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शासन व्यवस्था

खरीद पोर्टलों के एकीकरण के लिये एप्लीकेशन इकोसिस्टम

  • 08 Oct 2021
  • 4 min read

प्रिलिम्स के लिये:

खरीद पोर्टलों के एकीकरण के लिये एक एप्लीकेशन इकोसिस्टम  

मेन्स के लिये:

खरीद पोर्टलों के एकीकरण के लिये एक एप्लीकेशन इकोसिस्टम की आवश्यकता और चुनैतियाँ   

चर्चा में क्यों?

हाल ही में खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने सभी राज्य सरकारों के खरीद पोर्टलों के एकीकरण के लिये एक एप्लीकेशन इकोसिस्टम विकसित किया है।

प्रमुख बिंदु:

  • एप्लीकेशन इकोसिस्टम के बारे में:
    • एप्लीकेशन इकोसिस्टम निगरानी और रणनीतिक निर्णय लेने के लिये न्यूनतम थ्रेसहोल्ड पैरामीटर (MTP) वाले सभी राज्य सरकारों के खरीद पोर्टलों के एकीकरण की अनुमति देगा।
      • खरीद में बिचौलियों से बचने और किसानों के लिये उनकी उपज का सर्वोत्तम मूल्य सुनिश्चित करने हेतु खरीद कार्यों में MTP की शुरुआत किया जाना आवश्यक है।
      • MTP राज्यों के बीच एकरूपता और अंतर-संचालन सुनिश्चित करेगा।
    • MTP के पाँच प्रमुख विवरण हैं जिन्हें राज्यों को अपने खरीद पोर्टलों में दर्ज करना आवश्यक है, जो ऑनलाइन पंजीकरण, किसान डेटा, डिजिटल मंडी और खरीद तथा बिलिंग से संबंधित हैं।
    • केंद्रीय पोर्टल के साथ राज्य पोर्टलों का एकीकरण राज्यों की खरीद के आँकड़ों के मिलान और केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को धन जारी करने में तेज़ी लाने में एक लंबा रास्ता तय करेगा।
  • आवश्यकता:
    • योजनाओं को लागू करने में चुनौतियाँ: 
      • खरीद प्रणालियों में भिन्नता के कारण केंद्र सरकार की योजनाओं को लागू करने के लिये प्रणालीगत और कार्यान्वयन दोनों चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
    • फंडिंग में देरी:
      • विभिन्न राज्यों के साथ खरीद कार्यों का समाधान कभी-कभी एक लंबी प्रक्रिया के तहत हो सकता है, जिससे राज्यों को धन जारी करने में देरी होती है।
    • अक्षमताएँ:
      • इसके अलावा गैर-मानक खरीद संचालन जैसी परिहार्य अक्षमताएँ भी होती हैं, जो खरीद कार्यों में बिचौलियों के रूप में प्रकट होती हैं।
    • मानकीकरण:
      • निगरानी और रणनीतिक निर्णय लेने के लिये कोई अखिल भारतीय मानक खरीद इकोसिस्टम नहीं है।
      • संचालन का मानकीकरण देश को खरीद कार्यों में पारदर्शिता और दक्षता के उच्चतम स्तर की प्राप्ति में मदद करने के लिये आवश्यक है, जो अंततः देश के लोगों के लिये खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
  • लाभ:
    • किसान: वे अपनी उपज को उचित मूल्य पर बेच सकेंगे और संकटग्रस्त बिक्री से बच सकेंगे।
    • खरीद एजेंसियाँ: खरीद संचालन के बेहतर प्रबंधन के साथ, राज्य एजेंसियाँ ​​और भारतीय खाद्य निगम सीमित संसाधनों के साथ कुशलतापूर्वक खरीद करने में सक्षम होंगे।
    • अन्य हितधारक: खरीद कार्यों का स्वचालन और मानकीकरण खाद्यान्नों की खरीद तथा गोदामों में इसके भंडारण का एक एकीकृत दृष्टिकोण प्रदान करेगा।

स्रोत:पीआईबी

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