर चर्चा करती है और विधेयकों को लौटाती है।

भारत की संचित निधि:

  • इसकी स्थापना भारत के संविधान के अनुच्छेद 266 (1) के तहत की गई थी।
  • इसमें समाहित हैं:
    • करों के माध्यम से केंद्र को प्राप्त सभी राजस्व (आयकर, केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सीमा शुल्क और अन्य प्राप्तियाँ) तथा सभी गैर-कर राजस्व।
    • सार्वजनिक अधिसूचना, ट्रेज़री बिल (आंतरिक ऋण) और विदेशी सरकारों तथा अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों (बाहरी ऋण) के माध्यम से केंद्र द्वारा लिये गए सभी ऋण।
  • सभी सरकारी व्यय इसी निधि से पूरे किये जाते हैं (असाधारण मदों को छोड़कर जो लोक लेखा निधि या सार्वजनिक निधि से संबंधित हैं) और संसद के प्राधिकरण के बिना निधि से कोई राशि नहीं निकाली जा सकती।
  • भारत का नियंत्रक और महालेखापरीक्षक (CAG) इस निधि का लेखा परीक्षण करता है।

संसद में बजट की विभिन्न अवस्थाएँ:

  • बजट की प्रस्तुति।
  • आम चर्चा।
  • विभागीय समितियों द्वारा जाँच।
  • अनुदान की मांगों पर मतदान।
  • विनियोग विधेयक पारित करना।
  • वित्त विधेयक पारित करना।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs)  

प्रश्न. निम्नलिखित मे से कौन सी विधियाँ भारत के लोक वित्त पर संसदीय नियंत्रण रखने के काम आती हैं?

  1. संसद के सम्मुख वार्षिक वित्तीय विवरण का प्रस्तुत किया जाना
  2. विनियोग विधेयक के पारित होने के बाद ही भारत की संचित निधि से मुद्रा निकाल पाना
  3. अनुपूरक अनुदानों तथा लेखानुदान का प्रावधान
  4. संसदीय बजट कार्यालय द्वारा समष्टिगत आर्थिक पूर्वानुमानों तथा व्यय हेतु सरकार के कार्यक्रम का एक नियतकालिक अथवा कम-से-कम मध्यवर्षीय पुनरावलोकन
  5. संसद में वित्त विधेयक को प्रस्तुत किया जाना

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1, 2, 3 और 5
(b) केवल 1, 2 और 4
(c) केवल 3, 4 और 5
(d) 1, 2, 3, 4 और 5

उत्तर: (a)

  • संसद सार्वजनिक धन की संरक्षक है, यह विभिन्न माध्यमों से सार्वजनिक वित्त पर नियंत्रण रखती है। विभिन्न संवैधानिक प्रावधान हैं जो संसद को सार्वजनिक वित्त को नियंत्रित करके कार्यपालिका पर नियंत्रण रखने में सक्षम बनाते हैं;
  • अनुच्छेद 266: सरकार के सभी राजस्व और प्राप्तियों को 'समेकित निधि' में जाना चाहिये और धन केवल संसद द्वारा पारित कानूनों के अनुसार ही निधि' से निकाला जा सकता है। अतः 2 सही है।  
  • अनुच्छेद 112: राष्ट्रपति प्रत्येक वित्तीय वर्ष में संसद के समक्ष वार्षिक वित्तीय विवरण प्रस्तुत करेगा। व्यय के प्रभारित और मतदान अनुमान अलग-अलग दिखाए जाएंगे। राजस्व खाते पर व्यय को अन्य व्यय से अलग दिखाया जाना चाहिये । अतः 1 सही है।  
  • वित्त विधेयक संविधान के अनुच्छेद 110 की आवश्यकता को पूरा करने के लिये वार्षिक वित्तीय विवरण प्रस्तुत करते समय पेश किया जाता है जिसमें बजट में प्रस्तावित करों के अधिरोपण, उन्मूलन, छूट, परिवर्तन या विनियमन का विवरण होता है। अतः 5 सही है। 
  • अनुच्छेद 113: प्रभारित व्यय को संसद में मतदान के लिये प्रस्तुत नहीं किया जाना चाहिये। प्राक्कलनों का व्यय अनुदान मांगों के रूप में संसद द्वारा उसके मूल्यांकन हेतु प्रस्तुत किया जाएगा। अनुदान मांगों के लिये राष्ट्रपति की पूर्व सिफारिश आवश्यक है।  
  • अनुच्छेद 114: विनियोग विधेयक के पारित होने के बाद ही संचित निधि से धन की निकासी।
  • अनुच्छेद 115: पूरक, अतिरिक्त या अधिक अनुदान का प्रावधान।
  • अनुच्छेद 116: वोट ऑन अकाउंट, वोट ऑन क्रेडिट और असाधारण अनुदान का प्रावधान। अत: 3 सही है।
  • हालाँकि संसद के बजट कार्यालय द्वारा कार्यक्रमों की मध्य-वर्ष समीक्षा का कोई प्रावधान नहीं है। अतः 4 सही नहीं है। इसलिये विकल्प (a) सही उत्तर है।

प्रश्न. "लेखानुमोदन" और "अंतरिम बजट" में क्या अंतर है? (2011)  

  1. स्थायी सरकार लेखानुमोदन के प्रावधान उपयोग करती है, जबकि कार्यवाहक सरकार "अंतरिम बजट" के प्रावधान का प्रयोग करती है।  
  2. लेखानुमोदन सरकार के बजट के व्यय पक्ष मात्र से संबद्ध होता है, जबकि अंतरिम बजट में व्यय तथा अवती दोनों सम्मिलित होते हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2  
(c) 1 और 2 दोनों 
(d) न तो  1 और न ही 2  

उत्तर: (b)  

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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