वार्षिक आर्कटिक रिपोर्ट कार्ड: NOAA | 18 Dec 2023

प्रिलिम्स के लिये:

वार्षिक आर्कटिक रिपोर्ट कार्ड राष्ट्रीय समुद्री और वायुमंडलीय प्रशासन (NOAA), आर्कटिक, पर्माफ्रॉस्ट, ग्लोबल वार्मिंग, ग्रीनलैंड की बर्फ की चादर, जंगल की आग

मेन्स के लिये:

वार्षिक आर्कटिक रिपोर्ट कार्ड: NOAA, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) ने अपना 18वाँ वार्षिक आर्कटिक रिपोर्ट कार्ड जारी किया है, जिसमें आर्कटिक पर अत्यधिक मौसमीऔर जलवायु घटनाओं के गहरे प्रभाव पर प्रकाश डाला गया है।

  • NOAA एक संयुक्त राज्य सरकार एजेंसी है जो मौसम पूर्वानुमान, जलवायु, महासागरों, तटों और यहाँ तक कि बाहरी अंतरिक्ष की खोज़ के बारे में सटीक तथा समय पर जानकारी प्रदान करने के लिये ज़िम्मेदार है।

आर्कटिक रिपोर्ट कार्ड क्या है?

  • यह वर्ष 2006 से प्रति वर्ष जारी किया जाता है, आर्कटिक रिपोर्ट कार्ड ऐतिहासिक रिकॉर्ड के सापेक्ष आर्कटिक पर्यावरण प्रणाली के विभिन्न घटकों की वर्तमान स्थिति पर स्पष्ट, विश्वसनीय तथा संक्षिप्त पर्यावरणीय जानकारी के लिये एक समय पर और सहकर्मी-समीक्षा स्रोत है।

आर्कटिक रिपोर्ट कार्ड की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?

  • उच्च तापमान रिकॉर्ड करना: 
    • वर्ष 2023 में, आर्कटिक में रिकॉर्ड पर सबसे गर्मी थी, जो जलवायु परिवर्तन के कारण वर्ष 1979 के बाद से दुनिया की तुलना में लगभग चार गुना तेज़ी से गर्म हुई है।
    • इस रिकॉर्ड के अनुसार वर्ष 1900 को आर्कटिक में छठा सबसे गर्म वर्ष माना गया
  • बढ़ते तापमान का प्रभाव: 
    • बढ़ते तापमान के कारण अभूतपूर्व वनाग्नि हुई, जिससे समुद्री बर्फ की मात्रा में गिरावट, गंभीर बाढ़, खाद्य असुरक्षा और समुद्र के स्तर में वृद्धि के कारण सामुदायिक निकासी को मजबूर होना पड़ा।
      • ये प्रभाव सीधे पारिस्थितिक तंत्र, मानव स्वास्थ्य और सांस्कृतिक प्रथाओं को प्रभावित करते हैं।
  • समुद्री पर्माफ्रॉस्ट का पिघलना:
    • समुद्र का गर्म तापमान समुद्र के नीचे पर्माफ्रॉस्ट के पिघलने की प्रक्रिया को तेज़ कर रहा है, जिससे मीथेन और कार्बन डाइऑक्साइड निकल रहा है।
    • यह प्रक्रिया ग्लोबल वार्मिंग में योगदान करती है और समुद्र के अम्लीकरण   को बढ़ाती है। इन उत्सर्जित ग्रीनहाउस गैसों की अज्ञात सीमा और प्रभाव के बारे में चिंता है।
  • सैल्मन की गिरावट के कारण खाद्य असुरक्षा:
    • पश्चिमी अलास्का में चिनूक और चुम सैल्मन की आबादी में उल्लेखनीय रूप से कमी देखी गई (क्रमशः 30 वर्ष के औसत से 81% और 92% कम), जिससे जीविका के लिये इन मछलियों पर निर्भर स्वदेशी समुदाय प्रभावित हुए।
    • इस कमी के सांस्कृतिक, खाद्य सुरक्षा और आर्थिक निहितार्थ हैं।
  • आर्कटिक क्षेत्रों में वनाग्नि:
    • कनाडा में जंगल की आग का अब तक का सबसे खराब मौसम रिकॉर्ड किया गया, जिससे आर्कटिक और उत्तरी माने जाने वाले उसके 40% भूभाग पर असर पड़ा।
    • उच्च तापमान और शुष्क परिस्थितियों के कारण उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में 10 मिलियन एकड़ से अधिक भूमि जल गई, जिसके कारण लोगों को स्थान खाली करना पड़ा तथा हवा की गुणवत्ता कम हो गई।
  • ग्लेशियर का पिघलना और बाढ़ आना:
    • पिछले 20 वर्षों में बढ़ते तापमान के कारण अलास्का में स्थित मेंडेनहॉल ग्लेशियर प्रभावी रूप से पिघलता जा रहा है।
    • परिणामस्वरूप, विगत कुछ वर्षों में ग्लेशियर के पिघलने के कारण संबद्ध क्षेत्र में प्रतिवर्ष बाढ़ आती रही है।
      • ऐसी ही एक आपदा अगस्त 2023 में हुई थी, जब अलास्का के जूनो शहर में “मेंडेनहॉल ग्लेशियर की एक सहायक नदी पर एक हिमनदी झील की हिम परत के विघटन से गंभीर बाढ़ एवं अत्यधिक संपत्ति की क्षति हुई”।
  • ग्रीनलैंड की हिम परत का विरलन: 
    • ग्रीनलैंड की हिम परत 34 वर्ष के रिकॉर्ड में केवल पाँचवीं बार पिघली है। इतना ही नहीं, सर्दियों में औसत से अधिक बर्फ जमा होने के बावजूद इसकी हिम परत का द्रव्यमान कम होता रहा। अगस्त 2022 एवं सितंबर 2023 के बीच, इसका द्रव्यमान लगभग 350 ट्रिलियन पाउंड कम हो गया। विशेष रूप से, ग्रीनलैंड की हिम परत का पिघलना समुद्र के स्तर में वृद्धि का दूसरा सबसे बड़ा कारण है।

आर्कटिक क्या है?

  • आर्कटिक पृथ्वी के सबसे उत्तरी भाग में स्थित एक ध्रुवीय क्षेत्र है।
  • आर्कटिक क्षेत्र के भीतर की भूमि में मौसम के अनुसार विभिन्न हिम और हिम का आवरण होता है।
  • इसमें आर्कटिक महासागर, निकटवर्ती समुद्र तथा अलास्का (संयुक्त राज्य अमेरिका), कनाडा, फिनलैंड, ग्रीनलैंड (डेनमार्क), आइसलैंड, नॉर्वे, रूस और स्वीडन के कुछ हिस्से शामिल हैं।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न1. ‘मीथेन हाइड्रेट’ के निक्षेपों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-से सही हैं? (2019)

  1. भूमंडलीय तापन के कारण इन निक्षेपों से मीथेन गैस का निर्मुक्त होना प्रेरित हो सकता है।  
  2. ‘मीथेन हाइड्रेट’ के विशाल निक्षेप उत्तरी ध्रुवीय टुंड्रा में तथा समुद्र अधस्तल के नीचे पाए जाते हैं।  
  3. वायुमंडल में मीथेन एक या दो दशक के बाद कार्बन डाइऑक्साइड में ऑक्सीकृत हो जाती है। 

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: 

(a) केवल 1 और 2 
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (d)

व्याख्या:

  •   ‘मीथेन हाइड्रेट’ बर्फ की एक जालीनुमा पिंजड़े जैसी संरचना है, जिसमें मीथेन अणु बंद होते हैं। यह एक प्रकार की “बर्फ” है जो केवल स्वाभाविक रूप से उपसतह में जमा होती है जहाँ तापमान और दबाव की स्थिति इसके गठन के लिये अनुकूल होती है। 
  • आर्कटिक पर्माफ्रॉस्ट के नीचे मीथेन हाइड्रेट और तलछटी चट्टानी इकाइयों के निर्माण तथा स्थिरता के लिये उपयुक्त तापमान एवं दबाव की स्थिति वाले क्षेत्रों में महाद्वीपीय सीमान्त साथ तलछट जमाव; अंतर्देशीय झीलों एवं समुद्रों के गहरे पानी के तलछट व अंटार्कटिक बर्फ आदि शामिल है। अत: कथन 2 सही है। 
  • मीथेन हाइड्रेट्स जो एक संवेदनशील तलछट है, तापमान में वृद्धि या दबाव में कमी के साथ तेज़ी से पृथक हो सकते हैं। इस पृथक्करण से मुक्त मीथेन और पानी को प्राप्त किया जाता है जिसे ग्लोबल वार्मिंग के द्वारा रोका जा सकता है। अत: कथन 1 सही है। 
  • मीथेन वायुमंडल से लगभग 9 से 12 वर्ष की अवधि में ऑक्सीकृत हो जाती है जहाँ यह कार्बन डाइऑक्साइड में परिवर्तित होती है। अत: कथन 3 सही है। 

अतः विकल्प D सही है।


मेन्स

Q1. आर्कटिक की बर्फ और अंटार्कटिक के ग्लेशियरों का पिघलना किस तरह अलग-अलग ढंग से पृथ्वी पर मौसम के स्वरूप और मनुष्य की गतिविधियों पर प्रभाव डालते हैं? स्पष्ट कीजिये। (2021)

Q2. उत्तरध्रुव सागर में तेल की खोज के क्या आर्थिक महत्त्व हैं और उसके संभव पर्यावरणीय परिणाम क्या होंगे? (2015)